परमेश्वर का मुख

बहुत से लोगों ने विभिन्न समयों पर और विभिन्न रीतियों से दावा किया है कि पुराने नियम का परमेश्वर और नए नियम का परमेश्वर एक जैसा नहीं है। दुःख की बात यह है, कि इस दावे में परमेश्वर के स्वभाव और उद्देश्यों को गलत ढंग से समझा गया है। परमेश्वर अपरिवर्तनीय है: वह अपने स्वभाव, चरित्र, इच्छा, या उद्देश्यों में बदलाव नहीं करता। फिर भी, उसने छुटकारे के इतिहास में अपने आत्मा के द्वारा अपने व्यक्तित्व और योजनाओं को प्रगतिशील रूप में प्रकट करने का निर्णय लिया है। इसका अर्थ यह नहीं है कि आत्मा ने पुराने नियम में परमेश्वर के मुख को पूर्णतः से प्रकट नहीं किया था। इसके विपरीत, पुराने नियम से पता चलता है कि आत्मा ने यीशु ख्रीष्ट में इस प्रकटीकरण की पूर्णता की ओर संकेत करते हुए पुरानी वाचा के दौरान अपनी प्रजा के सामने हमारे प्रभु के अत्यधिक व्यक्तिगत स्वभाव को प्रकट किया था।