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बुलाहट और मसीही

पवित्रशास्त्र स्पष्ट करता है कि मसीहियों को जगत का नमक और ज्योति होना चाहिए। परन्तु हम इसे वास्तव में कैसे पूरा करते हैं?

यद्यपि हम अपने भले कार्यों के द्वारा बचाए नहीं जाते हैं, बाइबल सिखाती है कि परमेश्वर मसीहियों से उनकी अपेक्षा करता है। आखिरकार वह क्या चाहता है कि हम करें, और हमें वह कहाँ करना चाहिए? पवित्रशास्त्र के अनुसार, परमेश्वर ईश्वरीय प्रावधान के माध्यम से अपनी सम्पूर्ण सृष्टि पर शासन करता है। पाप की वास्तविकता को ध्यान में रखते हुए यह बात मानव समाज में कैसे प्रकट होती है?

हमारे वर्तमान के ईश्वर-विरोधी संसार में मसीहियों के सामने अन्य प्रश्न भी हैं: क्या मसीहियों को राजनीति में जुड़ना चाहिए? मसीही लोग मसीही विवाह की रक्षा कैसे कर सकते हैं? मसीही अभिभावकों को बच्चों का पालन-पोषण कैसे करना चाहिए? मसीही अपने कार्यस्थल में अपने विश्वास के अनुसार कैसे जी सकते हैं? धर्मसुधार का एक केन्द्रीय विषय इन प्रश्नों के उत्तर देने में बहुत उपयोगी है: बुलाहट का सिद्धान्त।

जैसे आप बुलाए गए थे वैसे ही जीएँ

जैसा कि अन्य ईश्वरविज्ञानीय शब्दों के साथ हुआ है, बुलाहट (vocation) शब्द को साधारण भाषा में उपयोग किया जाता है और अंग्रेज़ी में इसके अर्थ को बहुत सीमित किया गया है, जिससे कि वह व्यवसाय या धन्धा के लिए पर्यायवाची हो गया है। मसीहियों ने भी इस साधारण अर्थ को अपना लिया है, जिसके कारण लोग प्रायः यह सोचते हैं कि बुलाहट के सिद्धान्त के अर्थ का सम्बन्ध इस बात से है कि मसीही लोग अपने कार्यक्षेत्र में परमेश्वर की महिमा कैसे कर सकते हैं।

यह सच है कि ईश्वरविज्ञानीय विचार में वह बात सम्मिलित है, परन्तु बुलाहट का सिद्धान्त—जिसे मार्टिन लूथर, जॉन कैल्विन, शुद्धतावादी (Puritans), धर्मसुधारवादी ईश्वरविज्ञानियों ने विकसित किया था—इस से कहीं बढ़कर है। यह मसीही जीवन का एक ईश्वरविज्ञान है, या एक और रीति से कहें तो इस संसार में कैसे जीवन जीना है यह इसका एक ईश्वरविज्ञान है।

बुलाहट शब्द का सरल अर्थ है “बुलावा” या “बुलाना,” इसलिए इन शब्दों का उपयोग करने वाले खण्ड हमें बुलाहट के विषय में सिखाते हैं। उदाहरण के लिए 1 कुरिन्थियों 7 में, प्रेरित पौलुस “बुलाहट” के कई व्युत्पन्न शब्दों को उपयोग करता है, और अन्त में इस मुख्य स्थल में कहता है: “प्रभु ने जैसा जिसको दिया है, और परमेश्वर ने जैसा जिसको बुलाया है, वह वैसा ही चले। मैं सब कलीसियाओं को यही आदेश देता हूँ” (1 कुरिन्थियों 7:17)।

परमेश्वर हमारे लिए एक जीवन नियुक्त करता है, और फिर परमेश्वर हमें उस जीवन के लिए बुलाता है। यह बुलाहट के सिद्धान्त का सार है। ध्यान दें कि यहाँ अपनी बुलाटह को चुनने या अपनी बुलाहट को खोजने या अपनी बुलाहट के द्वारा पूर्ति पाने के विषय में कुछ नहीं कहा गया है। हम उन सब बातों को अनुभव कर सकते हैं या उनके साथ संघर्ष कर सकते हैं, परन्तु मूल रीति से बुलाहट परमेश्वर का कार्य है।

सन्दर्भ में, प्रेरित पौलुस 1 कुरिन्थियों 7 में अधिकाँशतः विवाह की बुलाहट के विषय में बात कर रहा है। विवाह करना उत्तम है या अविवाहित रहना? वह नस्लीय या राष्ट्रीय पहचान के प्रश्न को भी उठाता है, कि क्या यहूदी होना उत्तम है या अयहूदी। वह यूनानी-रोमी अर्थव्यवस्था प्रणाली को भी सम्बोधित करता है, कि क्या व्यक्ति मसीही और दास हो सकता है और क्या उसे स्वतन्त्रता के लिए प्रयास करना चाहिए। इन सब “बुलाहटों” के पीछे उद्धार की बुलाहट है, जिसमें परमेश्वर का वचन सुसमाचार के द्वारा व्यक्तियों को बुलाता है और उनके हृदयों में विश्वास उत्पन्न करता है।

ये खण्ड उन बातों को सम्बोधित करते हैं जिसे लूथर विभिन्न “अवस्थाएँ” कहते थे जिन्हें परमेश्वर ने मानव जीवन के लिए बनाईं हैं, जिनमें हमारी अनेक बुलाहटें पाईं जाती हैं: घराना, देश, कलीसिया।

प्रत्येक प्रकरण में, 1 कुरिन्थियों 7 में उठाए गए सभी प्रश्नों के लिए, पौलुस का एक ही उत्तर है “वैसे जीयो जैसे तुम बुलाए गए थे।”

परमेश्वर आपके जीवन के द्वारा क्या कर रहा है

हम पूछ सकते हैं, “परमेश्वर मेरे जीवन में क्या कर रहा है?” बुलाहट हमें प्रोत्साहित करता है कि हम एक और प्रश्न को पूछें: “परमेश्वर मेरे जीवन के द्वारा क्या कर रहा है?”

परमेश्वर अन्य साधनों के साथ-साथ बुलाटह के द्वारा अपनी मानव सृष्टि पर शासन करता है और उसकी सुधि लेता है। वह किसान, चक्कीवाले, और पकाने वालों के व्यवसायों के माध्यम से हमें हमारी दिन भर की रोटी देता है (2 कुरिन्थियों 9:10 देखें)। वह शासन करने वालों के व्यवसायों के माध्यम से हमें सुरक्षित रखता है, जिनमें वे लोग भी हैं जो पुलिस, सैनिक, और न्यायाधीश हैं जो “तलवार धारण” करते हैं (रोमियों 13:1-7 देखें)। वह माता और पिता की बुलाहट के द्वारा बच्चों को उत्पन्न करता और उनकी देखभाल करता है (भजन 127)। वह सेवा की बुलाहट के द्वारा अपने वचन को सिखाता और उसकी उद्घोषणा करता है (रोमियों 10:14-17)।

लूथर ने बुलाटह को “परमेश्वर का मुखौटा” कहा। उन सब लोगों के विषय में विचार करें जो आपके लिए कुछ करते हैं—वे लोग जिन्होंने आपके घर को बनाया, अपने वस्त्रों को बनाया, आपकी गाड़ी को बनाया, आपके लिए सफाई की, आपका खाना परोसा, आपके रोगों का उपचार किया, आदि। इन साधारण लोगों के पीछे परमेश्वर छिपा हुआ है, और वह आपको उनके द्वारा आशीषित करता है।

आप भी परमेश्वर के एक मुखौटे हैं। वह आपके द्वारा दूसरों को आशीषित कर रहा है, भले ही आप इस बात से अनभिज्ञ हैं: आपके जीवनसाथी को, आपके बच्चों को, आपके सहकर्मियों को, आपके उपभोगताओं को, आपके सह-मसीहियों को।

सभी बुलाहटों के लिए परमेश्वर का उद्देश्य

परमेश्वर चाहता है कि हम उससे प्रेम करें और अपने समान अपने पड़ोसियों से प्रेम करें (मत्ती 22:34-40)। इसलिए, प्रत्येक बुलाहट का—अर्थात् विवाह का, अभिभावक होने का, कार्यस्थल का, राष्ट्र का, और कलीसिया का—उद्देश्य है कि हम अपने पड़ोसियों से प्रेम करें और उनकी सेवा करें (गलातियों 5:13-15)।

प्रत्येक बुलाहट या व्यवसाय हमारे जीवन में पड़ोसियों के लाता है। विवाह हमें हमारा जीवनसाथी देता है; अभिभावक होना हमें बच्चे देता है; कार्यस्थल हमें सहकर्मी देता है; राष्ट्र में होना हमें सह-नागरिक देता है; हमारी कलीसिया हमें सह-सदस्य देती है। ये लोग वे पड़ोसी हैं जिनसे परमेश्वर चाहता है कि हम प्रेम करें और उनकी सेवा करें। जब हम ऐसा करते हैं, हमारा प्रेम और हमारी सेवा परमेश्वर के प्रेम और परमेश्वर की सेवा के लिए माध्यम बन जाते हैं।

निश्चय ही हम प्रायः इन पड़ोसियों को देखने में विफल होते हैं। हम कभी-कभी उनको अपने लाभ के लिए उपयोग करते हैं, और उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं। उनकी सेवा करने के स्थान पर हम चाहते हैं कि वे हमारी सेवा करें। विवाहों में, व्यवसायों में, और मण्डलियों में यही संघर्ष की जड़ है। कहने का तात्पर्य यह है कि हम अपनी बुलाहटों में पाप करते हैं। परमेश्वर हमारे माध्यम से कार्य करता रह सकता है, परन्तु, हम उसका विरोध कर रहे हैं।

हमें उन पापों को मानना चाहिए, क्षमा ग्रहण करना चाहिए, और स्वयं को सुधारना चाहिए। और जब हम ऐसा करते हैं, हम विश्वास और प्रेम में बढ़ते हैं। पवित्रीकरण भी बुलाहट में पाया जाता है।

यह लेख मूलतः लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ ब्लॉग में प्रकाशित किया गया।

जीन एडवर्ड वीथ
जीन एडवर्ड वीथ
डॉ. जीन एडवर्ड वीथ पर्ससेलविल, वर्जिनिया में पैट्रिक हेनरी कॉलेज में अध्यक्ष और साहित्य एमेरिटस के प्रोफेसर हैं। वे कई पुस्तकों के लेखक हैं, जिनमें गॉड एट वर्क और रीडिंग बिट्वीन द लाइन्स सम्मिलित हैं।