सभी प्रोटेस्टेंट विधर्मताओं में सबसे बड़ी “विधर्मता” क्या है? - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़
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सभी प्रोटेस्टेंट विधर्मताओं में सबसे बड़ी “विधर्मता” क्या है?

आइए हम एक कलीसियाई इतिहास परीक्षा प्रश्न के साथ आरम्भ करते हैं। कार्डिनल रॉबर्ट बेलार्मीन (1542-1621) एक ऐसा व्यक्ति था जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है। वह पोप क्लेमेंट VIII का व्यक्तिगत ईश्वरविज्ञानी था और सोलहवीं शताब्दी के रोमन कैथोलिकवाद के भीतर धर्मसुधार-विरोधी आन्दोलन में सबसे सक्षम व्यक्तियों में से एक था। एक अवसर पर, उसने लिखा: “सभी प्रोटेस्टेंट विधर्मताओं में सबसे बड़ा _____ है।” बेलार्मीन के कथन को पूरा करें, समझाएं और चर्चा करें।

आप कैसे उत्तर देंगे? सभी प्रोटेस्टेंट विधर्मताओं में सबसे बड़ी विधर्मता क्या है? सम्भवत: विश्वास से धर्मी ठहराया जाना? सम्भवत: केवल पवित्रशास्त्र, या अन्य धर्मसुधारवादी शब्दों में से एक?

वे उत्तर तार्किक अर्थ रखते हैं। पर उनमें से कोई भी बेलार्मीन के वाक्य को पूरा नहीं करते हैं। उसने लिखा: “सभी प्रोटेस्टेंट विधर्मताओं में सबसे बड़ी विधर्मता, आश्वासन है।”

एक क्षण के लिए मनन करना इस के लिए कारण समझाता है। यदि धर्मी ठहराया जाना केवल विश्वास के द्वारा, केवल मसीह में, केवल अनुग्रह द्वारा नहीं है—यदि विश्वास को कार्यों के द्वारा पूरा करने की आवश्यकता होती; यदि मसीह का कार्य किसी तरह दोहराया जाता; यदि अनुग्रह निशुल्क और संप्रभुता से नहीं होता, तो सदैव कुछ करने की आवश्यकता है, जिसको “जोड़ने” से अन्तिम धर्मी ठहराया जाना हमारा हो सकता है। समस्या वही है। यदि अन्तत: धर्मी ठहराया जाना किसी वस्तु पर निर्भर है जिसे हमें पूरा करना पड़ता है, तो उद्धार के आश्वासन का आनन्द लेना सम्भव नहीं है। क्योंकि तब, ईश्वरविज्ञानिय रीति से, अन्तत: धर्मी ठहराया जाना आकस्मिक और अनिश्चित है, और किसी के लिए भी उद्धार के विषय में निश्चित होना असम्भव है (विशेष प्रकाशन के बिना, रोम ने स्वीकार किया)। पर यदि मसीह ने सब कुछ किया है, यदि धर्मी ठहराया जाना अनुग्रह के द्वारा है, बिना कार्यों के योगदान के; यह विश्वास द्वारा खाली हाथों से ग्रहण किया जाता है—फिर आश्वासन, यहाँ तक ​​कि “पूर्ण आश्वासन” प्रत्येक विश्वासी के लिए सम्भव है।

तभी बेलार्मीन सोचता था कि पूर्ण, निशुल्क, असीम अनुग्रह खतरनाक है! तभी धर्मसुधारक इब्रानियों की पत्री से प्रेम करते थे!

इसी कारण, जैसा कि इब्रानियों का लेखक मसीह के कार्य की व्याख्या के चर्मोत्कर्ष पर थोड़ी देर के लिए रुकता है (इब्रानियों 10:18), वह पौलुस के समान “इसलिए” (इब्रानियों 10:19) के साथ अपने तर्क को जारी रखता है। उसके बाद वह हमें “विश्वास के पूर्ण आश्वासन के साथ… पास आने” के लिए आग्रह करता है (इब्रानियों 10:22)। हमें उसके “इसलिए” की तार्किक शक्ति को देखने के लिए पूरी पत्री को फिर से पढ़ने की आवश्यकता नहीं है। मसीह हमारा महायाजक है; हमारे हृदय पर छिड़काव द्वारा एक दोषी विवेक को शुद्ध किया गया है जैसे हमारे शरीर को शुद्ध पानी से धोया गया है (पद 22)।

मसीह एक ही बार-सभी के लिए, हमारे पापों के लिए बलिदान बन गया है, और हमारे प्रतिनिधि याजक के रूप में अविनाशी जीवन की सामर्थ्य में उठाया गया है। उस पर विश्वास करने के द्वारा, हम परमेश्वर के सिंहासन के समक्ष वैसे ही धर्मी हैं जैसा वह धर्मी है। क्योंकि हम उसकी धार्मिकता में धर्मी ठहराए गए हैं, हमारी धार्मिकता केवल उसकी है! और इसकी अपेक्षा कि वह स्वर्ग से गिर सकता है हम उसके धर्मी ठहराए जाने को नहीं खो सकते हैं। इस प्रकार हमारे धर्मी ठहराए जाने को मसीह के कार्य से अधिक अन्य द्वारा पूरा करने की आवश्यकता नहीं है।

इसे ध्यान में रखते हुए, लेखक कहता है, “उसने एक ही बलिदान के द्वारा उनको जो पवित्र किए जाते हैं सदा के लिए सिद्ध कर दिया है” (इब्रानियों 10:14)। हम पूरी आश्वासन के साथ परमेश्वर के सामने खड़े हो सकते हैं क्योंकि हमारे पास अब अपने “विवेक का दोष दूर करने के लिए हृदय पर छिड़काव…शुद्ध जल से देह को धोए जाने” (इब्रानियों 10:22) का अनुभव है।

“आह,” कार्डिनल बेलार्मीन का रोम के लिए उत्तर था, “यह सिखाएं और जो लोग इस पर विश्वास करते हैं वे अनुज्ञापत्र (कानूनी अनुमति) और एन्टीनॉमिएनिज़्म (व्यवस्था के विपरीत) में जीविन जिएंगे।” लेकिन इब्रानियों के तर्क को सुनिए। इस आश्वासन का आनन्द चार बातों की ओर ले जाता है: पहला, हमारी एक मात्र आशा के रूप में यीशु मसीह में विश्वास के लिए हमारे अंगीकार के प्रति दृढ़ विश्वासयोग्ता की ओर (पद 23); दूसरा, इस बात पर ध्यान देना कि हम एक-दूसरे को “प्रेम करने तथा भलाई करने” के लिए कैसे प्रोत्साहित कर सकते हैं (पद 24); तीसरा, आराधना में अन्य मसीहियों के साथ चल रहे प्रभु-भोज तथा हमारी संगति का हर पहलू (पद 25अ); चौथा, एक जीवन जिसमें हम एक-दूसरे को मसीह की ओर देखते रहने में और उसके प्रति विश्वासयोग्य रहने के लिए प्रेरित करते हैं, जब उसके वापस आने का समय निकट आता है (25 ब)।

एक अच्छा पेड़ ही अच्छे फल उत्पन्न करता है, न कि इसका विपरीत। हम कामों के द्वारा नहीं बचते हैं; हम काम करने के लिए बचाए जाते हैं। वास्तव में हम काम करने के लिए परमेश्वर की कारीगरी हैं (इफिसियों 2:9-10)! इस प्रकार, नैतिक और आत्मिक उपेक्षा के जीवन की ओर ले जाने के स्थान पर, यीशु मसीह का एक बार के लिए काम और पूर्ण-आश्वासन विश्वास जो इसे उत्पन्न करता है, विश्वासियों को परमेश्वर की महिमा और आनन्द के लिए जीने के लिए सबसे सामर्थी प्रेरणा प्रदान करता है। इसके साथ ही, यह पूरा आश्वासन इस तथ्य में निहित है कि परमेश्वर ने स्वयं हमारे लिए यह सब किया है। उसने मसीह में अपना हृदय प्रकट किया है। पिता को हमें प्रेम करने के लिए मनाने के लिए मसीह की मृत्यु की आवश्यकता नहीं है। मसीह मरा क्योंकि पिता हमसे प्रेम करता है (यूहन्ना 3:16)। वह अपने पुत्र के लिए इस बुरे अभिप्राय की भावना से घात में नहीं रहता है कि उसके साथ बुरा करे- क्या यह उस बलिदान के लिए नहीं था जो उसके पुत्र ने बनाया था! नहीं, हजार बार नहीं! – पिता स्वयं पुत्र के प्रेम में और आत्मा के प्रेम में हमसे प्रेम करता है।

जो लोग इस तरह के आश्वासन का आनन्द लेते हैं, वे संतों या मरियम के पास नहीं जाते हैं। जो लोग केवल यीशु को देखते हैं उन्हें कहीं और देखने की आवश्यकता नहीं है। उसी में हम उद्धार के पूर्ण आश्वासन का आनन्द लेते हैं। सभी विधर्मिताओं में सबसे बड़ी? यदि विधर्मिता, तो मुझे इस सबसे धन्य “विधर्मिता” का आनन्द लेने दो! क्योंकि यही परमेश्वर के स्वयं का सत्य और अनुग्रह है!

यह लेख मूलतः लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ ब्लॉग में प्रकाशित किया गया।

सिनक्लेयर बी. फर्गसन
सिनक्लेयर बी. फर्गसन
डॉ. सिनक्लेयर बी. फर्गसन लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ के एक सह शिक्षक हैं और रिफॉर्म्ड थियोलॉजिकल सेमिनरी विधिवत ईश्वरविज्ञान के चान्सलर्स प्रोफेसर हैं। वह मेच्योरिटी नामक पुस्तक के साथ-साथ कई अन्य पुस्तकों के लेखक हैं।