मूसा ने एक कुछ क्षणों के लिए पवित्र परमेश्वर से भेंट की, और वह जितना निकट गया, उतनी ही वह भयभीत हुआ। उसने परमेश्वर की वाणी को उसे एक विशेष कार्य के लिए भेजते हुए सुना, और उसका भय सन्देह में बदल गया: “मैं कौन हूँ जो इस कार्य को करने जाऊँ?” और प्रतिउत्तर में परमेश्वर ने कहा, “मैं तेरे साथ रहूँगा” (निर्गमन 3:12)।