परमेश्वर का आत्मसन्तोष का प्रेम

क्या परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की है कि वह हर बात से भलाई ही को उत्पन्न करेगा? और यदि हाँ, तो क्या यह प्रतिज्ञा सभी पर समान रूप से लागू होती है? इस पाठ में, डॉ स्प्रोल मानवीय आत्मसंतुष्टि जो कि एक उदासीन, लापरवाह, आत्ममुग्ध संतुष्टि है और परमेश्वर की प्रसन्नता के प्रेम के बीच भेद करते हैं जो उसके छुड़ाए हुए लोगों के साथ सम्बन्ध से प्रसन्न रहता है |