24 फ़रवरी 2023
सीमित प्रायश्चित्त का सिद्धान्त (जिसे “निश्चित्त प्रायश्चित्त” या “विशिष्ट छुटकारा” भी कहा जाता है) कहता है कि ख्रीष्ट का प्रायश्चित्त चुने हुए लोगों तक (परिसीमा और उद्देश्य में) सीमित था; यीशु ने संसार के सब लोगों के पापों के लिए प्रायश्चित्त नहीं किया।