लेख

13 नवम्बर 2025

धर्मसुधारवादी परमेश्वर का धर्मसिद्धान्त

ईश्वरविज्ञान, निस्सन्देह, परमेश्वर, उसके चरित्र और उसकी कार्यप्रणाली का अध्ययन करता है; इसलिए यह उचित है कि उद्धार, कलीसिया, अन्तिम बातें और विधिवत ईश्वरविज्ञान की अन्य शाखाओं पर विचार करने से पहले हम परमेश्वर के स्वभाव और उसके गुणों पर दृष्टि डालें।
11 नवम्बर 2025

वेस्टमिन्स्टर ईश्वरविज्ञानी कौन थे?

वेस्टमिन्स्टर सभा (1643–53) इंग्लैण्ड में गहन धार्मिक और राष्ट्रीय उथल-पुथल के समय में बुलाई गई थी और उसने कुछ महत्त्वपूर्ण ईश्वरविज्ञानिय मानक तैयार किए—विशेष रूप से वेस्टमिन्स्टर अंगीकार-वचन और दीर्घ तथा लघु प्रश्नोत्तरी (Catechisms)—जिनका प्रभाव और महत्त्व आज भी विश्वभर में बना हुआ है।
6 नवम्बर 2025

उत्पत्ति 6 में “परमेश्वर के पुत्र” कौन हैं?

बीसवीं शताब्दी में, जर्मन बाइबलीय विद्वान रूडोल्फ बुल्टमान (Rudolf Bultmann) ने पवित्रशास्त्र की एक व्यापक आलोचना प्रस्तुत की। उन्होंने यह तर्क दिया कि बाइबल मिथक संदर्भों से भरी हुई है, जिन्हें हटाए बिना इसे हमारे युग में सार्थक रूप से लागू नहीं किया जा सकता। बुल्टमान की मुख्य चिन्ता विशेषकर नए नियम के उन वर्णनों को लेकर थी, जिनमें चमत्कारों का उल्लेख मिलता है, जिन्हें वह असम्भव मानते थे।

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13 नवम्बर 2025

धर्मसुधारवादी परमेश्वर का धर्मसिद्धान्त

ईश्वरविज्ञान, निस्सन्देह, परमेश्वर, उसके चरित्र और उसकी कार्यप्रणाली का अध्ययन करता है; इसलिए यह उचित है कि उद्धार, कलीसिया, अन्तिम बातें और विधिवत ईश्वरविज्ञान की अन्य शाखाओं पर विचार करने से पहले हम परमेश्वर के स्वभाव और उसके गुणों पर दृष्टि डालें।
11 नवम्बर 2025

वेस्टमिन्स्टर ईश्वरविज्ञानी कौन थे?

वेस्टमिन्स्टर सभा (1643–53) इंग्लैण्ड में गहन धार्मिक और राष्ट्रीय उथल-पुथल के समय में बुलाई गई थी और उसने कुछ महत्त्वपूर्ण ईश्वरविज्ञानिय मानक तैयार किए—विशेष रूप से वेस्टमिन्स्टर अंगीकार-वचन और दीर्घ तथा लघु प्रश्नोत्तरी (Catechisms)—जिनका प्रभाव और महत्त्व आज भी विश्वभर में बना हुआ है।