हमारे साथ धैर्य रखें जब हम सीखते हैं - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़
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हमारे साथ धैर्य रखें जब हम सीखते हैं

सम्पादक की टिप्पणी: यह टेबलटॉक पत्रिका श्रंखला का पहला अध्याय है: पीढ़ी से पीढ़ी

वरिष्ठ ख्रीष्टीय, मैं अब जानता हूँ कि आपने मेरे चेहरे का वह रूप अवश्य देखा होगा। जब मैं एक युवा ख्रीष्टीय था, तब मैं अब से अधिक उस रूप को प्रकट करता था, एक परिवर्तन जिसके लिए मैं केवल परमेश्वर के सुधारात्मक अनुग्रह को श्रेय देता हूँ। अभी भी कुछ दिन हैं जब मेरे चेहरे पर वह रूप पुनः दिखता है। परन्तु अब, मेरे चालीसवें वर्ष में, मैंने जीवन के एक विचित्र चरण में प्रवेश किया है, एक ऐसी उम्र जहाँ कुछ मुझे (थोड़ा) बूढ़ा मानते हैं और कुछ अभी भी मुझे (थोड़ा) युवा मानते हैं। अब मैं भी अपने से युवा ख्रीष्टियों के चेहरों पर उसी रूप को देखता हूँ। वह रूप, जिसे अब मैं शब्दों को व्यक्त करने के लिए लज्जित हूँ, अप्रसन्नता और अस्वीकार करने का है। मैं आप से अप्रसन्न था क्योंकि आप वरिष्ठ थे और कुछ सुविधाओं को जानते थे जो वृद्धावस्था और ईश्वरभक्ति लाते हैं, फिर भी आपके मार्ग और विचार इतने कालविरुद्ध और निरर्थक लगते थे उसकी तुलना में जो मैं सोचा था कि हमारी कलीसिया को चाहिए था, जो मुझे चाहिए था। मैंने आपको अस्वीकार मुख्य रूप से हमारे बीच विभाजन के कारण किया, जो हमारे मध्य पीढ़ी का अन्तराल था। मैंने आपको अस्वीकार किया क्योंकि मैं एक ही साथ निराश भी था कि आप उस विभाजन को पार नहीं कर रहे थे, और गहराई से भयभीत भी था कि आप इसे पार कर लेंगे और मेरे जीवन में सत्य बोलना आरम्भ कर देंगे, ऐसे सत्य जिनको सुनने की मुझे आवश्यकता थी पर जिनको मैं सुनना नहीं चाहता था। आपको अस्वीकार करना अधिक सरल था।

मैं बहुत अपरिपक्व, बहुत अविवेकी, बहुत मूर्खतापूर्ण था। मैंने आपके विरुद्ध पाप किया आपको वह आदर न देकर जिसके योग्य आप थे (निर्गमन 20:21, नीतिवचन 20:29)। मैंने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया कलीसिया को दिए गए वरिष्ठ संतों के उपकार का तिरस्कार करने के द्वारा। अन्त में, मैंने अपने घमण्ड को बनाए रखने के लिए स्वयं को लूट लिया।

ये पाप इतने लम्बे समय तक कैसे बने रहे? मैंने इस दुष्ट अभ्यास, युवाओं के इस कैंसर को बढ़ाया: मैं सुनने में धीमा था और बोलने में तत्पर था (याकूब 1:19)। मेरे सुनने का धीमापन दोहरे अन्धेपन से आया। मैं अन्धा था कि मैं कितना कम जानता था। जिस प्रकार एक युवा गायक के पास ब्लूज़ (एक प्रकार की संगीत) गाने का कोई कार्य नहीं है जब तक उसने थोड़ा जी नहीं लिया, एक युवा ख्रीष्टीय के पास जीवन के विषय में निश्चित दावा करने के लिए कोई कार्य नहीं है जब तक कि उसने बहुत कुछ सुना नहीं है, उन सन्तों की नहीं सुनी जो उससे पहले आए हैं। पर मैं आप और आपकी बुद्धि के प्रति भी अन्धा था। मैं आपकी बात नहीं सुनना चाहता था क्योंकि मुझे नहीं लगता था कि आपके पास ऐसा कुछ था जो सुनने योग्य था। वरिष्ठ ख्रीष्टीय, आप परमेश्वर के अनुग्रह और जीवन के परीक्षाओं के ओखली और मूसल में प्रशिक्षित किए गए हैं। आपके पास केवल बाइबलीय ज्ञान नहीं है; आपके पास बाइबलीय बुद्धि है। आप विश्वास के पिताओं के साथ, सिय्योन में माताओं के साथ, बैठते हैं। और मैं उसके प्रति अन्धा था।

पर मैं बोलने में भी तत्पर था। जिस प्रकार मेरे सुनने में धीमापन दोगुनी अन्धेपन से आई थी, उसी प्रकार मेरे बोलने में तत्परता एक दोहरे घमण्ड से आता था। पहले, मैं घमण्ड से सोचता था कि मेरे पास कहने के लिए कुछ है, या उससे अधिक, मैं किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाना चाहता था जिसके पास कहने के लिए कुछ है। पर दूसरा, और मैं यह कहने के लिए लज्जित होता हूँ, मैं तत्परता से बात करता था क्योंकि मैं सोचता था कि मेरे पास आपको सिखाने के लिए कुछ है, एक नन्हे बच्चे के जैसे जो परिवार के खाने की मेज़ पर सभा को चलाने का प्रयास करता है। मैं तत्परता से बोलता था क्योंकि मैंने हम दोनों को त्रुटिपूर्ण रीति से समझा था, स्वयं के विषय में बहुत ऊंचा सोचते हुए और आपको बहुत नीच सोचते हुए।

पर अब मैं सबसे कठिन भाग में आता हूं: आपके लिए मेरा अनुरोध।

इस उम्र के अंतर के दोनों ओर युवा और वरिष्ठ के रूप में, हम में से एक को पहला कदम लेना होगा। अच्छा होता यदि मैं हम दोनों पर बोझ डाल सकता था। परन्तु युवाओं का घमण्ड, निर्बलता और अस्थिरता हमें शोकमय, क्षतिपूर्ण स्थान में पहुंचाती है। वरिष्ठ सन्त, हमारी आवश्यकता है कि आप पहला कदम लें और हमारे पीछे लगे रहें। हमें चाहिए कि आप हमारी कलीसिया में युवा ख्रीष्टियों को खोजें, मार्गदर्शन करें, शिष्य बनाएं और उनसे प्रेम करें। मैं आपसे युवा ख्रीष्टियों के साथ ऐसे धीरज के साथ धीरज धरने के लिए निवेदन कर रहा हूँ जिसका हमारे प्रभु यीशु ने उदाहरण रखा। जब हम घमण्ड के साथ कार्य करते हैं, तो कृपया धैर्यपूर्वक हमें सह लीजिए। जब हम सुनने में धीमे होते हैं, तो कृपया धैर्यपूर्वक हमें सह लीजिए। जब हम बोलने में तत्पर होते हैं, तो कृपया धैर्यपूर्वक हमें सुनिए एक जानकार मुस्कान के साथ जो हम एक दिन सीखेंगे कि दया और अनुग्रह का मिश्रण था। जब हम अप्रसन्नता और अस्वीकार करने का रूप आपको दिखाते हैं, तो कृपया धैर्यपूर्वक उस अपमान को स्वीकार करें और हमें क्षमा करने के लिए तैयार रहें। कृपया सहनशीलता के साथ हमें सुधारें, हमारे लिए प्रार्थना करें, और हमारे साथ खड़े रहें। यदि आप पहले नहीं चलते हैं, यदि आप ख्रीष्ट के समान धैर्य के साथ हमारे पास नहीं रुके रहते हैं, तो हमारे मध्य यह अन्तर बना रहेगा, जिससे हम दोनों को हानि होगी।

कृपया, वरिष्ठ ख्रीष्टीय, हमारे साथ धैर्य रखिए जब हम सीख रहे हैं।

यह लेख मूलतः टेबलटॉक पत्रिका में प्रकाशित किया गया।
जो हॉलैण्ड
जो हॉलैण्ड
रेव्ह. जो हॉलैण्ड प्रेस्बिटेरियन चर्च इन अमेरिका में एक शिक्षक प्राचीन हैं।