दाऊद का पुत्र - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़
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दाऊद का पुत्र

सम्पादक की टिप्पणी: यह टेबलटॉक पत्रिका श्रंखला का चौवथा अध्याय है: प्रतिज्ञात मसीहा

क्या आपने कभी सुरक्षा प्रणालियों के प्रस्तावों की संख्या पर ध्यान दिया है जो ग्रहपतियों के पास अधिकाई से आते हैं? कम से कम मध्य फ्लॉरिडा में, ऐसा प्रतीत होता है कि वे प्रत्येक स्थान पर हैं। सुरक्षा प्रणालियों के लिए विज्ञापन रेडियो पर व्यावसायिक अवकाश के समय नियमित रूप से प्रसारित होते हैं। बीते वर्षों में, मेरे डाक-पेटी में घर में सुरक्षा प्रणालियों को स्थापित करने तथा उसे सक्रिय करने के लिए असंख्य विज्ञापन पेपर प्राप्त हुए हैं। और मैं यह बता नहीं सकता कि मुझे अपने घर के लिए निगरानी सुरक्षा खरीदने के लिए मनाने की आशा में कितने विक्रेताओं ने मेरे द्वार की घंटी बजाई है। 

कम-प्रौद्योगिकी सुरक्षा समाधान भी उपलब्ध हैं। हम अपने द्वार पर ताला लगाते हैं। हमारे पास रखवाली करने वाले कुत्ते हैं। हम अपने आंगन के चारों ओर बाड़े को ऊंचा करते हैं। इस प्रकार के उपायों के विषय में हम और कुछ भी कहें, वे एक बात प्रमाणित करते हैं: हम सुरक्षा चाहते हैं।

सुरक्षा की इच्छा प्राचीन संसार में अति तीव्र थी—विशेष रूप से इस्राएल में। भूमि के एक ऐसे टुकड़े पर रहते हुए जहाँ तीन महाद्वीप— अफ्रीका, एशिया और यूरोप— एक साथ आते हैं, इस्राएल को नित्य दूसरों द्वारा पराजित किए जाने का भय था, जो इसकी रणनीतिक भौगोलिक स्थिति को महत्व देते थे। और राजकीय परिवार के लिए, सुरक्षा की आवश्यकता दूसरे स्तर पर पहुंच गई। आपको देश की रक्षा करनी थी और राजवंश की रक्षा करनी थी। कोई न कोई सदैव आपसे सिंहासन लेना चाहता था।

सुरक्षा की प्रतिज्ञा परमेश्वर द्वारा दाऊद की वाचा को स्थापित करने में मुख्य स्थान लेती है, जिसका वर्णन 2 शमूएल 7:1-17 में किया गया है। परमेश्वर ने राजा दाऊद को एक महत्वपूर्ण वाचा की प्रतिज्ञा दी: “तेरा घराना और तेरा राज्य मेरे सामने सर्वदा बना रहेगा। तेरा सिंहासन सर्वदा के लिए स्थिर किया जाएगा” (पद 16)। दाऊद को न केवल एक अनन्त सिंहासन के साथ एक निश्चित और सुरक्षित राज्य मिलता है, पर वह राज्य “[परमेश्वर] के सामने सर्वदा के लिए दृढ़ है।” दाऊद का घराना अन्ततः न केवल उसके शत्रुओं से पर स्वयं परमेश्वर अपने पवित्र क्रोध से सुरक्षित रहेगा। 

यहाँ उससे कहीं अधिक प्रतिज्ञा की गई है कि दाऊद के घराने से यरूशलेम के सिंहासन पर सदैव एक व्यक्ति रहेगा (2 शमूएल 7:15)। यहाँ तक कि जब दाऊद के धर्मी वंशज हिजकिय्याह और योशिय्याह की असफलताओं के कारण यहूदा का पतन और बेबीलोन की बंधुआई को निश्चित बना देता है ( 2 राजा 20:12-19; 2 इतिहास 35:20-27), यह स्पष्ट है कि दाऊद का सिंहासन स्थिर नहीं रह सकता है यदि यह केवल पापियों के द्वारा संचालित किया जाता है। राज्य के सिंहासन को बनाए रखने और इसे अपने शत्रुओं से स्थायी सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक श्रेष्ठ धर्मी पुत्र की आवश्यकता होगी। परमेश्वर के नाम के लिए एक स्थायी घर बनाने के लिए दाऊद के सिद्ध पवित्र पुत्र की आवश्यकता होगी (पद 13)। इस तथ्य के बाद भी कि सुलैमान ने यरूशलेम में परमेश्वर के लिए एक मन्दिर का निर्माण किया, वह यह पुत्र नहीं हो सका, क्योंकि वह मूर्तिपूजा के पाप में गिर गया, और इससे बढ़कर, उसके द्वारा बनाया गया मन्दिर बेबीलोन द्वारा नष्ट कर दिया गया था (1 राजा 3-11; 2 राजा 24)।

इसके अतिरिक्त, दाऊद के वंश के लिए परमेश्वर द्वारा अनन्त प्रेम की प्रतिज्ञा का अर्थ यह नहीं है कि जब यह कुल पाप में गिरता है तो वह छोड़ दिया जाता है। परमेश्वर दाऊद के वंश को “मनुष्यों के योग्य दण्ड से और मनुष्यों की मार से” अनुशासित (2 शमूएल 7:14)। परन्तु यहाँ की प्रतिज्ञा इस बात से भी अधिक है कि दाऊद के वंश को आज्ञा न मानने पर अन्य राजाओं से पराजय का सामना करना पड़ेगा। वही पद जो अनुशासन की प्रतिज्ञा करता है, यह भी प्रतिज्ञा करता है कि दाऊद के पुत्रों को परमेश्वर के पुत्रों के रूप में माना जाएगा (पद 14) और पुराने नियम में और किसे परमेश्वर का पुत्र माना जाता है? उसके लोग, इस्राएल को (होशे 11:1)। दाऊद का कुल सम्पूर्ण देश के लिए स्थानापन्न कर सकता है। वे, कहने के लिए, एक दूसरे के साथ परिवर्तित किए जा सकते हैं, क्योंकि दोनों परमेश्वर के पुत्र हैं। दाऊद के पुत्र के साथ जो होता है वह देश के साथ होता है। हम इसे राजा मनश्शे की स्थिति में स्पष्ट रूप से देखते हैं, जिसे पाप के लिए दण्डित किया गया था और बंधुवाई में ले जाया गया था ताकि उसे वापस यरूशलेम पुनः लौटा ले जा सके (2 इतिहास 33:10-13)। यही बात आगे चलकर यहूदियों, अर्थात परमेश्वर की प्रजा इस्राएल के साथ भी घटित होती है (36:17-23)।

इन तथ्यों को एक साथ रखकर, हम एक आने वाले राजा की परछाई को देखते हैं। यह राजा पूर्ण रीति से धर्मी और दाऊद के सिंहासन को बनाए रखने में सक्षम होगा। परन्तु यह राजा पाप के लिए परमेश्वर के दण्ड को भी अपने ऊपर लेगा, पाप के लिए बंधुवाई में जाकर और जीवन के लिए परमेश्वर की आशीष को लेकर लौट आएगा। और इसके परिणाम स्वरूप, जिन लोगों का वह प्रतिनिधित्व करता है, उन्हें बंधुवाई का सामना किए हुए के रूप में गिना जाता है और वे भी जीवन में लौट आएंगे। यह विचार चिर परिचित लगने लगा है, है न? अवश्य, हम बात कर रहे हैं, दाऊद के अन्तिम पुत्र, प्रभु ख्रीष्ट के विषय में। वह दाऊद का पूर्ण रीति से धर्मी पुत्र है जिसने परमेश्वर के क्रोध को सहते हुए परमेश्वर के न्याय के बंधुवाई में प्रवेश करता है, ताकि उसके लोगों के लिए, अर्थात इस्राएल के लिए पुनरुत्थान की निश्चितता दी जा सके (यशायाह 53; मत्ती 1:1-14; 2 कुरिन्थियों 5:21)। और वह दाऊद के सिंहासन को सर्वदा के लिए स्थिर किए रहता है (प्रेरितों के काम

 2:1-36)।

पुराने नियम में परमेश्वर के एक और पुत्र का उल्लेख है— आदम, जो कि मानव जाति का पिता है (लूका 3:38)। परमेश्वर के पुत्र के रूप में, यीशु अपने वंशजों के स्थान पर उनके लिए खड़े हो सकता है ताकि वे सभी जो गैरयहूदियों में से ख्रीष्ट पर विश्वास करते हैं, उन्हें भी पुनरुत्थित अनन्त जीवन की निश्चयता दे सके। विश्वास से, यहूदी और गैरयहूदी परमेश्वर के लोग इस्राएल में सम्मिलित हो सकते हैं और सर्वदा के लिए सुरक्षा और रक्षा की आशीष प्राप्त कर सकते हैं।

यह लेख मूलतः टेबलटॉक पत्रिका में प्रकाशित किया गया।
रॉर्बट रॉथवेल
रॉर्बट रॉथवेल
रॉर्बट रॉथवेल टेबलटॉक पत्रिका के सहयोगी संपादक, लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ के लिए वरिष्ठ लेखक और रिफॉर्मेशन बाइबल कॉलेज के निवासी सहायक प्राध्यापक हैं।