यीशु के दृष्टान्त
“मैं उनसे दृष्टान्तों में इसलिए बातें करता हूँ” (मत्ती 13:13) यीशु की सांसारिक सेवकाई के दौरान, उसका अपने चेलों को सिखाने का सबसे प्रमुख तरीका दृष्टान्तों के माध्यम से था। लोग यह सुनने के लिए दूर-दूर से आकर इकट्ठा हुआ करते थे कि यीशु परमेश्वर के राज्य के बारे में क्या कहता है, और यीशु स्वर्ग राज्य के विषय में बताने का सबसे सामान्य तरीका दृष्टान्तों के माध्यम से था। इस श्रृंखला में डॉ. आर. सी. स्प्रोल यीशु के कुछ दृष्टान्तों की जाँच करेंगे, और उन अनमोल सत्यों का पता लगाएँगे जिन्हें वे इस विषय में प्रकट करते हैं कि यीशु कौन है और वह अपने जीवन, मृत्यु और पुनरुत्थान के द्वारा क्या हासिल करने आया था।
परिचय
वह धरती पर आज तक हुआ सबसे महान शिक्षक था। लोग दूर-दूर से आकर उसे उपदेश देते हुए और उसके दृष्टान्तों बताते हुए सुनने के लिए इकट्ठा होते थे। परन्तु दृष्टान्त क्या है और यीशु ने उनका प्रयोग क्यों किया? इस श्रृंखला के पहले भाग में, आर. सी. स्प्रोल इन प्रश्नों के उत्तर देते हैं और वे हमें यीशु की ग्यारह प्रसिद्ध कहानियों की उनकी यात्रा के लिए तैयार करते हैं।
लाजर और धनी मनुष्य का दृष्टान्त
आपके मरने के बाद क्या होता है? यदि आप मर जाने के बाद अपने प्रियजनों से बात कर पाते तो आप उनसे क्या कहते? इस श्रृंखला के चौथे भाग में, आर.सी. स्प्रोल लाजर और धनी व्यक्ति के दृष्टान्त को फिर से बताते हैं और यीशु द्वारा दी गई सबसे गम्भीर चेतावनियों में से एक को स्पष्ट करते हैं।
गुप्त धन और अमूल्य रत्न का दृष्टान्त
यदि आपका घर जल रहा हो, तो आप किन वस्तुओं को बचाने का प्रयास करेंगे? इस प्रश्न का उत्तर देने से हमें इस बारे में बहुत कुछ सीखने को मिलता है कि हम किन बातों को मूल्यवान समझते हैं। इस श्रृंखला के पाँचवें भाग में, आर.सी. स्प्रोल दो छोटे दृष्टान्त साझा करते हैं जिनमें यीशु हमें इस विषय में चुनौती देता कि हम वास्तव में किन बातों को मूल्यवान समझते हैं
फरीसी और कर वसूलने वाले का दृष्टान्त
कलीसिया लोगों का एक मिश्रित समूह है। इसमें सच्चे मसीही और वे लोग भी शामिल हैं जिनके पास वह विश्वास नहीं है जिसके होने का वे दावा करते हैं। इस श्रृंखला के सातवें भाग में, आर.सी. स्प्रोल हमें स्वयं को बड़ा बनाने वाले और स्वयं को दीन बनाने वाले लोगों के बीच का स्पष्ट अन्तर देखने में हमारी सहायता करते हैं।