जोशुआ ओवेन - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़

लिग्निएर का ब्लॉग

हम डॉ. आर. सी. स्प्रोल का शिक्षण संघ हैं। हम इसलिए अस्तित्व में हैं ताकि हम जितने अधिक लोगों तक सम्भव हो परमेश्वर की पवित्रता को उसकी सम्पूर्णता में घोषित करें, सिखाएं और रक्षा करें। हमारा कार्य, उत्साह, और उद्देश्य है कि हम लोगों को परमेश्वर के ज्ञान और उसकी पवित्रता में बढ़ने में सहायता करें।

 
19 जून 2025

यीशु जीवन की रोटी कैसे है?

यूहन्ना 6:48 में, हम यीशु के सात “मैं हूँ” कथनों में से पहले कथन को सुनते हैं। इनमें से छह कथनों में एक विधेय कर्तावाचक सम्मिलित है (यह बताया जाता है कि यीशु क्या है)—रोटी (यूहन्ना 6:48), ज्योति (यूहन्ना 8:12; 9:5), द्वार (यूहन्ना 10:7, 9), अच्छा चरवाहा (यूहन्ना 10:11, 14), पुनरुत्थान और जीवन (यूहन्ना 11:25), मार्ग, सत्य और जीवन (यूहन्ना 14:6)—जो हमें यीशु के व्यक्ति और कार्य के विषय में बहुत कुछ बताता है।