परमेश्वर का परोपकार का प्रेम

एक धर्मी और निष्पक्ष न्यायी होने के नाते जो दुष्टों की मृत्यु से प्रसन्न नहीं होता है, परमेश्वर सदैव सही कार्य करने की आज्ञा देता है और स्वयं भी ऐसा ही करता है। उसके निर्णय स्थायी रूप से उसके लोगों के प्रति उसकी अन्तर्निहित भली इच्छा पर आधारित होते हैं। इस पाठ में, डॉ स्प्रोल इस बात पर विचार करते हैं कि कैसे परमेश्वर का प्रेम अटूट रूप से उसकी भलाई से जुड़ा हुआ है,