उनके मनों में उतरना

इस श्रृंखला में अब तक, ऊपरी कक्ष का उपदेश शिष्यों को भावनाओं के उतार-चढ़ाव पर ले जा चुका है, विशेष तौर पर शिष्यों के भीतरी घेरे के भीतर विश्वासघात और इनकार की घोषणा के साथ। मानो कि यही काफी नहीं था, कि अब यीशु उनके पास से चला जाएगा और अपने पीछे भयानक विरोध छोड़ जाएगा जो किसी आश्चर्य की बात नहीं थी। अब, वह कहता है कि उसे उनसे और भी बातें कहनी हैं, परन्तु वे “अभी उन्हें सह नहीं सकते” (यूहन्ना 16:12)। यीशु उन्हें और अधिक बातों से व्याकुल नहीं करता, परन्तु वह उन्हें याद दिलाता है कि सहायक के रूप में पवित्र आत्मा उनका उन सभी सच्चाइयों में मार्गदर्शन करेगा जो बाद में प्रकट होंगी। अब यीशु शुरू से ऐसे बात करता है मानो कि वह उनके अनकहे प्रश्नों का उत्तर दे रहा था। इस पाठ में, डॉ. फर्गसन उन महत्वपूर्ण प्रश्नों और उत्तरों के बारे में बात करते हैं जो मसीह प्रेम और संवेदनशीलता से देता।