3 बातें जो आपको 1, 2, 3 यूहन्ना के विषय में पता होनी चाहिए। - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ %
3 Things You Should Know about Proverbs
3 बातें जो आपको नीतिवचन के विषय में पता होनी चाहिए।
4 मार्च 2025
3 Things You Should Know about Habakkuk
3 बातें जो आपको हबक्कूक के विषय में पता होनी चाहिए।
11 मार्च 2025
3 Things You Should Know about Proverbs
3 बातें जो आपको नीतिवचन के विषय में पता होनी चाहिए।
4 मार्च 2025
3 Things You Should Know about Habakkuk
3 बातें जो आपको हबक्कूक के विषय में पता होनी चाहिए।
11 मार्च 2025

3 बातें जो आपको 1, 2, 3 यूहन्ना के विषय में पता होनी चाहिए।

3 Things You Should Know about 1, 2, 3, John

बाइबल छिपे हुए रत्नों से भरी हुई हैं। उनमें से कई छिपे हुए रत्न बाइबल की छोटी पुस्तकों में पायी जाती हैं। अधिकाँश मसीही जो परमेश्वर के वचन को गम्भीरता से पढ़ते हैं, वे इसकी “बड़ी पुस्तकों” (जैसे उत्पत्ति, भजन संहिता, यशायाह, यूहन्ना का सुसमाचार, रोमियों और इफिसियों) से अच्छे प्रकार से परिचित होते हैं। मेरा अनुमान है कि बहुत से लोग योएल, हाग्गै, सपन्याह और यूहन्ना के तीन पत्रीयों जैसे पुस्तकों से उतने परिचित नहीं होंगे।

इस संक्षिप्त लेख में हम तीन बातों पर विचार करेंगे जो प्रत्येक मसीहीयों को यूहन्ना के तीन पत्रीयों के विषय में पता होनी चाहिए।

1. यद्यपि ये पुस्तकें संक्षिप्त है, फिर भी ये मसीहीयों के आत्मिक वृद्धि और परिपक्वता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

चालीस वर्ष की पास्टरीय सेवा के बाद, मैंने यह सीखा है कि मुझे मान के नहीं चलना है कि आज के मसीही पिछली पीढ़ियों की तुलना में बाइबल को उतनी अच्छी रीति से जानते हैं। बाइबल पढ़ने और लिखने की योग्यता और अर्थप्रकाशात्मक प्रचार पहले जीतने सामान्य नहीं रहे।  यहाँ तक कि विश्वासयोग्य विश्वासियों की एकाग्रता अवधि भी इस युग की भावना से प्रभावित हो गई है। संस्कृति में प्रासंगिक रूप से सेवा करने की अच्छी इच्छा ने प्रायः ऐसे प्रचारों को जन्म दिया है जो अर्थप्रकाशात्मक की तुलना में अधिक सामयिक होते हैं। इन सब ने विश्वासियों को परमेश्वर के वचन के उस ज्ञान से वंचित कर दिया है जो पवित्रशास्त्र की सम्पूर्णता जितना व्यापक और गहरा है। 

पौलुस ने तीमुथियुस को स्मरण दिलाया, “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और शिक्षा, ताड़ना, सुधार और धार्मिकता की शिक्षा के लिए उपयोगी है, जिससे कि परमेश्वर का भक्त प्रत्येक भले कार्य के लिए कुशल और तत्पर हो जाए” (2 तीमुथियुस 3:16,17)। पौलुस इस सत्य को परमेश्वर के इस युवक पर विशेष रूप से अंकित कर रहा था जिससे कि वह परमेश्वर के लिखित वचन को उसकी सम्पूर्णता में ग्रहण कर सके और इसे अपने जीवन और सेवकाई को आकार दे सके। जो बात तीमुथियुस के लिए सत्य थी, वह निश्चित रूप से हर मसीही के लिए भी उतना ही सत्य है।

इसलिए, हमें 1, 2, 3 यूहन्ना को जानना चाहिए जिससे कि हम धार्मिकता में प्रशिक्षित हो सकें और सम्पूर्ण मसीही बन सकें, और प्रत्येक भले कार्य के लिए तत्पर हो सकें।

2. यूहन्ना की तीनों पत्रियाँ उन विधर्मों की काली पृष्ठभूमि के विरुद्ध लिखी गयी थीं जो कलीसिया की पवित्रता, शान्ति और मिशन के लिए खतरा बन रहे थे।

ये विधर्म यूहन्ना के समय में नए नहीं थे। शैतान नियमित रूप से ख्रीष्ट की कलीसिया को गिराने, उसे अपने प्रभाव में लेने के लिए और उसके सुसमाचार की विश्वसनीयता को नष्ट करने के लिए उन्हें पुनर्जीवित करता रहता है। अपने पहले पत्र को आरम्भ करते हुए, यूहन्ना लिखता है:

वह समाचार जो हमने उस से सुना है और तुमको सुनाते हैं, वह यह है, कि परमेश्वर ज्योति है और उसमें कुछ भी अन्धकार नहीं। यदि हम कहें कि उसके साथ हमारी सहभागिता है फिर भी अन्धकार में चलें, तो हम झूठ बोलते हैं और सत्य पर आचरण नहीं करते; परन्तु यदि हम ज्योति में चलें जैसा वह स्वयं ज्योति में है, तो हमारी सहभागिता एक दूसरे से है, और उसके पुत्र यीशु का लहू हमें सब पाप से शुद्ध करता है। यदि हम कहें कि हम में पाप नहीं, तो अपने आप को धोखा देते हैं, और हम में सत्य नहीं हैं। यदि हम अपने पापों को मान लें तो वह हमारे पापों को क्षमा करने और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। यदि हम कहें कि हमने पाप नहीं किया तो उसे झूठा ठहराते हैं, और उसका वचन हम में नहीं। (1 यूहन्ना 1:5-10)

ध्यान दीजिए कि यहाँ तीन बार यह वाक्य आता है, “यदि हम कहें…” (1 यूहन्ना 1:6, 8, 10)। यूहन्ना को ऐसा क्यों लगा कि उसे यह लिखना चाहिए? क्योंकि कुछ लोग कलीसिया में यह दावा कर रहे थे कि परमेश्वर के साथ उनकी सहभागिता है फिर भी वे अन्धकार में चल रहे थे। आगे 1 यूहन्ना 2:19 में, यूहन्ना लिखता है, “वे निकले तो हम ही में से, परन्तु वास्तव में हम में से नहीं थे।” एक विश्वासयोग्य पास्टर के जैसे, यूहन्ना “प्रिय बच्चो,” को चेतावनी दे रहा है, जब वह उन्हें बुलाता है, कि वह झूठी शिक्षा से बचे रहें: “परमेश्वर ज्योति है और उसमें कुछ भी अन्धकार नहीं।” (1 यूहन्ना 1:5; और 1 यूहन्ना 2:22; 4:1-3 को भी देखिए)।

2 और 3 यूहन्ना में हम इस प्रेरित की अपने प्रिय बच्चों को त्रुटियों से दूर रखने की चिन्ता को और अधिक देखते हैं। 2 यूहन्ना 7 में हम पढ़ते हैं: “क्योंकि संसार में बहुत से भरमाने वाले निकल पड़े हैं जो यह नहीं मानते कि यीशु ख्रीष्ट देह-धारण करके आया है। यही तो भरमाने वाला और ख्रीष्ट-विरोधी है।” 3 यूहन्ना 9 में, यूहन्ना अपने प्रिय बच्चों को एक विशेष व्यक्ति के विषय में चेतावनी भी देता है, “दियुत्रिफेस…जो उनमें प्रमुख बनने की लालसा रखता है।” यूहन्ना इस बात को बहुत अच्छे से जानता है कि बुरा चरित्र परमेश्वर के लोगों के जीवन को भ्रष्ट करने के लिए उतना ही घातक है जितना कि बुरा सिद्धान्त।

3. यूहन्ना की तीनों पत्रीयाँ प्रेम, करूणा और साहस का आदर्श प्रस्तुत करती हैं जो प्रत्येक सुसमाचार प्रचारक और वास्तव में प्रत्येक मसीही में भी होना चाहिए।

परमेश्वर को सम्मान देने वाली और भेड़ो का पालन-पोषण करनेवाली सेवकाई, केवल शुद्ध और शास्त्रसम्मत प्रचार पर ही आधारित नहीं होती, परन्तु इसमें करूणा, साहस और कोमलता भी समाहित होनी चाहिए। यह ध्यान देना आश्चर्यजनक है कि यूहन्ना कितनी बार अपने श्रोतागणों को “छोटे बच्चो” के रूप में वर्णित करता है (1 यूहन्ना 2:1, 12, 28; 3:18; 4:4; 5:21)। उनके लिए उसकी शिक्षा उनके प्रति प्रेम में होकर निकलती है। हमारी कलीसिया कितनी भिन्न होगी यदि लोग यह जानेंगे, या अनुभव करेंगे, कि उनके पास्टर उन्हें अपने हृदय में संजोकर रखते हैं और उनके भलाई को जीवन से भी अधिक मूल्यवान मानते हैं।

यहून्ना की तीनों पत्रीयाँ सुसमाचार के रत्न हैं। उन्हें पढ़े, उन पर विचार करें, और हो सके तो उन्हें मुखाग्र करने का प्रयत्न भी करें, जिससे कि आप हमारे प्रभु यीशु ख्रीष्ट के अनुग्रह में बढ़ते जाएँ।है। यीशु के पास न केवल बुद्धि थी और उसने बुद्धि की शिक्षा दी; वह स्वयं बुद्धि है। उसका अनुसरण न करना सभी मानवीय मूर्खताओं में सबसे बड़ी मूर्खता होगी।

 यह लेख मूलतः लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ ब्लॉग में प्रकाशित किया गया।

ईयन हैमिल्टन
ईयन हैमिल्टन
ईयन हैमिल्टन इंग्लैण्ड के न्यूकासल में वेस्टमिन्स्टर प्रेस्बिटेरियन थियोलॉजिकल सेमिनेरी के अध्यक्ष, और ग्रीनविल, साउथ कैरोलायना में ग्रीनविल प्रेस्बिटेरियन थियोलॉजिकल सेमिनेरी में सहायक प्राध्यापक हैं, और बैनर ऑफ ट्रूथ ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। वह कई पुस्तकों के लेखक हैं, जिनमें वर्ड्स फ्रम द क्रॉस, आवर हेवेनली शेपहेर्ड, और लेक्टियो कन्टिनुआ एक्सपॉसिटोरी टीका श्रृंखला में इफिसियों पर टीका सम्मिलित हैं।