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चरवाही का कार्य त्रिएकतावादी का कार्य है

जब कलीसिया की चरवाही करने की बात आती है, तो एल्डरों के लिए यह समझना अच्छा है कि उनकी बुलाहट एक व्यावहारिक, त्रिएकतावादी (Trinitarian) कार्य है।

प्रेरित पौलुस ने इफिसुस के एल्डरों के लिए इस बात को स्पष्ट किया। उस मण्डली के अगुवों के लिए ये उसके अन्तिम निर्देश थे: “अपनी और अपने पूरी झुण्ड की रखवाली करो जिसके मध्य पवित्र आत्मा ने तुम्हें अध्यक्ष ठहराया है, कि तुम परमेश्वर की उस कलीसिया की रखवाली करो जिसे उसने अपने ही लहू से खरीदा है” (प्रेरितों के काम 20:28)। इस निर्देश को ध्यान से देखने पर, हम देखते हैं कि प्राचीन तब ही कलीसिया का सही ध्यान दे सकते हैं जब वे त्रिएक परमेश्वर का आदर करते हुए अपने कार्य को करते हैं। संक्षेप में कहें तो, पौलुस ने एल्डरों को उनके काम के लिए त्रिएकतावादी सूत्र दिया।

उस कलीसिया की चरवाही करें जो परमेश्वर की है। लेपालक प्रेम प्राप्त करने के लिए जगत की उत्पत्ति से पहले ही पिता द्वारा अलग किए गए (इफिसियों 1:3-7), कलीसिया केवल उसी की है। पौलुस ने इसे “परमेश्वर की कलीसिया” कहा। मेरे आत्मिक अगुवों में से एक बारम्बार मुझे इस सत्य को स्मरण दिलाते थे। जब भी मैं उस मण्डली को जिसकी मैं चरवाही करता था “मेरी कलीसिया” कहकर सम्बोधित करता था, वे अपनी भौंहें चढ़ाकर पूछते थे, “किसकी कलीसिया?” उनकी बात स्पष्ट थी। कलीसिया परमेश्वर की है, मेरी नहीं।

मण्डली के एल्डरों को कभी भी ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए जैसे कि कलीसिया उनकी है, उनके लाभ के लिए है, या उनकी प्रभुता के अधीन है (1 पतरस 5:1-3)। इसके विपरीत उन्हें कलीसिया के लोगों के साथ परमेश्वर की सन्तान के रूप में व्यवहार करना चाहिए। कैसे? उन्हें परमेश्वर का कोमल प्रेम दिखाने के द्वारा। उन्हें दुष्ट प्रभावों से बचाने के द्वारा। उन्हें उनके स्वर्गीय पिता के समान होने में बढ़ने हेतु सहायता करने के द्वारा।

उस कलीसिया की चरवाही करें जिसे परमेश्वर पुत्र ने प्राप्त किया। पौलुस ने इफिसुस के एल्डरों से कहा कि ख्रीष्ट ने कलीसिया को अपने स्वयं के लहू से प्राप्त किया या खरीदा है। जब वह उनसे आग्रह कर रहा था कि वे “अपनी और अपने पूरे झुण्ड की रखवाली” करें, उन्हें यह सुनिश्चित करना था कि मण्डली के सब लोग—अगुवे और सामान्य लोग—सुसमाचार में बने रहें।

जैसे कि रिचर्ड बैक्सटर ने इस पद के विषय में कहा था, “पवित्र न किया गया प्राध्यापक होना भयानक बात है, परन्तु पवित्र न किया गया प्रचारक होना इससे भी अधिक भयंकर बात है।” पास्टरों और प्राचीनों को वह पवित्र जीवन जीना चाहिए जिसकी अपेक्षा यीशु ने अपने लहू से मोल लिए गए लोगों से की थी। और इसके साथ, उनका पवित्र कार्य है कि परमेश्वर के झुण्ड की चरवाही करें जिससे कि वे परमेश्वर के पुत्र के सुसमाचार पर विश्वास करें और उसको मानें।

उस कलीसिया की चरवाही करें जो आत्मा के देख-रेख में है। परमेश्वर के आत्मा ने अपने पुनरुज्जीवन के कार्य के द्वारा कलीसिया का निर्माण किया (तीतुस 3:5), वह कलीसिया में अपनी बपतिस्मा देने वाली उपस्थिति में होकर निवास करता है (1 कुरिन्थियों 12:13), और वह अपने उदार उपकारों से कलीसिया को आशीषित करता है (4-6 पद)। आत्मा के देख-रेख के कार्य को पूर्ण करने के लिए प्राचीन कलीसिया के लिए वरदान हैं।

इसलिए प्राचीनों को चरवाही करते समय अपने स्वभाव में आत्मा का फल प्रकट करना चाहिए। उनको परमेश्वर के लोगों के लिए आत्मा की सच्चाई का प्रचार करना चाहिए। उन्हें आत्मा की बुद्धि में होकर कलीसिया की अगुवाई करनी चाहिए। कलीसियाई पिता ग्रेगरी नैज़ियान्ज़स ने सिखाया कि आत्मिक अगुवों को अपनी मण्डली को त्रिएक परमेश्वर के साथ अनन्तकाल व्यतीत करने के लिए तैयार करना चाहिए।

वास्तव में परमेश्वर के झुण्ड की चरवाही करना एक त्रिएकतावादी कार्य है।

यह लेख मूलतः लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ ब्लॉग में प्रकाशित किया गया।

बैरी जे. यॉर्क
बैरी जे. यॉर्क
ड़ा. बैरी जे. यॉर्क रिफोर्मेशन प्रेस्बिटेरियन थियोलॉजिकल सेमिनरी, पिट्सबर्ग में अध्यक्ष और पास्टोरल थियोलॉजी के शिक्षक हैं। वह हिटिंग द मार्क्स पुस्तक के लेखक हैं।