परमेश्वर की पवित्रता

परमेश्वर की पवित्रता श्रृंखला पवित्रता के अर्थ की जांच करती है और पता लगाती है कि क्यों लोग परमेश्वर के प्रति आकर्षित होने के साथ-साथ उससे डरते भी हैं। यह श्रृंखला अत्याधिक निकटता से परमेश्वर के चरित्र की छानबीन करती है जिससे पाप, न्याय तथा अनुग्रह के बारे में गूढ़ ज्ञान की नई बातें पता चल सकें। इसका परिणाम परमेश्वर की दया पर हमारी निर्भरता के बारे में नई जानकारी का पता चलना और उसकी प्रतापी पवित्रता की अद्भुतता की खोज है। डॉ. आर. सी. स्प्रोल कहते हैं कि, “परमेश्वर की पवित्रता हमारे जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित करती है जैसे - अर्थशास्त्र, राजनीति, खेल, प्रेम संबंध- यानी वह हर चीज जिससे हम जुड़े हैं।”


पवित्रता का महत्व

परमेश्वर की पवित्रता
पवित्रता परमेश्वर के स्वभाव की ऐसी विशेषता है जो उसके अस्तित्व के केन्द्र में पाई जाती है। केवल जब हम परमेश्वर का सामना उसकी पवित्रता में करते हैं तभी हम स्वयं को वैसे ही देखते हैं जैसे हम वास्तव में होते हैं।

पवित्रता का सदमा

परमेश्वर की पवित्रता
परमेश्वर की पवित्रता से सामना होना सदैव सदमा देने वाला अनुभव होता है। पवित्रशास्त्र में ऐसी घटनाएं दर्ज हैं जहाँ मनुष्यों को परमेश्वर की पवित्रता में से कुछ देखने का अवसर मिला था। उनकी प्रतिक्रिया सदैव निराशापूर्ण ही रही थी।

पवित्रता और न्याय

परमेश्वर की पवित्रता
परमेश्वर न्यायी है, परन्तु कई बार उसके कार्य अन्यायपूर्ण प्रतीत होते हैं। उदाहरण के लिए, प्रेरितों 5 में हनन्याह और सफीरा का परमेश्वर द्वारा मार डाला जाना, अपराध से कहीं बड़े दंड का उदाहरण प्रतीत होता है।

लूथर का पागलपन

परमेश्वर की पवित्रता
यदि परमेश्वर पवित्र और मनुष्य पापी है, तो मनुष्य के लिए इसका क्या अर्थ है? यह वही समस्या है जिससे मार्टिन लूथर ने वर्षों तक संघर्ष किया और इसने उसे निराशा के गर्त में ढकेल दिया।

पवित्रता का अर्थ

परमेश्वर की पवित्रता
परमेश्वर की पवित्रता का विश्वासी के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ना चाहिए? परमेश्वर की पवित्रता के बारे में यशायाह के दर्शन का उस पर गहरा विनम्र करने वाला प्रभाव पड़ा। क्या आज हमारे साथ भी यही होता है? परमेश्वर की असीम पवित्रता की बड़ी समझ हमारे मनों में परमेश्वर के प्रति गहरा आदर कैसे उत्पन्न कर सकती है?

ख्रीष्ट की पवित्रता

परमेश्वर की पवित्रता
पवित्रता का गुण केवल पिता परमेश्वर तक ही सीमित नहीं है, परन्तु यह पवित्रात्मा और प्रभु यीशु ख्रीष्ट में भी देखा जाता है। हमारे प्रभु की सांसारिक सेवकाई में, हम उसकी पवित्रता और पवित्रता के प्रति मानवता की प्रतिक्रिया को अत्याधिक स्पष्ट रूप से देख सकते हैं।