लेख
3 जुलाई 2025
द्वारा मार्क जी. जॉनस्टन — 3 जुलाई 2025
यीशु के “मैं हूँ” कथनों में से सातवाँ और अन्तिम कथन—“मैं ही सच्ची दाखलता हूँ” (यूहन्ना 15:1)—सम्भवतः उन सभी कथनों में सबसे अधिक रहस्यपूर्ण है (कम से कम गैर-यहूदी पाठकों के लिए)। कई पाठकों (और प्रचारकों) के लिए यह प्रलोभन का विषय हो सकता है कि वे इस तरह की भाषा को विशुद्ध रूप से एक रूपक के रूप में देखें कि कैसे हमें मसीहियों के रूप में व्यक्तिगत रूप से फलना-फूलना है और फलदायी होना है, परन्तु यीशु के मूल श्रोताओं का जो सभी यहूदी थे, इसका ऐसा अर्थ नहीं था।
1 जुलाई 2025
द्वारा सी.एन. विलबॉर्न — 1 जुलाई 2025
बाइबल विशिष्ट दावों कथनों से भरी पड़ी है। जीवन और मृत्यु का विरोधाभास मसीही धर्म के लिए मौलिक है। जीवन का मार्ग और मृत्यु का मार्ग सम्पूर्ण बाइबल में मिलता है, जिसे कैन के अविश्वास के बलिदान बनाम हाबिल के विश्वास के बलिदान और एसाव और याकूब के बीच की तुलना जैसे स्थानों पर दर्शाया गया है।
27 जून 2025
द्वारा डब्ल्यू रॉबर्ट गॉडफ्रे — 27 जून 2025
जब हमें ऐसा लगे कि संसार की दुष्टता और कलिसिया में व्याप्त समझौता परमेश्वर के राज्य पर प्रबल हो रहे हैं, तो हमें क्या प्रतिक्रिया देनी चाहिए? मत्ती 13:24–43 में, यीशु परमेश्वर के राज्य के स्वरूप के विषय में शिक्षा देता है — जिसे मत्ती अधिक विशिष्ट रूप से “स्वर्ग का राज्य” कहता है।
लेख
3 जुलाई 2025
द्वारा मार्क जी. जॉनस्टन — 3 जुलाई 2025
यीशु के “मैं हूँ” कथनों में से सातवाँ और अन्तिम कथन—“मैं ही सच्ची दाखलता हूँ” (यूहन्ना 15:1)—सम्भवतः उन सभी कथनों में सबसे अधिक रहस्यपूर्ण है (कम से कम गैर-यहूदी पाठकों के लिए)। कई पाठकों (और प्रचारकों) के लिए यह प्रलोभन का विषय हो सकता है कि वे इस तरह की भाषा को विशुद्ध रूप से एक रूपक के रूप में देखें कि कैसे हमें मसीहियों के रूप में व्यक्तिगत रूप से फलना-फूलना है और फलदायी होना है, परन्तु यीशु के मूल श्रोताओं का जो सभी यहूदी थे, इसका ऐसा अर्थ नहीं था।
1 जुलाई 2025
द्वारा सी.एन. विलबॉर्न — 1 जुलाई 2025
बाइबल विशिष्ट दावों कथनों से भरी पड़ी है। जीवन और मृत्यु का विरोधाभास मसीही धर्म के लिए मौलिक है। जीवन का मार्ग और मृत्यु का मार्ग सम्पूर्ण बाइबल में मिलता है, जिसे कैन के अविश्वास के बलिदान बनाम हाबिल के विश्वास के बलिदान और एसाव और याकूब के बीच की तुलना जैसे स्थानों पर दर्शाया गया है।