आर.सी. स्प्रोल - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़

लिग्निएर का ब्लॉग

हम डॉ. आर. सी. स्प्रोल का शिक्षण संघ हैं। हम इसलिए अस्तित्व में हैं ताकि हम जितने अधिक लोगों तक सम्भव हो परमेश्वर की पवित्रता को उसकी सम्पूर्णता में घोषित करें, सिखाएं और रक्षा करें। हमारा कार्य, उत्साह, और उद्देश्य है कि हम लोगों को परमेश्वर के ज्ञान और उसकी पवित्रता में बढ़ने में सहायता करें।

 
4 अप्रैल 2025

सच्ची क्षमा कैसी दिखती है?

यीशु के दृष्टान्त नामक शृंखला में अपने उपदेश के इस अंश में, आर. सी. स्प्रोल हमें याद दिलाए हैं कि सच्ची क्षमा कैसी दिखती है।
4 अप्रैल 2025

दया बनाम अन्याय

यीशु के दृष्टान्त नामक शृंखला में अपने उपदेश के इस अंश में, आर. सी. स्प्रोल दया और अन्याय के बीच के अन्तर को दिखाते हैं।
12 जून 2024

एक, पवित्र, विश्वव्यापी, और प्रेरितीय कलीसिया

हम कहते हैं “परमेश्वर के अधीन, अदृश्य, स्वतंत्रता के साथ, एक राष्ट्र . . .” हम इसके विषय में पूर्ण तर्क देते हैं (विशेषकर “परमेश्वर के अधीन” वाले भाग पर)।
15 मई 2024

मेरे जीवन के लिए परमेश्वर की इच्छा क्या है?

परमेश्वर की अगुवाई के विषय में बाइबल क्या कहती है? यह कहती है कि यदि हम परमेश्वर को स्मरण करके अपने सब कार्य करें तो वह हमारे लिए सीधा मार्ग निकालेगा (नीतिवचन 3:5-6)।
13 मई 2024

प्रचार में उदाहरणों के उपयोग की आवश्यकता

हमारा भरोसा तकनीकों पर नहीं है। फिर भी, मार्टिन लूथर ने संचार (communication) के कुछ सिद्धान्तों की शिक्षा को जिन्हें वह महत्वपूर्ण मानते थे तिरस्कृत नहीं किया।
10 मई 2024

क्या यीशु पाप करने में समर्थ था?

भूतकाल और वर्तमान काल के सर्वोत्तम ईश्वरविज्ञानी इस प्रश्न पर एक मत नहीं हैं कि क्या यीशु पाप करने में समर्थ था।
8 मई 2024

एक्लेसिया: बुलाए हुए लोग

पहाड़ पर, यीशु ने "जिन्हें चाहा, उन्हें अपने पास बुलाया" (मरकुस 3:13)।
6 मई 2024

विधिवत् ईश्वरविज्ञान के स्रोत

विधिवत् ईश्वरविज्ञानी के लिए प्रमुख स्रोत बाइबल है। वास्तव मेें, ईश्वरविज्ञान के अध्ययन की तीनों विद्याशाखाओं (disciplines) के लिए बाइबल ही प्राथमिक स्रोत है: बाइबलीय (Biblical) ईश्वरविज्ञान, ऐतिहासिक (Historical) ईश्वरविज्ञान, और विधिवत् (Systematic) ईश्वरविज्ञान। 
21 मार्च 2023

यदि परमेश्वर सम्प्रभु है, तो हम प्रार्थना क्यों करें?

परमेश्वर की दृष्टि से कुछ भी छिपता नहीं है; कुछ भी उसकी सामर्थ्य की सीमाओं के परे नहीं है। परमेश्वर सब वस्तुओं पर अधिकार रखता है।