बर्क पार्सन्स - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़

लिग्निएर का ब्लॉग

हम डॉ. आर. सी. स्प्रोल का शिक्षण संघ हैं। हम इसलिए अस्तित्व में हैं ताकि हम जितने अधिक लोगों तक सम्भव हो परमेश्वर की पवित्रता को उसकी सम्पूर्णता में घोषित करें, सिखाएं और रक्षा करें। हमारा कार्य, उत्साह, और उद्देश्य है कि हम लोगों को परमेश्वर के ज्ञान और उसकी पवित्रता में बढ़ने में सहायता करें।

 
7 दिसम्बर 2023

ईश्वरविज्ञान हमें स्तुति-गान की ओर ले जाता है

जब मैनें पहली बार 1999 में सिन्क्लेयर फर्गसन की पुस्तक द होली स्पिरिट (पवित्र आत्मा) पढ़ी, तो मैं थॉमस अक्विनास के एक उद्धरण की ओर आकर्षित हुआ, जो प्रस्तावना में उद्धरित था, “ईश्वरविज्ञान परमेश्वर से निकलता है, हमें परमेश्वर के विषय में सिखाता है, और हमें परमेश्वर की ओर ले जाता हैं।”
5 अक्टूबर 2023

परमेश्वर का राज्य क्या है?

परमेश्वर का राज्य क्या है? इसका उत्तर सरलता से दिया जा सकता है: परमेश्वर का राज्य सब के ऊपर परमेश्वर का सर्वोच्च और सम्प्रभु शासन और प्रभुता है।
22 अगस्त 2023

सिमुल इयुस्टिस एक पेक्केटोर [अर्थात् एक ही समय में धर्मी और पापी]

एक पत्रकार की कहानी सुनाई जाती है जिसने कई लेखकों और विचारकों से यह पूछने के लिए लिखा: “संसार की समस्या क्या है?” ऐसा कहा जाता है कि जी. के. चेस्टरसन ने उत्तर दिया, “मैं हूँ।”
11 जुलाई 2023

पवित्रशास्त्र से प्रेम करना

लोग मुझे मोहित करते हैं। जब भी मैं नए लोगों से मिलता हूँ, चाहे वह मेरे समुदाय में हो या यात्रा करते समय, तो मैं चाहता हूँ कि मैं लोग के विषय में अधिक से अधिक जान सकूँ।
4 मई 2023

अचूक शब्द

शब्द महत्वपूर्ण होते हैं। शब्दों के अर्थ होते हैं। भले ही सांसारिक सापेक्षवाद के धर्म के कट्टर अनुयायी हमें जो भी मनवाने का प्रयास करें, हम जानते हैं कि शब्दों, वाक्यांशों और कथनों के अर्थ होते हैं, और यह भी कि उनके अर्थ महत्वपूर्ण हैं।
22 दिसम्बर 2022

सच्चा धर्मसुधार

जागृति मसीही विश्वास के केन्द्र में है, और यही कारण है कि हम मसीही हैं। जागृति हमारे सम्प्रभु और अनुग्रहकारी परमेश्वर  का एक सामर्थी कार्य है। जब वह हमें जगाता है, वह हमें केवल नींद से ही नहीं जगाता, परन्तु मृत्यु से भी जगाता है।
11 अक्टूबर 2022

हो चुका और अभी तक नहीं

यह संसार हमारा घर नहीं है, परन्तु यह होगा। हम इस दुखी संसार में अपने दिन जीते हैं नए आकाश और नयी पृथ्वी की उत्सुकतापूर्वक प्रतीक्षा में, प्रतिदिन इस प्रतिज्ञा पर निर्भर रहते हुए
15 सितम्बर 2022

हम अंगीकारवादी क्यों हैं?

“मैं विश्वास करता हूँ।” ये शब्द हम अपने जीवनों में प्रतिदिन सुनते हैं। सन्दर्भ भले कोई भी हो, हम लगभग सभी बातों के विषय में अपना विचार व्यक्त करने के लिए इन सरल शब्दों का उपयोग करते हैं।
13 सितम्बर 2022

वास्तव में अंगीकारवादी

लगभग 10 वर्ष पूर्व, मुझे एक लघु पुस्तिका लिखने को कहा गया जिसका नाम था व्हाए डू वी हैव क्रीड्स (हमारे पास विश्वास-वचन क्यों हैं)? उस प्रश्न का उत्तर देने में, मेरा उद्देश्य मसीहियों की सहायता करना था,