पुत्रत्व का आत्मा

बच्चों को अपने माता-पिता की आवश्यकता होती है। फिर भी, कुछ निश्चित समय पर, यह आवश्यकता बढ़ जाती है। इनमें से अधिकांश मामलों में संकट और पीड़ा सम्मिलित है। जब पौलुस परमेश्वर के पुत्रों का अपने पिता की दुहाई देने की बात करता है, तो उसके मन में ऐसे ही समयों का ध्यान है। यहाँ तक कि गहरे दुःख के समय में भी, सबसे बड़ी आवश्यकता की दशाओं में, परमेश्वर की सन्तान विश्वास से उसकी दुहाई दे सकती है क्योंकि वह उनकी विनतियों की इच्छा रखता है। परमेश्वर के पुत्रों के पास पवित्र आत्मा के कार्य के कारण यह विशेष पहुँच है, जो हमें अन्धकार से परमेश्वर के परिवार की ज्योति में लाता है और हमें हमारे सिद्ध बड़े भाई, यीशु के स्वरूप के सदृश बनाता है।