लेख

30 अक्टूबर 2025

बाइबल किसने लिखी?

बाइबल किसने लिखी? परमेश्वर ने। यदि इसे अधिक सटीक रूप में कहें तो, परमेश्वर वह ईश्वरीय लेखक है जिसने विभिन्न मानवीय लेखकों का उपयोग करके वही लिखा जो वह लिखवाना चाहता था। अर्थात्, परमेश्वर प्राथमिक लेखक है और मनुष्य द्वितीयक लेखक हैं। इस प्रकार की द्वैध लेखन-शैली का उल्लेख सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र में मिलता है। उदाहरण के लिए: “यह सब इसलिये हुआ कि जो प्रभु [प्राथमिक लेखक] ने भविष्यद्वक्ता [यशायाह, द्वितीयक लेखक] के द्वारा कहा था, वह पूरा हो” (मत्ती 1:22; साथ ही देखें मरकुस 12:36; इब्रानियों 3:7 और 4:7; 2 पतरस 1:21)।
28 अक्टूबर 2025

कैल्विनवाद क्या है?

कैल्विनवाद एक ऐसा शब्द है जिसे स्वयं जॉन कैल्विन पसन्द नहीं करते थे, और जो प्रायः गलत धारणा उत्पन्न करता है। यह शब्द मूल रूप से लूथरन लोगों द्वारा उपहास के रूप में उपयोग किया गया था, जिससे कि वे प्रभु भोज के सम्बन्ध में धर्मसुधारवादी धर्मसिद्धान्त से स्वयं को अलग दिखा सकें।
23 अक्टूबर 2025

आत्मा का फल क्या है?

आत्मा का फल नौ सद्गुणों की एक सूची है, जो प्रेरित पौलुस द्वारा गलातियों 5:22–23 में दी गई हैं। यह सूची पापपूर्ण दुर्गुणों  ("शरीर के कार्यों") की एक लम्बी सूची के प्रत्युत्तर में आती है जो मानव अस्तित्व की निराशाजनक और क्रूर चित्र को दिखाते हैं - जैसे क्रोध, मतभेद और ईर्ष्या (गलातियों 5:19-21)। इसके (विपरीत) में, “आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, शान्ति, धीरज, दयालुता, भलाई, विश्वस्तता, नम्रता व संंयम हैं।” इस संक्षिप्त सूची का सीधा प्रभाव इस बात पर पड़ता है कि हम कौन हैं और मसीही होने के नाते हम क्या करते हैं।

लेख

30 अक्टूबर 2025

बाइबल किसने लिखी?

बाइबल किसने लिखी? परमेश्वर ने। यदि इसे अधिक सटीक रूप में कहें तो, परमेश्वर वह ईश्वरीय लेखक है जिसने विभिन्न मानवीय लेखकों का उपयोग करके वही लिखा जो वह लिखवाना चाहता था। अर्थात्, परमेश्वर प्राथमिक लेखक है और मनुष्य द्वितीयक लेखक हैं। इस प्रकार की द्वैध लेखन-शैली का उल्लेख सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र में मिलता है। उदाहरण के लिए: “यह सब इसलिये हुआ कि जो प्रभु [प्राथमिक लेखक] ने भविष्यद्वक्ता [यशायाह, द्वितीयक लेखक] के द्वारा कहा था, वह पूरा हो” (मत्ती 1:22; साथ ही देखें मरकुस 12:36; इब्रानियों 3:7 और 4:7; 2 पतरस 1:21)।
28 अक्टूबर 2025

कैल्विनवाद क्या है?

कैल्विनवाद एक ऐसा शब्द है जिसे स्वयं जॉन कैल्विन पसन्द नहीं करते थे, और जो प्रायः गलत धारणा उत्पन्न करता है। यह शब्द मूल रूप से लूथरन लोगों द्वारा उपहास के रूप में उपयोग किया गया था, जिससे कि वे प्रभु भोज के सम्बन्ध में धर्मसुधारवादी धर्मसिद्धान्त से स्वयं को अलग दिखा सकें।