मार्क जी. जॉनस्टन - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़

लिग्निएर का ब्लॉग

हम डॉ. आर. सी. स्प्रोल का शिक्षण संघ हैं। हम इसलिए अस्तित्व में हैं ताकि हम जितने अधिक लोगों तक सम्भव हो परमेश्वर की पवित्रता को उसकी सम्पूर्णता में घोषित करें, सिखाएं और रक्षा करें। हमारा कार्य, उत्साह, और उद्देश्य है कि हम लोगों को परमेश्वर के ज्ञान और उसकी पवित्रता में बढ़ने में सहायता करें।

 
3 जुलाई 2025

यीशु सच्ची दाखलता कैसे है?

यीशु के “मैं हूँ” कथनों में से सातवाँ और अन्तिम कथन—“मैं ही सच्ची दाखलता हूँ” (यूहन्ना 15:1)—सम्भवतः उन सभी कथनों में सबसे अधिक रहस्यपूर्ण है (कम से कम गैर-यहूदी पाठकों के लिए)। कई पाठकों (और प्रचारकों) के लिए यह प्रलोभन का विषय हो सकता है कि वे इस तरह की भाषा को विशुद्ध रूप से एक रूपक के रूप में देखें कि कैसे हमें मसीहियों के रूप में व्यक्तिगत रूप से फलना-फूलना है और फलदायी होना है, परन्तु यीशु के मूल श्रोताओं का जो सभी यहूदी थे, इसका ऐसा अर्थ नहीं था।   
19 मार्च 2024

यूहन्ना के सुसमाचार के विषय में जानने योग्य 3 बातें

मत्ती, मरकुस और लूका को पारम्परिक रूप से “समदर्शी सुसमाचार” (“Synoptic Gospels”) के रूप में वर्गीकरण किया जाता है।
22 फ़रवरी 2022

पाप के लिए मरना और धार्मिकता के लिए जीना

संसार के इतिहास में ऐसा कोई धर्म नहीं है जिसमें मसीही सुसमाचार के समान निमन्त्रण हो। इसके प्रारम्भ से ही, ख्रीष्ट के वचनों में, हमें बताया गया था, “यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे तो वह अपने आप का परित्याग करे और अपना क्रूस उठा कर मेरे पीछे चले” (मरकुस 8:34)।