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16 अगस्त 2024उदारवाद: एक भिन्न धर्म

इस वर्ष जे. ग्रेशम मेचन (1881-1937) द्वारा प्रकाशित पुस्तक क्रिस्चियैनिटी एण्ड लिबरेलिज़्म (मसीहीता और उदारवाद) के सौ वर्ष पूरे हो गए हैं। मेचन 1906 से 1929 तक प्रिंसटन थियोलॉजिकल सेमिनरी में प्राध्यापक थे। उसके बाद, उन्होंने फिलाडेल्फिया में वेस्टमिंस्टर थियोलॉजिकल सेमिनरी की स्थापना में सहायता करने के लिए प्रिंसटन छोड़ दिया, जहाँ वे अपनी मृत्यु तक नये नियम के प्राध्यापक थे। मेचन ने उस कलीसिया की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जो बाद में ऑर्थोडॉक्स प्रेस्बिटेरियन चर्च (Orthodox Presbyterian Church) के नाम से जानी जाने लगी। वह बीसवीं शताब्दी के सबसे महत्वपूर्ण, परन्तु कम-प्रख्यात, मसीही व्यक्तित्वों में से एक हैं, और उनके उत्कृष्ठ लेख के महत्व को बढ़ा-चढ़ाकर बताना कठिन होगा। क्रिस्चियैनिटी एण्ड लिबरेलिज़्म में, मेचन ने सच्ची, बाइबीय मसीहियत (जैसा कि कलीसिया के ऐतिहासिक विश्वास वचन और अंगीकार वचन द्वारा संक्षेप में बताया गया है) और उदारवाद के बीच एक तीव्र अन्तर खींचकर एक साहसी और दृढ़ होकर खड़े हुए, यह प्रदर्शित करते हुए कि उदारवाद मसीहियत से पूरी रीति से अलग धर्म है। जबकि कुछ लोगों ने इस लड़ाई में न सम्मिलित होने का निर्णय किया, मेचन ने यीशु ख्रीष्ट की एक सच्ची कलीसिया में शान्ति के बन्धन में आत्मा की एकता को बनाए रखने के लिए भरोसा और प्रेम सहित लड़ाई लड़ी।
अपने परिचय में, मेचन ने लिखा: “धर्म के क्षेत्र में, जैसा कि अन्य क्षेत्रों में भी, जिन बातों के विषय में लोग सहमत होते हैं, वे ऐसी बातें होती हैं जिनको पकड़ रखना कम मूल्यवान होता है; वास्तव में महत्वपूर्ण बातें वे होती हैं जिनके लिए लोग लड़ेंगे और संघर्ष करेंगे। धर्म के क्षेत्र में, विशेष रूप से, वर्तमान समय विरोध का समय है; महान छुटकारात्मक धर्म जिसे सदैव मसीहियत के रूप में जाना जाता रहा है, एक पूरी रीति से अलग धार्मिक विश्वास के विरुद्ध में लड़ रहा है, जो केवल मसीही विश्वास के लिए और भी विनाशकारी है क्योंकि यह पारम्परिक मसीही शब्दावली का उपयोग करता है।”
मेचन ने तर्क दिया कि उदारवाद आधुनिकतावादी वैज्ञानिक सिद्धान्तों पर आधारित प्रच्छन्न प्रकृतिवाद का एक रूप है, न कि परमेश्वर के वचन पर। मेचन के शोध मान्यता को लम्बे समय से सही ठहराया गया है, जैसा कि हमने देखा है कि उदारवाद बार-बार स्वयं को एक पूर्ण रीति से झूठे धर्म के रूप में प्रकट करता है जो एक पूरी रीति से झूठे सुसमाचार का प्रचार करता है। मेचन ने घोषणा की, “मसीही धर्म. . . यह निश्चित रूप से आधुनिक उदारवादी कलीसिया का धर्म नहीं है, परन्तु ईश्वरीय अनुग्रह का सन्देश है, जिसे अब लगभग भुला दिया गया है, जैसा कि मध्य युग में हुआ था, परन्तु परमेश्वर के उचित समय पर, एक नए धर्मसुधार के रूप में पुन: उभरना और मानव जाति को प्रकाश और स्वतन्त्रता में लाया जाना चाहिए।” यही कारण है कि हम लड़ते हैं, जैसा कि मेचन ने किया था, यीशु ख्रीष्ट के सुसमाचार और हमारे त्रिएक परमेश्वर की महिमा के लिए, दृढ़ता से खड़े होकर और संतों को एक बार दिए गए विश्वास के लिए सत्यनिष्ठा से संघर्ष करते हुए। सुसमाचार के बिना, मानव जाति के लिए आशा का कोई सन्देश नहीं है।
यह लेख मूलतः लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ ब्लॉग में प्रकाशित किया गया।