थामने वाला

कलवरी के क्रूस पर यीशु का चित्र इतिहास के सबसे अकेले मनुष्य का चित्र है। वह लटका हुआ मर रहा था, अपने पिता के क्रोध का सामना कर रहा था क्योंकि उसने संसार के पापों को उठा लिया था। ये पाप उसके अपने नहीं थे, और इससे पहले उसे कभी भी अपने स्वर्गीय पिता से बातचीत में बाधा नहीं आई थी। फिर भी, पवित्र आत्मा ने यीशु के बलिदान के दौरान उसे थामे रखा, और उसने उसकी उसी प्रकार से रक्षा की जैसी वह उसके गर्भ में आने के समय से करता चला आ रहा था। वही आत्मा जिसने यीशु को अपने लोगों के पापों के लिए प्रायश्चित करने के लिए दृढ़ किया था, आज हम में वास करता है, यह ऐसा अवर्णित सौभाग्य है जिससे कलीसिया नम्रता, धन्यवाद और प्रेम में एकजुट हो जाती है।