बालक यीशु मंदिर में

नया नियम हमें यीशु के जन्म और उसकी सेवकाई के आरम्भ के बीच के वर्षों के बारे में बहुत कम बताता है। लूका के सुसमाचार में एक महत्वपूर्ण वृत्तान्त उपस्थित है – अर्थात बारह वर्ष की आयु में यीशु की मंदिर की यात्रा की कहानी। इस उपदेश में डॉ. आर. सी. स्प्रोल बताते हैं कि हम इस संक्षिप्त कहानी से ख्रीष्टके व्यक्तित्व और कार्य के बारे में क्या सीख सकते हैं।