इतिहास की पुस्तकें और भजन - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ %
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इतिहास की पुस्तकें और भजन

हमारे ख्रीष्ट के सिद्धान्त के अध्ययन में हम पहले ही पंचग्रथ देख चुके हैं। अब हम कई महत्वपूर्ण स्थलों में जाएँगे जो कि इतिहास की पुस्तकों में और भजनों में पाए जाते हैं। इतिहास की पुस्तकें, इस्राएल के उदय और पतन की कहानी को कथित करती हैं साथ ही साथ इस्राएली राज-तन्त्र के विकास को भी। दाऊद एक आदर्श राजा बन जाता है और उसके साथ परमेश्वर की वाचा भविष्य में आने वाले उससे भी महान राजा की ओर संकेत करती है। इस्राएल सम्बन्धित भजनों में, हम बार-बार इस्राएल के लिए आने वाले मसीहाई राजा की प्रेरणापूर्ण आशा को सुनते हैं।

2 शमूएल 7
इतिहास की पुस्तकों में से बाइबलीय ख्रीष्ट विज्ञान को समझने के लिए कई महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक 2 शमूएल 7 है। यह अध्याय उन घटनाओं का अभिलेख करता है जो कि दाऊदीय वाचा (Davidic Covenant) की स्थापना से घिरी हुई है। दाऊद ने यरूशलेम पर विजय पा ली है और सन्दूक को नगर में ले आया है, और परमेश्वर ने उसके चारों ओर के सब शत्रुओं से उसे विश्राम दे दिया (2 शमूएल 7:1)। तब दाऊद नतान नबी को बुलाता है और परमेश्वर के लिए एक “भवन” (इब्रानी में बेइत) निर्मण की अपनी इच्छा को व्यक्त करता है, तम्बू के स्थान पर एक स्थाई मन्दिर। दाऊद के प्रति परमेश्वर का प्रतिउत्तर हम 2 शमूएल 7:4-16 में पाते हैं।
परमेश्वर दाऊद को स्मरण दिलाता है कि जब से वह इस्राएल को मिस्र से निकालकर लाया वह लोगों के साथ तम्बू में घूमते आया है (2 शमूएल 7:4-7)। वह दाऊद को स्मरण दिलाता है कि जहाँ-कहीं वह गया परमेश्वर उसके साथ था और उसने दाऊद के शत्रुओं को नाश किया (पद 8-9क)। फिर उसने दाऊद से प्रतिज्ञा किया कि वह दाऊद का नाम महान् करेगा (पद 9ख)। परमेश्वर ने कहा कि वह इस्राएल को उसके शत्रुओं से विश्राम देगा और वह दाऊद के लिए एक स्थान बनाएगा (पद 10-11)। परमेश्वर प्रतिज्ञा करता है कि वह दाऊद के वंश के लिए राज्य को स्थापित करेगा (पद 12)। वह प्रतिज्ञा करता है कि दाऊद के वंश से कोई परमेश्वर के लिए भवन बनाएगा, और परमेश्वर उसके राज्य के सिंहासन को सदा-सर्वदा के लिए स्थिर रखेगा (पद 13)।
परमेश्वर प्रतिज्ञा करता है कि, “मैं उसका पिता ठहरूँगा, और वह मेरा पुत्र होगा” (2 शमूएल 7:14क)। परमेश्वर चेतावनी देता है कि यदि वह अर्धम करे तो वह दाऊद के वंशज की ताड़ना करेगा, परन्तु परमेश्वर यह भी प्रतिज्ञा करता है कि उसकी करुणा दाऊद से कभी न हटेगी जैसे मैंने शाऊल पर से उठा ली थी (पद 14ख-15)। अनन्तः परमेश्वर दाऊद से प्रतिज्ञा करता है, “तेरा घराना और तेरा राज्य मेरे सामने सर्वदा बना रहेगा। तेरा सिंहासन सर्वदा के लिए स्थिर किया जाएगा” (2 शमूएल 7:16)। दाऊद की धन्यवादिय प्रार्थना 2 शमूएल 7:18-29 में पाई जाती है। इस प्रार्थना में, वह परमेश्वर की प्रतिज्ञा को “मानवजाति के लिए निर्देश” के रूप में बताता है, इस ओर संकेत करते हुए कि इस वाचा में मनुष्य की रीति सम्मिलित है (पद 19)।
दाऊदीय वाचा में परमेश्वर द्वारा इब्राहिम से की गई वाचा अपेक्षित थी (उत्पत्ती 17:6)। यह दाऊदीय राजा के द्वारा होगा कि राष्ट्रों को आशिष देने की परमेश्वर की प्रतिज्ञा पूरी हो (2 शमूएल 7:19; भजन 72:8-11,17)। दाऊदीय वाचा में मूसाई वाचा (Mosaic Covenant) भी अपेक्षित की गई थी (व्यवस्थाविवरण 17:14-20)। दाऊदीय राजा इस्राएल में परमेश्वर के ईश्वरतन्त्र राज्य की अभिव्यक्ति है। उसे परमेश्वरीय राजा के धर्मी शासन को प्रतिबिम्बित करना था। उसको इस्राएल की मूसाई व्यवस्था को विश्वासयोग्यता से पालन करने में भी अगुवाई करना था। इब्राहीम की वाचा में परमेश्वर के राज्य के लिए एक क्षेत्र और लोगों की प्रतिज्ञा थी। मूसाई वाचा राज्य के लिए व्यवस्था उपलब्ध कराती है। अब दाऊदीय वाचा राज्य के लिए मानविय राजा को उपलब्ध कराती है।
उत्पत्ति 49:10 में, याकूब ने नबूवत की थी कि यहूदा के कुल से राजदण्ड तब तक न छूटेगा जब तक वह न आ जाए जिसका वास्तव में राजसी पद है। यह नबूवत आरम्भ में अपनी पूर्ती दाऊदीय शासन की स्थापना में पाता है। परन्तु दाऊदीय वाचा केवल अतीत की नबूवतों के पूरे होने की ओर ही नहीं देखता है, यह तो भविष्य में इस्राएल की भविष्यात्मक आशा की नींव को डालने की ओर भी देखता है। दाऊदीय वाचा, बाद के नबियों के लिए मसीहाई सम्बन्धी नबूवतों की नींव बन गई (देखें अमोस 9:11; यशायाह 9:6-7)। वह प्रतिज्ञा जो अभी तक पूरी नहीं हुई है वह भविष्य में पूरी होगी (यशायाह 7:13-25; 16:5; 55:3; यिर्मयाह 30:8; 33:14-26; यहेजकेल 34:20-24; 37:24-25; होशे 3:5; ज़कर्याह 6:12-13; 12:7-8)। अनन्तः ये मसीहाई आशाएँ यीशु में पूरी होंगी, दाऊद का सच्चा का पुत्र (मत्ती 1:1; प्रेरितों के काम 13:22-23)। यीशु दाऊद का पुत्र है जो परमेश्वर के लिए “भवन” का निर्माण करेगा, एक नया मन्दिर जो हाथों से नहीं बनाया गया है। वह दाऊद का पुत्र है जिसका राज्य सदा के लिए स्थापित है।

भजन 2
भजन 2 राजा से सम्बन्धित या राजसी भजनों में से एक है। मसीहाई भजनों में से एक होने के कारण यह परमेश्वर के पुत्र के राज्य की पूर्ण स्थापना हेतु भविष्य की ओर देखता है। यह लोगों को प्रोत्साहित करता है कि वह परमेश्वर पर भरोसा करें और भविष्य में उस समय की ओर देखें जब परमेश्वर के सारे शत्रु का न्याय होगा और धार्मिकता स्थापित की जाएगी। इस भजन में हम चार उपखण्डों को देखते हैं: राष्ट्रों का विद्रोह (पद 1-3); परमेश्वर का प्रतिउत्तर (पद 4-6); परमेश्वर की राजाज्ञ (पद 7-9); और राजा का राज्य (पद 10-12)।
पद 7-9 दाऊदीय वाचा में पायी गई प्रतिज्ञा पर आधारित है, अर्थात् परमेश्वर की दाऊद से प्रतिज्ञा: “मैं उसका पिता ठहरूँगा, और वह मेरा पुत्र होगा” (2 शमूएल 7:14)। ये पद मसीहा के राज्य के पृथ्वी के छोर तक विस्तार होने की आशा करते हैं। नए नियम में, परमेश्वर पिता भजन 2 (और यशायाह 42:1) के इस भाग से शब्दों का उपयोग करता है इस बात की घोषणा करने के लिए यीशु उसका पुत्र है (मत्ती 3:17; 17:5)। यह भजन हमें मसीहा के विषय में शिक्षा देता है। यह हमें यीशु के विषय में शिक्षा देता है।

भजन 45
भजन 45 एक और राजसी भजन है। इसका श्रेय कोरह-वंशियों को दिया जाता है और राजा दाऊद को सम्बोधित किया जाता है। आरम्भ के पाँच पद सीधी रीति से राजा के सम्मान और प्रशंसा की अभिव्यक्ति है। यद्यपि 6-7 पदों में, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि भजनकार वर्तमान दाऊदीय राजा से परे भविष्य की ओर देख रहा है।
हे परमेश्वर, तेरा सिंहासन सदा-सर्वदा के लिए स्थिर है,
तेरा राजदण्ड तो न्याय का है।
तू ने धार्मिकता से प्रेम और दुष्टता से बैर किया है,
इसीलिए परमेश्वर तेरे परमेश्वर ने तेरे साथियों से बढ़कर तुझे,
हर्ष के तेल से अभिषिक्त किया है।
इब्रानी शब्दों का अनुवाद “हे परमेश्वर, तेरा सिंहासन” कई प्रकार से किया गया है। इसका अनुवाद इस प्रकार हुआ है: “हे परमेश्वर, तेरा सिंहासन”। कुछ और अनुवाद में ऐसे भी किया गया है: “आपका सिंहासन परमेश्वर के सिंहासन के समान है”। यह भी अनुवाद किया गया है: “आपका परमेश्वरिय सिंहासन”। सप्ततिग्रन्थ (Septuagint) इस अनुवाद का समर्थन करता है: “हे परमेश्वर, तेरा सिंहासन”। नए नियम में सप्ततिग्रन्थ से इस पद का उद्धरण भी इसी अनुवाद का समर्थन करता है (इब्रानियों 1:8)।
इस अनुवाद का अर्थ है कि राजा को यहाँ पर “परमेश्वर” करके सम्बोधित किया गया है और उसके सिंहासन को परमेश्वर के सिंहासन के तुल्य बताया गया है। यद्यपि पद 7 में, दाऊदीय राजा को परमेश्वर से भिन्न दिखाया गया है: “परमेश्वर तेरे परमेश्वर ने तेरा अभिषेक किया है”। जैसा की डेरिक किडनर समझाते हैं कि इस प्रकार की दो विपरीत भाषा का उपयोग केवल ख्रीष्ट के देहधारण के प्रकाश में ही समझा जा सकती है: “यह पुराने नियम की भाषा का उदाहरण है जिसको व्यक्त करने के लिए भजनकार संघर्ष कर रहा है, जो मानवीय पूर्ती से अधिक माँग कर रहा है…”

भजन 110
भजन 110 एक और राजसी भजन है। यह पूरे नये नियम में सबसे अधिक बार उद्धरित किए जाने वाले भजनों में से एक है (मत्ती 22:44; 26:64; मरकुस 12:36; 14:62; 16:19; लूका 20:42-44; 22:69; प्रेरितों के काम 2:34-35; रोमियों 8:34; 1 कुरिन्थियों 15:25; इफिसियों 1:20; कुलुस्सियों 3:1; इब्रानियों 1:3, 13; 5:6; 7:17,21; 8:1; 10:12-13; 12:2)। इसके शीर्षक के अनुसार, दाऊद इस भजन का भजनकार था, यह ऐसा तथ्य है जो नए नियम में इसकी व्यख्या के लिए महत्वपूर्ण है।
यहोवा ने मेेरे प्रभु से कहा:
“मेरे दाहिने बैठ,
जब तक कि मैं तेरे शत्रुओं को तेरे चरणों की चौकी न बना दूँ”। (भजन 110:1)
यह परिचयात्मक वाक्य इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये मसीहाई राजा के विषय में कुछ कहते हैं। शीर्षक के पश्चात्, पद के पहले के कुछ शब्द यह हैं: ने’उम यहोवा इस बात को दिखाता है कि यह परमेश्वर की वाणी है। ला’डोनाए शब्दों का अनुवाद है “मेरे प्रभु”। यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि दाऊद इस भजन में राजा के विषय में “मेरे प्रभु” का सम्बोधन करता है। इन शब्दों का दूसरा अनुवाद है: “मेरे स्वामी”। संक्षिप्त में, दाऊद स्वयं उस राजा की अधीनता को व्यक्त करता है जिसे परमेश्वर के दाहिने हाथ पर बैठना है। इस राजा का अधिकार यहोवा से आता है जो उसके सारे शत्रुओं को उसके पैरों तले करके उसके राज्य को बढ़ाने की प्रतिज्ञा करता है (भजन 2:8-9)।
“चरणों की चौकी” की अलंकारिक भाषा सम्पूर्ण अधिकार को दिखाती है।
यहोवा तेरे समार्थी राजदण्ड को सिय्योन से यह कहकर बढ़ाएगा,
अपने शत्रुओं के मध्य शासन कर।
तेरे पराक्रम के दिन तेरी प्रजा के लोग स्वेच्छाबलि बनेंगे
तेरे जवान पवित्रता से सुशोभित
भोर के गर्भ से जन्मी ओस के समान तेरे पास हैं। (पद 2-3)
मसीहाई राजा का अधिकार इस रीति से व्यापक किया जाएगा कि उसके सभी शत्रु उसके राज्य को स्वीकार करने के लिए विवश किए जाएँगे। पद 3 की व्यख्या कठिन है परन्तु यह इस ओर संकेत कर रहा है कि राजा की प्रजा स्वयं को स्वेच्छा से उसकी सेवा हेतु समर्पित कर देगी।
यहोवा ने शपथ खाई है
और वह उससे न बदलेगा:
“तू मलिकिसिदक की रीति पर
युगानुयुग याजक है।”
यह कहना की यहोवा ने “शपथ खाई है” दिखाता है कि इससे गम्भीर और कोई शपथ नहीं है। यहाँ पर, शपथ दाऊद से उसकी वाचाई प्रतिज्ञा की ओर संकेत करता है (2 शमूएल 7:13)। वह उद्घोषणा करता है कि, “तू मलिकिसिदक की रीति पर युगानुयुग याजक है”। मलिकिसिदक शालेम का याजक और राजा था (उत्पत्ती 14:18)। उसी के समान, दाऊदीय राजा याजकीय-राजा था (2 शमूएल 6:14, 17-18; 1 राजा 8:14, 55, 62-64)। याजकपन और राजसीपद की सिद्ध संयुक्ति अनन्तः केवल यीशु में ही पाई जाती है (इब्रानियों 5:1-10; 7:1-28)।
यहोवा तेरे दाहिने हाथ है;
वह अपने कोप के दिन राजाओं को चूर-चूर कर देगा।
वह जाति जाति में न्याय चुकाएगा,
वह लाशों के ढेर लगा देगा,
वह विस्तृत देश के प्रधानों को जूर-जूर कर देगा।
वह मार्ग के किनारे के सोते से जल पीएगा;
इस कारण वह अपना सिर ऊँचा करेगा।
भजन 110 के अन्तिम पद मसीहाई राजा की आने वाली विजय की घोषणा करते हैं। हैंस-जोआकिम क्राउस (Hans-Joachim Kraus) ने अभिषिक्त राजा के विषय में सहायक रीति से इस भजन के कथनों के महत्व को सरांशित किया है: “सरांश में, चार बिन्दुओं पर अवश्य ही बल दिया जाना चाहिए: (1) यहोवा स्वयं राजा को उन्नत करेगा और उसको अपने दाहिने हाथ स्थान देगा, वह उसे सहशासक के रूप में नियुक्त करेगा और अधिकार देगा; (2) जो सिंहासन पर विराजमान है वह स्वर्ग से ही है; (3) उसे याजक घोषित किया गया है (मलिकिसिदक की रीति के अनुसार); (4) उसके द्वारा और उसकी उपस्थिति से यहोवा जो संसार का न्यायधीश और युद्ध का नायक है, सारे शत्रुओं पर विजयी होगा”। नये नियम के लेखक मात्र एक ही ऐसे जन को जानते हैं जिसने उन सब को पूरा किया जिसके विषय में यह भजन वर्णन करता है अर्थात् नासरत का यीशु। यह भजन उसके ऊँचे पर उठाए जाने की उनकी उद्घोषणा का केन्द्र बन जाएगा।

निष्कर्ष
इतिहास की पुस्तकों और भजनों में से ये तो कुछ ही खण्ड हैं जो मसीहा के व्यक्ति और कार्य दोनों पर प्रकाश डालते हैं। आने वाले अन्य लेखों में, हम पुराने नियम से मसीहाई सम्बन्धित कुछ सबसे महत्वपूर्ण खण्डों को देखेंगे जो नबियों की पुस्तकों में पाए जाते हैं।

 यह लेख मूलतः लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ ब्लॉग में प्रकाशित किया गया।

कीथ ए. मैथिसन
कीथ ए. मैथिसन
डॉ. कीथ ए. मैथिसन सैनफर्ड, फ्लॉरिडा के रेफर्मेशन बाइबल कॉलेज में विधिवत ईश्वरविज्ञान के प्रोफेसर हैं। वे कई पुस्तकों के लेखक हैं, जिनमें द लॉर्ड्स सप्पर और फ्रम एज टु एज समिमिलित हैं।