क्या यीशु पाप करने में समर्थ था? - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ %

क्या यीशु पाप करने में समर्थ था?

भूतकाल और वर्तमान काल के सर्वोत्तम ईश्वरविज्ञानी इस प्रश्न पर एक मत नहीं हैं कि क्या यीशु पाप करने में समर्थ था। मेरा मानना ​​है कि क्योंकि यीशु पूर्ण रूप से मनुष्य था, इसलिए उसके लिए पाप करना सम्भव था। स्पष्ट है कि ईश्वरीय स्वभाव पाप नहीं कर सकता। परन्तु यदि ख्रीष्ट के ईश्वरीय स्वभाव ने उसे पाप करने से रोका, तो दूसरे आदम के रूप में उसने किस अर्थ में परमेश्वर की व्यवस्था का पालन किया? अपने जन्म के समय नैतिक क्षमताओं के सम्बन्ध में यीशु का मानवीय स्वभाव ठीक वैसा ही था जैसा पतन से पहले आदम का था। यीशु के पास वह था, जिसे ऑगस्टीन ने पासे पेकारे और पासे नॉन पेकारे कहा था, अर्थात पाप करने की क्षमता और पाप न करने की क्षमता। आदम ने पाप किया; यीशु ने नहीं किया। शैतान ने यीशु को भ्रष्ट करने और उसे पाप करने के लिए प्रलोभित करने के लिए अपनी शक्ति में सब कुछ किया। यदि वह ईश्वरीय व्यक्ति को पाप करने के लिए प्रलोभित करने का प्रयास कर रहा होता तो यह व्यर्थ का प्रयास होता। शैतान परमेश्वर से पाप करवाने का प्रयास नहीं कर रहा था। वह ख्रीष्ट  के मानवीय स्वभाव से पाप कराने का प्रयास कर रहा था, जिससे कि वह उद्धारकर्ता बनने के योग्य न बन सके। 

साथ ही, पवित्र आत्मा ने ख्रीष्ट को अद्वितीय रूप से पवित्र या अलग किया था और उसकी सेवा की थी। पाप करने के लिए व्यक्ति में पाप की इच्छा होनी चाहिए। लेकिन जीवन भर यीशु का मानवीय स्वभाव धार्मिकता के प्रति उत्साह से चिह्नित था। उसने कहा, “मेरा भोजन यह है कि मेरे भेजने वाले की इच्छा पूरी करूँ” (यूहन्ना 4:34)। जब तक यीशु के मन में पाप करने की कोई इच्छा नहीं थी, वह पाप नहीं कर सकता था। मैं त्रुटिपूर्ण हो सकता हूँ, परन्तु मेरा मानना है कि यह विश्वास करना त्रुटिपूर्ण है कि यीशु ख्रीष्ट के ईश्वरीय स्वभाव ने उसके मानवीय स्वभाव के लिए पाप करना असम्भव बना दिया था। यदि ऐसा होता, तो प्रलोभन, परीक्षाएँ और उसके द्वारा पहले आदम के उत्तरदायित्व को निभाना- यह सब छलावा होता। यह दृष्टिकोण मानव स्वभाव की प्रामाणिकता की सत्यता की रक्षा करता है, क्योंकि यह मानव स्वभाव ही था जिसने हमारी ओर से दूसरे आदम के लक्ष्य को पूरा किया। यह मानव स्वभाव था जिसे पवित्र आत्मा द्वारा अद्वितीय रूप से असीमित मात्रा में अभिषिक्त किया गया था।

 यह लेख मूलतः लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ ब्लॉग में प्रकाशित किया गया।

आर.सी. स्प्रोल
आर.सी. स्प्रोल
डॉ. आर.सी. स्प्रोल लिग्नेएर मिनिस्ट्रीज़ के संस्थापक, सैनफर्ड फ्लॉरिडा में सेंट ऐन्ड्रूज़ चैपल के पहले प्रचार और शिक्षण के सेवक, तथा रेफर्मेशन बाइबल कॉलेज के पहले कुलाधिपति थे। वह सौ से अधिक पुस्तकों के लेखक थे, जिसमें द होलीनेस ऑफ गॉड भी सम्मिलित है।