17 जुलाई 2025
कल्पना कीजिए समुद्री आँधी में डूबते हुए किसी व्यक्ति की, जिस पर एक जीवन-रक्षक-बेल्ट फेंका जाता है। हताश में, वह उसे पकड़ लेता है, उससे चिपक जाता है, उसके भीतर समा जाता है। अन्त में वह उन भयानक लहरों पर तैरने लगता है। परन्तु अभी भी वह भय और सन्देह से भरा हुआ है, वह चिन्तित है कि कहीं जीवन-रक्षक-बेल्ट उसे धोखा न दे दे, और वह गहरे समुद्र में डूब न जाए। कल्पना कीजिए कि फिर वह देखता है कि उस बेल्ट से एक छोटी सी जलरोधक पुस्तिका भी बंधी हुई है।