ईस्टर पर क्रिसमस का अर्थ

प्रचारक कभी-कभी ऐसी बातें बोल देते हैं जो लोगों के सर के ऊपर से गुजर जाती हैं और वे उनसे जुड़ने में असफल हो जाते हैं। जैसा कि एक बार चार्ल्स स्पर्जन ने टिप्पणी की थी, “यीशु ने कहा था, ‘मेरी भेड़ों को चरा,’ मेरे जिराफों को नहीं।” फिर भी, हमारे उद्धारकर्ता ने कई बार ऐसी शिक्षाएँ दीं जिससे उसके शिष्य दुविधा में पड़ गए, और उसने उन बातों को भी छिपा लिया जिन्हें वे सह नहीं सकते थे। इसका मतलब यह नहीं है कि यीशु की बातों में स्पष्टता की कमी थी बल्कि यह है कि शिष्यों में आत्मिक परख की कमी थी। जैसा कि डॉ. फर्गसन तर्क देते हैं, उन्हें अपनी सोच में “चिपचिपे टेप” की आवश्यकता थी ताकि सच उससे चिपक जाए। इस पाठ में, हम देखते हैं कि यीशु जैसे-जैसे प्रमुख प्रश्नों का उत्तर देता है वह उन्हें धैर्यपूर्वक गहरे सत्य की ओर ले जा रहा है, फिर भी, उन्हें हर बात का अर्थ समझने में समय लगेगा। आर्थिक अनुमान लगाने वाले की तरह जिसने छुट्टियों के मुनाफे के बारे में कहा था, “क्रिसमस का अर्थ ईस्टर तक स्पष्ट नहीं होता,” उसी प्रकार यीशु की अपने बारे में दी गई शिक्षा पुनरुत्थान तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं होती।