धनी नवयुवक
23 अक्टूबर 2024अनुग्रह के साधारण साधन की सेवकाई
28 अक्टूबर 2024धैर्य का विकास करना
अस्सी दशक के अन्त में, हाइंज़ टमाटर केचप कम्पनी ने इस नारे के साथ एक विज्ञापन अभियान चलाया, “उत्तम बातें उन लोगों के लिए आती हैं जो प्रतीक्षा करते हैं।” आज कितनी कम्पनियाँ अपने उत्पाद का प्रचार करने के प्रयास में लोगों को धैर्य रखने के लिए प्रोत्साहित करेंगी? हम में से कोई भी प्रतीक्षा करना नहीं चाहता है; हम उन वस्तुओं को चाहते हैं जिन्हें हम चाहते हैं, और हम उन्हें अभी चाहते हैं। हम असंख्य अवसरों पर अधीरता प्रकट करते हैं। यदि हमारे पास केवल साधारण इंटरनेट है, तो हम वेब पेज के खुलने की प्रतीक्षा करने को तैयार हो सकते हैं, भले ही हमें यह अच्छा नहीं लगेगा, परन्तु हाय-स्पीड इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के सौभाग्य का आनन्द लेने के कारण, यदि हम किसी लिंक पर क्लिक करते हैं और उसी क्षण पेज न खुले तो हम अत्यधिक उग्र हो जाते हैं। जब बत्ती हरी हो जाती है और हमारे सामने वाली गाड़ी का चालक अपने फोन को देख रहा होता है; जब किसी दुकान का कोई कर्मचारी या ग्राहक-सेवा प्रतिनिधि अयोग्य या धीमा प्रतीत होता है; जब हमारे बच्चे एक शान्त शाम की हमारी योजना में बाधा डालते हैं; जब कोई हमारे मेसेज या ईमेल का समय पर उत्तर नहीं देता है—इन सभी प्रकरणों में और कई अन्यों में भी, भले वे लोगों के प्रति, परिस्थितियों के प्रति, या अन्ततः परमेश्वर के प्रति, हम अपनी अधीरता को आन्तरिक और बाहरी दोनों प्रकार से व्यक्त करते हैं।
फिर भी प्रभु अपने लोगों को आत्मा के धैर्य के फल को प्रदर्शित करने की आज्ञा देता है (गलातियों 5:22; 1 थिस्सलुनीकियों 5:14; याकूब 5:7-8)। इसे अन्य लोगों के साथ हमारे सम्बन्धों को (1 कुरिन्थियों 13:4; इफिसियों 4:2; कुलुस्सियों 3:12), हमारी पीड़ा को (2 कुरिन्थियों 1:6; कुलुस्सियों 1:11; याकूब 5:10; 1 पतरस 2:20), और खोए हुए और पाए गए लोगों के लिए हमारी सेवकाई को चिह्नित करना चाहिए है (2 कुरिन्थियों 6:6; 2 तीमुथियुस 2:24; 3:10; 4:2)। तो हम इस सबसे चुनौतीपूर्ण सदगुण को कैसे विकसित करें?
- क्योंकि अधीरता की प्रकृति मुख्यतः हड़बड़ी में व्यक्त होती है, हम जीवन के उन क्षेत्रों की खोज करके धैर्य विकसित करते हैं जिनमें हम चाहते हैं कि बातें शीघ्रता से, यहाँ तक कि तुरन्त हो जाएँ। शैतान हमें वहाँ प्रलोभित करने का प्रयास करेगा जहाँ हम सबसे कम सुरक्षित हैं, इसलिए प्रलोभन के अवसरों की पहचान करके, हम अधिक सतर्कता के साथ पाप का विरोध करने में सक्षम होंगे। हमारी इच्छाओं पर सतर्कता बरतने के लिए सुलैमान का उपदेश एक अधिक धैर्यवान व्यक्ति बनने में महत्वपूर्ण है: “अपने ह्रदय की चौकसी पूरे यत्न के साथ कर, क्योंकि जीवन का मूल-स्त्रोत वही है” (नीतिवचन 4:23)।
- पारम्परिक बुद्धि के विपरीत, जो हमें चेतावनी देती है कि हम धैर्य के लिए प्रार्थना न करें, हम सत्यनिष्ठा से धैर्य के लिए प्रभु से प्रार्थना करके इसे विकसित करते हैं। प्रभु का अनुग्रह माँगने के बाद, हमें उन कठिन परिस्थितियों से बचने की आवश्यकता नहीं है जिनके लिए इसकी आवश्यकता होती है। यह पहले बिन्दु के विपरीत लग सकता है, परन्तु यदि हम सावधान हैं, तो प्रार्थनापूर्वक और सावधानीपूर्वक कठिन लोगों के आसपास कठिन परिस्थितियों में प्रवेश करने से हमें, आत्मा की सामर्थ से, धैर्य की मांसपेशियों का उपयोग करने का अवसर मिलता है।
- धैर्य, कई अन्य सदगुणों के समान, सर्दियों (कठिनाइ से समय) में सबसे अच्छा बढ़ता है। “हमें बड़े क्लेश उठाकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना है” (प्रेरितों के काम 14:22), और इसलिए हम ख्रीष्ट के वापस हमारे पास आने की आशा पर अपनी निगाहें टिकाकर कष्ट सहते हुए धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करना सीखते हैं, यह विश्वास करते हुए कि “क्योंकि मैं यह समझता हूँ कि वर्तमान समय के दुखों की तुलना करना आनेवाली महिमा से जो हम पर प्रकट होने वाली है, उचित नहीं” (रोमियों 8:18)। इस जीवन में हम अपने भीतर कराहते हैं, प्रसव पीड़ा को सहन करते है, जब तक कि सृष्टि के साथ-साथ, हम उस महिमा की स्वतन्त्रता में प्रवेश नहीं कर लेते जिसे परमेश्वर ने अपने पुत्रों के लिए संरक्षित रखा है (रोमियों 8:19-23)।
- एक रीति जिससे आत्मा हमें पाप को दूर करने और धार्मिकता धारण करने में सक्षम बनाता है वह हमें यह दिखाना है कि पाप वास्तव में कितना पापपूर्ण है (रोमियों 7:13 देखें)। इसलिए, हम के द्वारा धैर्य विकसित करते हैं, अधीरता की पापपूर्णता को समझते हुए और एक पवित्र भय के साथ स्वयं को बार बार स्मरण दिलाते हैं कि अधीरता स्वयं एक पाप है, और साथ में कि यह आगे पाप की ओर ले जाती है। अधीरता के कारण शाऊल ने होमबलि चढ़ाकर परमेश्वर की आज्ञा का उल्लघंन किया, जिसे शमूएल याजक को चढ़ाना था (1 शमूएल 13:8-15)। अधीरता ने इस्राएलियों को परमेश्वर के विरुद्ध कुड़कुड़ाने और उस पर और उसके सेवक पर बुराई करने के लिए प्रेरित किया (गिनती 21:4-5)। अधीरता हमें उत्कण्ठा और चिन्ता की ओर तथा इस बात पर अविश्वास की ओर ले जाती है कि परमेश्वर का उपलब्ध करने का समय सर्वोत्तम है।
मूलतः, सारी अधीरता परमेश्वर, उसकी इच्छा, उसकी बुद्धि, उसकी योजना और उसके विधियों के प्रति अधीरता है। जब परमेश्वर की समय-सारणी हमारी समय-सारणी नहीं होती है, तो हम अपने स्वार्थी ह्रदयों में, विद्रोगी इच्छा-शक्ति से, और क्रोधित शब्दों से आक्रमण करते हैं। परमेश्वर और उसकी आज्ञाओं से दूर अधीरता का प्रक्षेप पथ हमें दिखाता है कि स्वयं को धैर्य से ढकना कितना महत्वपूर्ण है।
- हम हर समय यह स्मरण करके धैर्य विकसित करते हैं कि हमने भी वही किया है जिसके लिए हम दूसरों के प्रति निराश और अधीर होते जाते हैं। जब बत्ती हरी हुई है तो हम अपने फोन पर व्यस्त रहे हैं। हम अयोग्य और धीमे रहे हैं। हमने किसी की योजनाओं में बाधा डाली है। हमने किसी ईमेल का बहुत देर से उत्तर दिया है। कितनी बार दूसरे लोग हमारे साथ धैर्यवान रहे हैं? क्योंकि हम धैर्य के पात्र रहे हैं, हमें दूसरों पर अनुग्रह और करुणा रखनी चाहिए।
- किसी और से अधिक परमेश्वर ने हमें धैर्य दिखाया है। वह हमारे प्रति उसकी दयालुता, सहनशीलता और धैर्य दिखाता है कि हम पश्चाताप की ओर जाएँ (रोमियों 2:4)। यीशु ख्रीष्ट में उसकी धैर्यवान क्षमा और प्रेम हमें धैर्यवान क्षमा और प्रेम की ओर ले जाने के लिए है (मत्ती 18:21-35; लूका 7:36-50; इफिसियों 4:32-5:2)। उसका चुनाव करने वाले अनुग्रह को हमारे ह्रदयों को करुणा, दयालुता, नम्रता, कोमलता और धैर्य से भर देना चाहिए (कुलु. 3:12)।
जैसे-जैसे हम धैर्य की खोज करते हैं, हम बार-बार असफल होंगे। फिर भी इस ज्ञान में सुरक्षित होते हुए कि हमारी अधीरता यीशु ख्रीष्ट में पहले से ही क्षमा कर दी गई है और कि हम अपने उद्धारकर्ता पर विश्वास के माध्यम से परमेश्वर की ओर से धार्मिकता के वस्त्र पहने हुए हैं, आइए हम साहसपूर्वक भूल जाएँ कि पीछे क्या है और उस पूर्ण धैर्य की ओर अपनी यात्रा में आगे बढ़ें जो महिमा में हमारी होगी (फिलिप्पियों 3:8-14)।
यह लेख मूलतः लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ ब्लॉग में प्रकाशित किया गया।