शत्रु का सामना करना

मसीही बनने का अर्थ अंधकार के राज्य से ज्योति के राज्य में आना है। जब ऐसा होता है, तो मसीही विश्वासियों को एक नया शत्रु और विरोधी भी मिलता है: शैतान। जब शैतान की बात आती है तो मसीहियों के लिए इस विषय में दो रीतियों में से एक में त्रृटि करना आसान होता है। एक ओर, हम उस पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, और दूसरी ओर, हम उसके प्रभाव की शक्ति को पहचानने में विफल हो सकते हैं। इस व्याख्यान में, डॉ. फर्गसन हमारे शत्रु के स्वभाव का वर्णन करते हैं, साथ ही साथ वे उन संसाधनों के विषय में भी बताते हैं जो उसके विरुद्ध लड़ने के लिए हमारे पास हैं।