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– बैरी यॉर्क
प्रार्थना अनुग्रह का साधन क्यों है? यह एक रोचक प्रश्न है, क्योंकि वेस्टमिंस्टर लघु प्रश्नोत्तरी (Westminster Shorter Catechism) में केवल इतना ही कहा गया है कि प्रार्थना अनुग्रह का साधन है: “वे बाहरी और साधारण साधन जिनके द्वारा ख्रीष्ट हमें छुटकारे के लाभ को प्रदान करता है, उसकी विधियाँ हीं, विशेष रूप से वचन, कलीसियाई विधियाँ, और प्रार्थना है; ये सभी उद्धार के लिए चुने हुए लोगों के लिए प्रभावशाली बनाए जाते हैं” (प्रश्न और उत्तर 88)। परन्तु क्यों? इस प्रश्न का सच्चा उत्तर देने के लिए, हमें समझना होगा कि “अनुग्रह के साधन” का क्या अर्थ है।
ईश्वरविज्ञानी मीडिया ग्राटिया (media gratia) या अनुग्रह के साधन को, ऐसे माध्यम के रूप में परिभाषित करते हैं जिसके माध्यम से परमेश्वर अपने अनुग्रह के द्वारा हमारे हृदयों में कार्य करता है। स्थानीय जलाशय से आपके घर के नल में पानी पहुँचाने वाली नली के समान परमेश्वर इन “बाहरी और साधारण साधनों” का उपयोग करके हमें उद्धार की आशीष देता है, जैसा कि प्रश्नोत्तरी में कहा गया है। सम्भवतः हम परमेश्वर के साधनों के उपयोग को सबसे स्पष्ट रीति से देख सकते हैं—और अपने प्रश्न का उत्तर पाने में सहायता प्राप्त कर सकते हैं—प्रश्नोत्तरी में पहले के दो साधनों को देखने के द्वारा, जो परमेश्वर का वचन और कलीसियाई विधियाँ हैं।
वचन के प्रचार के द्वारा प्रभु पापियों के लिए उद्धार लाता है जब उसका आत्मा उन्हें सुनने और भरोसा करने के लिए विश्वास प्रदान है (रोमियों 10:17)। और इसके पश्चात् वह अपने लोगों को पवित्र बनाने के लिए वचन का उपयोग करता है। जैसा कि पौलुस ने इफिसुस के प्राचीनों से कहा था, “और अब मैं तुम्हें परमेश्वर और उसके अनुग्रह के वचन के हाथ सौंपता हूँ, जो तुम्हारी उन्नति कर सकता है और सब पवित्र किए गए लोगों के साथ मीरास दे सकता है” (प्रेरितों के काम 20:32)।
इसी प्रकार बपतिस्मा और प्रभु भोज की कलीसियाई विधियाँ ऐसे साधन हैं जिनका उपयोग प्रभु अपने लोगों तक उद्धार का पूरा लाभ पहुँचाने के लिए करता है। यह स्पष्ट है कि हम कलीसियाई विधियों में भाग लेने के द्वारा उद्धार पाने की बात नहीं कर रहे हैं, जैसा कि रोमन कैथोलिक कलीसिया सिखाता है। परन्तु पहले से दिए गए विश्वास और धर्मिकरण के द्वारा, प्रभु हमें कलीसियाई विधियों में उद्धार का पूरा लाभ प्रदान करता है। हमारा बपतिस्मा हमारे पापों की क्षमा का चिन्ह और मुहर है (प्रेरितों के काम 2:38)। प्रभु भोज “आशीष का कटोरा” है जो हमें “ख्रीष्ट के लहू में सहभागिता” प्रदान करता है, और तोड़ी गई रोटी है, जो “ख्रीष्ट की देह में सहभागिता” है (1 कुरिन्थियों 10:16)। कलीसयाई विधियों के द्वारा पवित्र करने वाला एवं दृढ़ करने वाला अनुग्रह का अनुभव किया जाता है।
अब यदि हम प्रार्थना की बात करें तो हम पवित्रशास्त्र में भी यही देखते हैं कि यह एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा स्वर्ग में विराजमान हमारा पिता हमें आशीष देता है। भजनकार कहता है:
हे यहोवा, मेरी प्रार्थना पर कान लगा,
और मेरे गिड़गिड़ाने को ध्यान से सुन। (भजन 86:6)
यह सरल किन्तु हृदय की गहरी पुकार है जो दिखता कि भजनकार, ऊपर प्रश्नोत्तरी में दिए गए उत्तर के जैसे, यह मानता है कि प्रार्थना अनुग्रह प्राप्त करने का एक साधन है। फिर हम अपने प्रश्न पर लौटते हैं कि प्रार्थना अनुग्रह का साधन क्यों है? मसीहियों के रूप में हमें साहस के साथ अनुग्रह के सिंहासन के निकट जाना चाहिए, जहाँ ख्रीष्ट हमारा सहानुभूति रखने वाला महायाजक विराजमान है, और हम उससे प्रार्थना करते समय यह जानते हैं कि वह आवश्यकता के समय में वह हम पर अनुग्रह करेगा (इब्रानियों 4:15-16)। पौलुस ने प्रार्थना की कि इफिसुस की कलीसिया परमेश्वर के असीम प्रेम को जानने के लिए बलवान होती जाए (इफिसियों 3:14-19)। प्रार्थना करने के द्वारा पवित्र लोग आत्मिक समुदाय के रूप में बढ़ते हैं (प्रेरितों के काम 2:42)। अविश्वासियों के लिए इसलिए प्रार्थना की जाती है जिससे कि ख्रीष्ट उन तक उद्धार का अनुग्रह पहुँचाए (रोमियों 10:1)।
प्रार्थना स्वयं परमेश्वर के वचन पर निर्भर होती है। परमेश्वर के वचन को सुनकर या उसकी अद्भुत सच्चाइयों को पढ़कर, हम परमेश्वर के आत्मा से भर जाते हैं। फिर जब हम प्रार्थना करते हैं, तो हम आत्मा के वचनों और परमेश्वर की इच्छा को प्रभु के पास लौटाते हैं। इस समझ से प्रार्थना अनुग्रह को अनुभव करने की यह कितनी अद्भुत रीति है!
यह लेख मसीही शिष्यत्व की मूल बात संग्रह का हिस्सा है।
यह लेख मूलतः लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ ब्लॉग में प्रकाशित किया गया।