यीशु ने क्या किया था?
जब यीशु बपतिस्मा लेने के लिए यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के पास पहुँचा, तो यूहन्ना ने आरम्भ में उसे रोका। परन्तु यीशु ने यह कहकर उत्तर दिया कि अब तो हमें “इसी प्रकार सारी धार्मिकता को पूर्ण करें।” (मत्ती 3:15) यह कार्य- और इसके जैसे अन्य कार्य- इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं? अधिकांश मसीही ख्रीष्ट के प्रायश्चित रुपी बलिदान के महत्व और पुनरुत्थान के महत्व को समझते हैं। परन्तु कितने लोग उस जीवन के महत्व को समझते हैं जो यीशु ने दुखभोग के मुकुट को धारण करने के सप्ताहों से पहले जिया था? इस शिक्षण श्रृंखला में, आर. सी. स्प्रोल उस भेद से पर्दा उठाते हैं कि ख्रीष्ट के लिए “दूसरा आदम” होने का क्या अर्थ है - और आज के विश्वासियों के लिए इसका क्या अर्थ है।
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