अगुवों की पत्नियाँ
24 फ़रवरी 2022हमारे लिए यीशु की प्रार्थना
4 मार्च 2022प्रतिरोधक के रूप में व्यवस्था
सम्पादक की टिप्पणी: यह टेबलटॉक पत्रिका श्रंखला का सातवा अध्याय है: प्रावधान
मुझे सोचता हूँ कि हम में से अधिकांश लोगों ने इसका अनुभव किया होगा: हम निर्धारित गति सीमा से ऊपर सड़क पर गाड़ी चला रहे हैं, और अचानक हमें आगे सड़क के किनारे एक पुलिस की गाड़ी दिखायी देती है। जब हम पुलिस की गाड़ी के पास से निकलते हैं, हम तुरन्त गति सीमा तक गाड़ी धीमी कर देते हैं, और फिर यह देखते हैं कि वह खाली है। उस खाली पुलिस की गाड़ी में सन्निहित कानून की उपस्थिति मात्र ने हमारी अराजकता को प्रतिरोधित कर दिया—कम से कम एक क्षण के लिए।
सोलहवीं शताब्दी में, प्रोटेस्टेन्ट धर्मसुधारकों ने परमेश्वर की व्यवस्था के तीन “प्रयोगों” की पहचान की: राजनैतिक प्रयोग (एक रस्सी जो हमारे भ्रष्टाचार को रोकता है), शैक्षणिक प्रयोग (एक दर्पण जो हमारे पापमयता को प्रकट करता है और हमें यीशु ख्रीष्ट की ओर पापियों के एकमात्र उद्धारकर्ता के रूप में इंगित करता है), और निर्देशात्मक प्रयोग (एक सीधमाप जो हमें परमेश्वर को प्रसन्न करने में मार्गदर्शित करता है)। कलीसिया कभी-कभी व्यवस्था के प्रतिरोधक प्रयोग के विषय में सोचती है यह हठी लोगों तक के लिए सीमित है, जिन्हें दण्ड की धमकी या लज्जित होने के भय की आवश्यकता है, उन्हें उतना बुरा बनने से रोकने के लिए जितना कि वह हो सकते हैं यदि उन्हें उनके पतित हृदयों पर छोड़ दिया जाए। फिर भी यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि परमेश्वर की व्यवस्था उन लोगों में रहने वाले पाप को भी रोकती है जिनका नया जन्म हुआ है,और यह कि व्यवस्था का यह कार्य उन उपायों में से एक है जिनके द्वारा परमेश्वर अपने लोगों को पर्वत पर नगर बनने के सक्षम बनाता है जिसके लिए उसने हमें बचाया है।
वेस्टमिन्स्टर विश्वास के अंगीकार 19.6 प्रत्यक्ष रूप से यीशु पर विश्वास करने वालों के लिए परमेश्वर की आज्ञाओं के प्रायः उपेक्षित उद्देश्य के विषय में बात करता है। यह स्वीकार करने के पश्चात् कि सच्चे मसीही “कार्यों की वाचा के फलस्वरूप धर्मी ठहराए या दण्डाज्ञा दिए जाने के लिए व्यवस्था के अधीन नहीं हैं,” अंगीकार दृढ़तापूर्वक कहता है कि व्यवस्था के निर्देशात्मक और शैक्षणिक प्रयोग पवित्र लोगों के जीवन में निरन्तर रूप से कार्यरत रहते हैं। वेस्टमिन्स्टर भक्ति तब पुष्टि करती है कि व्यवस्था मसीहियों से अभक्ति की बाढ़ के प्रस्फोटन को रोकने के लिए एक बान्ध के रूप में भी कार्य करती है: “यह उसी रीति से नया जन्म पाए हुओं के लिए भी उपयोगी है, उन्हें उनके भ्रष्टाचार को रोकने के लिए।” परमेश्वर की व्यवस्था विश्वासी पर कैसे नियन्त्रण करती है?
पहला, व्यवस्था सीधे रूप से पाप को मना करती है। हृदय परिवर्तन से पूर्व, हमें इस बात की चिन्ता नहीं होती थी कि परमेश्वर की व्यवस्था पाप को निषिद्ध करती है। अब जबकि परमेश्वर का आत्मा हम में है, एकमात्र तथ्य यह है कि हमारा स्वर्गीय पिता हमें ऐसा कुछ भी करने से मना करता है जिससे अराजकता उत्पन्न हो,क्योंकि हम उसे अप्रसन्न नहीं करना चाहते हैं। यह हमें गहराई से प्रभावित करता है कि अनाज्ञाकारिता हमारे पिता की इच्छा का उल्लंघन है (याकूब 2:11), और भजनकार के साथ हम परमेश्वर की व्यवस्था का पालन करने की लालसा रखते हैं, जो हमें दुष्टता से रोक कर रखती है: “मैंने अपने पैरों को प्रत्येक बुरे मार्ग से रोक रखा है, कि तेरे वचनों पर चलूँ” (भजन 119:101)।
दूसरा, व्यवस्था की चेतावनियाँ हमें यह स्मरण कराती हैं कि हमारे पाप किस योग्य हैं, यद्यपि वे यीशु के लहू और धार्मिकता से ढके हुए हैं। हमारे ऊपर आने वाले दण्ड का फिर से आभास करना, परन्तु उसे हमारे स्थान पर यीशु द्वारा ग्रहण करना, हमें पाप से दूर होने के लिए प्रेरित करता है, जैसा कि हम एज्रा की प्रार्थना में देखते हैं: “फिर हमारे बुरे कार्यों तथा बड़े दोष के कारण हम पर यह सब बीता। इसके बाद हे हमारे परमेश्वर, जब कि तू ने हमारे अधर्मों के बराबर हमें दण्ड नहीं दिया. . . . . तो क्या हम तेरी आज्ञाओं का पुनः उल्लंघन करके. . . . ?” (एज्रा 9:13-14)। उसी प्रकार, यद्यपि हम पर दण्ड की आज्ञा नहीं है, हम फिर भी अपने स्वर्गीय पिता द्वारा अनुशासित किए जाते हैं—और उसके पैत्रिक हाथ द्वारा परिणामों की चेतावनी अधार्मिकता के लिए एक शक्तिशाली निवारक है (भजन 89: 30-33; 1 कुरिन्थियों 11:32; इब्रानियों 12: 5-11)।
अन्त में, विस्टमिन्स्टर अंगीकार के शब्दों में, व्यवस्था की प्रतिज्ञाएँ “हमें आज्ञाकारिता के लिए परमेश्वर के समर्थन को, और उन आशीषों को हमें दिखाते हैं जिनकी आशा हम आज्ञाकारिता करने से कर सकते हैं; यद्यपि कार्यों की वाचा के रूप में, व्यवस्था के कारण नहीं है” (19.6)। पवित्र आत्मा हमें पवित्रता के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए उन महान पुरुस्कारों का उपयोग करता है जिनकी प्रतिज्ञा उनसे की गयी है जो परमेश्वर की आज्ञाकारिता में चलते हैं (भजन 19:11; 34:12-16; इफिसियों 6:2; 1 पतरस 3:8-12)। पौलुस इस प्रेरणा को 2 कुरिन्थियों 7:1 में स्पष्ट करता है: “हे प्रियो, जब कि हमें ये प्रतिज्ञाएँ प्राप्त हैं तो आओ, परमेश्वर के भय में पवित्रता को सिद्ध करते हुए, हम देह और आत्मा की सब शुद्धताओं से अपने आप को शुद्ध करें”।
क्योंकि बचाने वाला विश्वास परमेश्वर के वचन के “आज्ञाओं के प्रति आज्ञापालन उत्पन्न करता है, चेतावनियों के प्रति कँपन उत्पन्न करता है, और इस जीवन और आने वाले जीवन के लिए परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं को थामने के लिए हमें प्रेरित करता है” (WCF 14.2), परमेश्वर की व्यवस्था मसीही के शेष भ्रष्टाचार को प्रभावोत्पादक रूप से प्रतिरोधित करता है। या कैल्विन की भाषा में, व्यवस्था “आलसी और असहयोगी गधे पर काम के लिए जगाने हेतु, चाबुक की मार के समान है”। यहाँ तक कि एक आत्मिक व्यक्ति जो अभी देह के भार से मुक्त नहीं है उसके लिए भी व्यवस्था एक निरन्तर की पीड़ा बनी रहती है जो उसे सीधा खड़े नहीं रहने देगी (कैल्वि के इन्स्टिट्यूट्स 2.7.12)। यह सुनिश्चित करने के लिए, व्यवस्था का प्रतिरोधक प्रभाव विश्वासी के जीवन में एकमात्र या सबसे महत्वपूर्ण शक्ति नहीं है—ख्रीष्ट का विवश करने वाला प्रेम सबसे प्रिय प्रेरणा है (2 कुरि. 5:14)। फिर भी, एक लगाम के समान, परमेश्वर की व्यवस्था उसके नाम के कारण वास्तव में हमें बुरे मार्गों से दूर और धार्मिकता के मार्गों में रखती है।
व्यवस्था हमें संसार के लिए भी रोक कर रखती है। कैसे? पहला, जब कि व्यवस्था हमारे अधर्म का प्रतिरोध करती है, हमें नमकीन नमक और तेज़ प्रकाश बनाया जाता है (मत्ती 5:13-14)। इसलिए खोए हुए लोगों के मध्य हमारी उपस्थिति प्रायः शक्तिशालीरूप से उनकी दुष्टता का प्रतिरोध करती है। दूसरा, इस बात को पहचानना कि हमारे पापों का व्यवस्था द्वारा प्रतिरोध होने की आवश्यकता है, यह एक नम्र करने वाली वास्तविकता है। यह विनम्रता खोए हुए लोगों के साथ हमारे सम्बन्ध बनाने की रीति को परिवर्तित कर देती है। फरीसी की विचारधारा के साथ उन तक पहुँचने के स्थान पर,हम चुंगी लेने वाले के हृदय के साथ बर्ताव करते हैं (लूका18:9-14)। यह जानते हुए कि यह एकमात्र परमेश्वर के अनुग्रह से (यहाँ तक कि उसकी व्यवस्था के माध्यम से) है कि हमारे पाप को वश में कर लिया है, हमारी साक्षी कोमल और अनुग्रही है।
अगली बार जब आप पुलिस की खाली गाड़ी देखें, तो अपने जीवन में परमेश्वर की व्यवस्था की प्रतिरोधक शक्ति को स्मरण करें, और आपसे मिलने वाले सभी लोगों पर ख्रीष्ट यीशु के अनुग्रह को चमकाएँ।