1 जुलाई 2021
मैं अधिकाई से इस बात पर विश्वास करने लगा हूँ कि जीने के केवल दो ही मार्ग हैं: (1) परमेश्वर पर भरोसा रखना और उसकी इच्छा तथा उसके अधिकार के अधीन रहना, या (2) परमेश्वर बनने का प्रयास करना। इन दोनों के अतिरिक्त कुछ और नहीं है। पापी होने के रूप में, हम पूर्व की तुलना में बाद के विकल्प में आगे प्रतीत होते हैं। यह आत्मिक सम्बन्ध बच्चों की परवरिश तथा विवाह के केन्द्र पर कार्य करता है।