पवित्रता का सदमा

परमेश्वर की पवित्रता से सामना होना सदैव सदमा देने वाला अनुभव होता है। पवित्रशास्त्र में ऐसी घटनाएं दर्ज हैं जहाँ मनुष्यों को परमेश्वर की पवित्रता में से कुछ देखने का अवसर मिला था। उनकी प्रतिक्रिया सदैव निराशापूर्ण ही रही थी क्योंकि वे अपनी स्वयं की पापमयता को देखने के लिए विवश हो गए थे। हालांकि, यह अनुभव सकारात्मक है, क्योंकि यह हमें अधिक परिपूर्णता से यह समझने में सहायता करता है कि परमेश्वर कौन है, और यह अनुभव करने में भी कि उसके सामने हमारी धार्मिकता, हमारी योग्यता के स्थान पर उसके अनुग्रह पर आधारित है।