एक आकस्मिक परिचय - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ %
छोटे लोग और छोटी बातें
12 सितम्बर 2024
छोटे लोग और छोटी बातें
12 सितम्बर 2024

एक आकस्मिक परिचय

जब पवित्रशास्त्र में प्रभु के किसी सेवक का परिचय कराया जाता है, तो हमें प्रायः सेवक की पृष्ठभूमि दी जाती है। शमूएल को सबसे पहले मन्दिर में अर्पित बच्चे के रूप में परिचय कराया जाता है। मूसा पहली बार नील नदी में छिपे हुए बच्चे के रूप में दिखाया जाता है। परन्तु पवित्रशास्त्र में कई बार ऐसा होता है जब कोई वास्तविक परिचय नहीं दिया होता है। एलिय्याह नबी के साथ ऐसा ही है। दुष्ट राजा अहाब से परिचय कराए जाने के कुछ ही समय पश्चात्, एलिय्याह नबी अचानक प्रकट होता है। एलिय्याह का नाम 1 राजा 17:1 तक उल्लेखित नहीं है, जहाँ वह तुरन्त राजा अहाब से बात करना आरम्भ कर देता है। एलिय्याह की पृष्ठभूमि, उसका पालन-पोषण और उसकी जड़ें अनावश्यक जानकारी हैं। एलिय्याह केवल 1 राजा 17 के आरम्भ में महत्वपूर्ण हो जाता है। दुष्ट राजा अहाब से परिचय कराए जाने के पश्चात्, परमेश्वर के लोगों को अचानक स्मरण दिलाया जाता है कि प्रभु अभी भी अपने लोगों के बीच उपस्थित है।

एलिय्याह के आने से पहले, अहाब की दुष्टता को केवल छ: पदों में प्रकट किया गया है। पहला राजा 16:29-34 में एक ऐसे राजा का वर्णन किया गया है जिसके कार्य बुरे थे (पद 30), जो इतिहास में सबसे दुष्ट राजा था (पद 30), जिसने मूर्तियाँ बनवाईं (पद 32-33), और जिसने इस्राएल को ईश्वरविहीन राष्ट्रों में मिला दिया (पद 31)। इस्राएल के इतिहास के सबसे दुष्ट राजा का कितना ही संक्षिप्त परिचय है। अहाब के अत्याचारों की पराकाष्ठा पद 34 में आती है जब वह यरीहो शहर के पुनर्निर्माण की अनुमति देता है। यह पुनर्निर्माण दिखाता है कि अहाब प्रभु की प्रतिज्ञाओं को कैसे भूल जाता है। जब यरीहो गिर गया, तो यहोशू ने प्रभु की स्पष्ट आज्ञा दी कि इसे कभी भी फिर से नहीं बनाया जाना चाहिए (यहोशू 6:26)। फिर भी अहाब के निर्माता, हीएल ने शापित शहर के पुनर्निर्माण के लिए स्वेच्छा से अपने सबसे बड़े और सबसे छोटे बेटों को खो देता है। फिर इस अचानक शाप के तुरन्त बाद प्रभु का दूत, एलिय्याह अचानक प्रकट होता है।
एलिय्याह के मुंह से शब्द निकलने से पहले ही अपने नाम के माध्यम से एक सन्देश दे देता है। इस नबी के नाम का अर्थ है “मेरा परमेश्वर यहोवा है।” अपनी पहचान ही में, एलिय्याह दुष्ट राजा अहाब से पूर्णतः विपरीत है। फिर एलिय्याह के प्रराम्भिक शब्द न केवल न्याय की घोषणा करते हैं, परन्तु वे दिखाते हैं कि यहोवा ही एकमात्र सच्चा परमेश्वर है। सूखा पड़ने के दण्ड के साथ, प्रभु दिखाता है कि वह ऊपर से पानी का प्रावधान कराने वाला है, न कि बाल (जिसे वर्षा के देवता के रूप में जाना जाता था)। इसके अतिरिक्त, इस दण्ड के समय में, वही प्रभु अपने सेवक एलिय्याह के लिए पानी और भोजन उपलब्ध करता है (1 राजा 17:3–4)।

आज भी परमेश्वर के लोगों के रूप में हमारे लिए यह कितनी बड़ी स्मरण दिलाने वाली बात है। जब हम सूखे, बीमारी या अन्य आपदाओं का सामना करते हैं, तो हमें स्मरण रखना चाहिए कि अन्तत: नियन्त्रण किसके हाथ में है। जैसा कि बेल्जिक अंगीकारवचन में कहा गया है:

हम अनावश्यक जिज्ञासा के साथ यह नहीं जानना चाहते कि वह क्या करता है जो मानवीय समझ से परे है और जिसे समझना हमारी क्षमता से परे है। परन्तु सम्पूर्ण विनम्रता और आदर के साथ हम परमेश्वर के उन धर्मी न्यायों से प्रीति रखते हैं, जो हमसे छिपे हुए हैं। (अनुच्छेद 13)

उन कठिनाइयाँ का होते हुए भी जो परमेश्वर का प्रावधान कराने वाले हाथ हम पर आने देता है, हम जानते हैं कि हमारा प्रभु अपने लोगों के रूप में हमें कभी नहीं छोड़ेगा। वह हमारी दैनिक आवश्यकताओं का स्रोत बना हुआ है (मत्ती 6:11)। और उसने अपने पुत्र, हमारे प्रभु यीशु ख्रीष्ट में हमें जीवन की रोटी दी है (यूहन्ना 6:35)।

 यह लेख मूलतः लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ ब्लॉग में प्रकाशित किया गया।

रॉबर्ट एम. गॉडफ्रे
रॉबर्ट एम. गॉडफ्रे
डॉ. रॉबर्ट एम. गॉडफ्रे न्यू हॉलेण्ड, पेन्सिल्वेनिया में ज़ेल्टेनरीक रिफॉर्म्ड चर्च के पास्टर हैं।