अचूक शब्द - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़
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अचूक शब्द

शब्द महत्वपूर्ण होते हैं। शब्दों के अर्थ होते हैं। भले ही सांसारिक सापेक्षवाद के धर्म के कट्टर अनुयायी हमें जो भी मनवाने का प्रयास करें, हम जानते हैं कि शब्दों, वाक्यांशों और कथनों के अर्थ होते हैं, और यह भी कि उनके अर्थ महत्वपूर्ण हैं। शब्दों के अर्थ जीवन और मृत्यु का विषय भी हो सकता है। यदि लोगों को खतरा, सावधान, और आपदा  जैसे शब्दों का अर्थ न सिखाया जाए तो वे निश्चय ही स्वयं को गम्भीर संकट में पाएँगे। इससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि यदि लोगों को विश्वास, पाप, प्रकोप, और अनुग्रह  जैसे शब्दों का अर्थ न सिखाया जाए तो वे स्वयं को अनन्त काल के लिए गम्भीर संकट में पाएँगे। सब लोग जीवन और मृत्यु से सम्बन्धित शब्दों को समझने के महत्व को मानते हैं, परन्तु कई लोग अनन्त जीवन और मृत्यु को समझने के लिए अत्यावश्यक शब्दों के अर्थ के प्रति उदासीन प्रतीत होते हैं। और सम्भवतः यह बात पहले की तुलना में हमारी वर्तमान की पीढ़ी के विषय में अधिक सत्य है।

यह बात तो सच है कि बाइबल के सभी शब्दों और वाक्यांशों का सम्बन्ध जीवन और मृत्यु से नहीं है, परन्तु बाइबल के सभी शब्द और वाक्यांश हमें उस जन की ओर से दिए गए हैं जिसके पास जीवन और मृत्यु की सामर्थ्य है। हमारे प्रभु ने हमें कुछ निश्चित शब्द दिए हैं जिससे कि हम न केवल उसके सत्य को जानें, परन्तु उसे भी जानें। यही कारण है कि हम पवित्रशास्त्र के शब्दों और वाक्यांशों को समझने के लिए परिश्रम करते हैं—इस लक्ष्य के साथ कि हम परमेश्वर को जानें, परमेश्वर से प्रेम करें, और परमेश्वर के रूप में परमेश्वर की आराधना करें, अर्थात् पवित्रशास्त्र के सच्चे परमेश्वर के रूप में, न कि उस ईश्वर के रूप में जिसे हम बनाते हैं जिसे लोग सोचते हैं कि वे अपने अनुसार किसी भी शब्दों और वाक्यांशों में वर्णित कर सकते हैं।


मसीहियों के रूप में हम विश्वास करते हैं कि पवित्रशास्त्र विश्वास और जीवन के लिए एकमात्र अचूक मापदण्ड है। और हम केवल सोला स्क्रिप्टूरा (sola Scriptura) पर विश्वास नहीं करते हैं, अर्थात् कि केवल पवित्रशास्त्र हमारा अधिकार का स्रोत है, परन्तु इसके साथ-साथ हम टोटा स्क्रिप्टूरा (tota Scriptura) पर भी विश्वास करते हैं, कि सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर का उत्प्रेरित और आधिकारिक वचन है। इसलिए हम पवित्रशास्त्र की मौखिक समग्र उत्प्रेरणा (verbal plenary inspiration) पर विश्वास करते हैं। इसका अर्थ है कि हम न केवल शब्द के स्तर पर पवित्रशास्त्र की त्रुटिहीनता पर विश्वास करते हैं, परन्तु मात्रा और बिन्दु के स्तर पर भी पवित्रशास्त्र की त्रुटिहीनता पर विश्वास करते हैं। हम विश्वास करते हैं कि न केवल पवित्रशास्त्र का सामान्य सन्देश परमेश्वर द्वारा अचूक रीति से उत्प्रेरित है, वरन् उसकी सूक्ष्म बातें भी। इसी कारण से सम्पूर्ण इतिहास में विश्वासयोग्य बाइबलीय विद्वानों ने परिश्रम किया है—और करते भी रहते हैं—जिससे  कि हम पवित्रशास्त्र की मूल भाषाओं में प्रत्येक वाक्यांश, शब्द, शब्दांश, अक्षर, मात्रा और बिन्दु का सटीक रीति से अनुवाद और व्याख्या कर सकें, जिसके परिणामस्वरूप हम ठीक रीति से परमेश्वर के वचन को जानें और इस प्रकार परमेश्वर जो वास्तव में है उसके अनुसार उचित रूप से उसकी आराधना करें।

यह लेख मूलतः लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ ब्लॉग में प्रकाशित किया गया।

बर्क पार्सन्स
बर्क पार्सन्स
डॉ. बर्क पार्सन्स टेबलटॉक पत्रिका के सम्पादक हैं और सैनफोर्ड फ्ला. में सेंट ऐंड्रूज़ चैपल के वरिष्ठ पास्टर के रूप में सेवा करते हैं। वे अश्योर्ड बाई गॉड : लिविंग इन द फुलनेस ऑफ गॉड्स ग्रेस के सम्पादक हैं। वे ट्विटर पर हैं @BurkParsons.