न्यायिओं की पुस्तक के विषय में 3 बातें जो आपको जाननी चाहिए
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20 फ़रवरी 2024रूत की पुस्तक के विषय में 3 बातें जो आपको जाननी चाहिए
हम रूत की पुस्तक से प्रीति रखते हैं क्योंकि यह रूत और बोअज़ के आनन्ददायक प्रणय का वर्णन करती है। हम इससे प्रीति रखते हैं क्योंकि यह मधुर विडम्बना (irony) से भरपूर है, जिसका उद्देश्य हमें परमेश्वर की भलाई पर आनन्द से हँसाना है। हम इससे प्रीति रखते हैं क्योंकि यह एक ऐसी कहानी है, जो योद्धाओं, न्यायिओं या राजाओं के पराक्रम के कार्यों पर केन्द्रित नहीं है, वरन् दो निराश्रित महिलाओं पर केन्द्रित है, जो पुनः पूर्णता और आशा का मार्ग खोजने का प्रयास करती हैं। परन्तु रूत की पुस्तक में और भी बहुत कुछ है।
1. पाप के कुटिल कदम
सबसे पहले, नाओमी और एलिमेलेक के छोड़ कर जाने के दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय के आरम्भिक वृत्तान्त में हम प्रतीयमानतः (ऊपर से देखने में) ऐसे उचित निर्णय देखते हैं, जिनमें से प्रत्येक ने परिवार को छद्मपूर्ण रूप से धीरे-धीरे परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं से दूर कर दिया। एलीमेलेक और उसके दो पुत्रों महलोन और किल्योन की मृत्यु की त्रासदी, और नाओमी और रूत के साथ इस्राएल लौटने के स्थान पर मोआब के घर जाने के लिए ओर्पा का वापस लौटना, ये सभी घटनाएँ उस परिवार के विषय में बताती हैं, जो कभी परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्यता में चलता था परन्तु मार्ग से भटक गया था। एलीमेलेक के नाम का अर्थ है “मेरा परमेश्वर राजा है।” परन्तु सृष्टि-उपासकों (मूर्तिपूजकों) की पुत्रियों के साथ उसके पुत्रों का अन्तर्विवाह और मोआब की दृश्यमान (ऊपर से देखने में) समृद्धि के लिए प्रतिज्ञा किए गए देश का त्याग—ये सभी बातें उसकी अदूरदर्शिता को दर्शाती हैं। अकाल उन चेतावनीपूर्ण अभिशापों में से एक था जिसे परमेश्वर ने अपने लोगों पर उनके वाचा तोड़ने के कारण भेजने की प्रतिज्ञा की थी (व्यवस्थाविवरण 28:15-18, 38-40)। परन्तु ऐसा लगता है कि परमेश्वर के वचन को स्मरण करने, देश में बसे रहने और वाचा तोड़ने के लिए पश्चाताप करने के स्थान पर, एलिमेलेक ने ईश्वरीय प्रावधान को इस प्रकार से तर्क करते हुए भाँपने का प्रयास किया, “क्योंकि मोआब में कोई अकाल नहीं है, इसका अर्थ यह है कि हमें वहाँ चले जाना चाहिए।” परन्तु हम कभी भी ईश्वरीय प्रावधान के कुशल व्याख्याकार नहीं हो सकते हैं। हमें परमेश्वर के वचन को अपने जीवन पर राज्य करने देना चाहिए, न कि अपने व्यक्तिगत विचारों के निष्कर्षों को।
2. परमेश्वर का उदार अनुग्रह
ओर्पा के विपरीत, रूत ने नाओमी के साथ बने रहने और नाओमी के लोगों और परमेश्वर को अपना बनाने का संकल्प लिया। उसका हृदय-परिवर्तन हो गया था। कहानी का शेष भाग वाचा-समुदाय (covenant-community) में इस मोआबिन के स्वागत को अद्भुत ढंग से दर्शाता है। यीशु ख्रीष्ट के राज्य में प्रत्येक गोत्र और भाषा और जाति (nation) से उस पर विश्वास करने वाले पापियों का स्वागत है। जैसा कि हम देखते हैं प्रायः इब्रानी विधवा नाओमी अपनी पूर्व में मूर्तिपूजक रही बहू की तुलना में अधिक मोआबिन प्रतीत होती है। उदाहरण के लिए, स्थल से ऐसा प्रतीत होता है कि वह रूत को बोअज़ को देर रात खलिहान में एक कठिन परिस्थिति में डालने के लिए प्रोत्साहित करती, जिससे कि रूत को पति मिल सके। परन्तु बोअज़ परमेश्वर का पुरुष था, और उसकी सत्यनिष्ठा और दयालुता रूत को विवाह द्वारा वाचा-समुदाय में ले आई और नाओमी को कड़वाहट से वापस नए आनन्द में ले आई। हम यह भी कह सकते हैं कि रूत की पुस्तक जितनी रूत के सर्वशक्तिमान के पंखों के नीचे आने के विषय में है, उतनी ही नाओमी को उसके दुखभरे भटकाव से वापस लाने के विषय में भी है।
और इसमें, बोअज़, छुड़ानेवाला कुटुम्बी (kinsman redeemer), हमें प्रभु यीशु ख्रीष्ट की ओर संकेत करता है। छुड़ानेवाले कुटुम्बी का कर्तव्य उन भू-सम्पत्तियों पर स्वामित्व लेना था जो कभी मृत सम्बन्धी की थी जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस्राएल में उसका आवंटन परिवार में बना रहे। स्वाभाविक रूप से, इसने इस भूमिका में सेवा देने की प्रत्याशा (prospect) को सशक्त रूप से लाभदायक बना दिया था। परन्तु इस प्रसंग में नाओमी का भरण-पोषण करने, रूत से विवाह करने और एलीमेलेक के लिए एक उत्तराधिकारी को बड़ा करने जैसे अतिरिक्त कर्तव्य भी सम्मिलित थे। इस विवाह से उत्पन्न बच्चे को एलीमेलेक की भू-संपत्ति मीरास में मिलेगी और फिर यह छुड़ाने वाले की नहीं रहेगी।
रूत की पुस्तक में एक और छुड़ानेवाला कुटुम्बी (kinsman redeemer) था, जिसका बोअज़ से पहले अधिकार था। जब उसे सम्भावित भूमि और सम्पत्ति के विषय में पता चला, तो वह आरम्भ में उत्सुक था। परन्तु जब उसने दो स्त्रीओं और एलीमेलेक को उत्तराधिकारी प्रदान करने के कर्तव्य के विषय में सुना, तो उसने उदासीनता दिखाई। एलीमेलेक के परिवार के प्रति उसका कर्तव्य सरलता से भूमि से उसे होने वाले लाभ से कहीं अधिक महंगा पड़ सकता था। परन्तु बोअज़ को ऐसी कोई चिन्ता नहीं थी। वह सारे व्यय वहन करने और सारा बोझ उठाने को तैयार था। यहाँ रूत की पुस्तक में सुसमाचार की एक और झलक है, क्योंकि हमारे पास यीशु ख्रीष्ट में एक सच्चा और सिद्ध छुड़ानेवाला कुटुम्बी ( (kinsman redeemer) है, जिसने अपने जीवन की भयानक मूल्य पर कलीसिया को अपनी दुल्हन बनाने के लिए प्रसन्नतापूर्वक अपना सब कुछ दे दिया।
3. ओबेद की साधारण उत्पत्ति
पुस्तक रूत और बोअज़ के विवाह और उनके पुत्र, एलीमेलेक के उत्तराधिकारी, ओबेद के जन्म के साथ समाप्त होती है। कथावाचक (narrator) रूत के गर्भधारण के लिए एक वाक्यांश का उपयोग करता है जो इब्रानी बाइबल में केवल दो बार उपयोग किया गया है, सबसे प्रमुख रूप से उत्पत्ति 3:16 में हव्वा को दिए गए शाप में। हव्वा गर्भवती होगी और कष्ट के साथ बच्चों को जन्म देगी, फिर भी उसका बीज एक दिन साँप के सिर को कुचल देगा। रूत को एक नई हव्वा के रूप में चित्रित किया गया है, और उसका पुत्र प्रतिज्ञा किया हुआ बच्चा है जो परमेश्वर के उद्देश्यों को पूरा करेगा (ओबेद का अर्थ है “दास”)। हमें पता चलता है कि ओबेद यिशै का पिता है, और यिशै दाऊद का पिता है।
रूत की पुस्तक न्यायिओं के समय के घटनाक्रम का पता लगाने से आरम्भ हुई, जब कोई राजा नहीं था और प्रत्येक वही किया करता था जो उसकी दृष्टि में सही था (न्यायियों 21:25)। परन्तु अब हम एक अमहत्त्वपूर्ण परिवार की देखने में साधारण लगने वाली बातों में परमेश्वर की सम्प्रभु योजना को कार्य करते हुए देखते हैं। वह राजा दाऊद के जन्म को सुनिश्चित करने के लिए और दाऊद के माध्यम से राजाओं के राजा, प्रभु यीशु ख्रीष्ट, दुःख उठाने वाले सेवक को सुनिश्चित करने के लिए सभी बातों को बुन रहा था। यीशु साधारण मूल से आता है। वह हम में से एक है। और क्योंकि वह है, वह हमारे स्थान पर खड़ा हो सकता है और वह हमारी दुर्बलताओं में हमारे साथ सहानुभूति रख सकता है।
यह लेख मूलतः लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ ब्लॉग में प्रकाशित किया गया।