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ख्रीष्ट जन्मोत्सव की कहानी के इतिहास को समझना

Tracing-the-Story-of-Christmas

स्टीफन निकोल्स


ख्रीष्ट जन्मोत्सव की कहानी समझने के लिए, हमें इतिहास में जाना होगा। यीशु के जन्म से कुछ हज़ार वर्ष पहले ही नहीं, परन्तु हमारे आदि माता-पिता, आदम और हव्वा तक। परमेश्वर ने उन्हें अदन के हरे-भरे और सिद्ध वाटिका में रखा था। उनके पास उनकी आवश्यकता की हर वस्तु थी। सब कुछ सिद्ध था। फिर उन्होंने पाप किया। परिणामस्वरूप, परमेश्वर ने उन्हें बाहर निकाला। अब आदम और हव्वा शाप के अधीन जी रहे थे। परन्तु जब परमेश्वर ने स्वर्ग से गरजते हुए शाप सुनाया, उसने उन्हें एक प्रतिज्ञा भी दी।

परमेश्वर ने आदम और हव्वा को एक वंश की प्रतिज्ञा दी, एक ऐसा वंश जो एक स्त्री से जन्म लेगा। वह वंश जो सब कुछ का समाधान करेगा। वह वंश सब टूटेपन को जोड़ेगा। यह वंश विवाद और क्लेश के स्थान पर शान्ति और एकता लाएगा।

पुराने नियम में, पहली पुस्तक उत्पत्ति का तीसरा अध्याय संघर्ष और शत्रुता की बात करता है। आदम और हव्वा, जिन्होंने केवल शान्ति ही का अनुभव किया था, अब एक कड़वे संघर्ष में बन्द हो जाएँगे। यहाँ तक कि भूमि भी एक चुनौती होगी। काँटों की चुभन उन्हें लगातार स्मरण दिलाती रहेगी। जैसा कि कवि कहते हैं, प्रकृति घातक है। यहाँ तक कि प्रतिज्ञा किया गया वंश भी इस संघर्ष में उतरेगा, और महान विनाशक सर्प से युद्ध करेगा। परन्तु उत्पत्ति 3 प्रतिज्ञा करती है कि वंश सर्प पर विजयी होगा, अन्तिम विजय सुनिश्चित करेगा और सर्वदा के लिए शान्ति स्थापित करेगा।

परन्तु, बीज के आने में अधिक समय लगेगा।

आदम और हव्वा को कैन और हाबिल उत्पन्न हुए, और दोनों ही वह वंश नहीं निकले। जब कैन ने हाबिल को मार डाला, तो परमेश्वर ने आदम और हव्वा को शेत दिया, जो इस अशान्त संसार में थोड़ा सा अनुग्रह था। परन्तु शेत वह वंश नहीं था। और भी पुत्र हुए। पीढ़ियाँ आईं और पीढ़ियाँ बीत गईं।

फिर अब्राहम संसार के मंच पर प्रकट हुआ। परमेश्वर ने प्राचीन काल के इस व्यक्ति को बुलाया था जिससे कि वह और उसकी पत्नी सारा को एक महान नया राष्ट्र बनाए जो इस खोए हुए और आशाहीन संसार के लिए प्रकाश की किरण बने। फिर से, परमेश्वर ने इस जोड़े को एक वंश, एक पुत्र, देने की प्रतिज्ञा की। उन्होंने सोचा कि यह इसहाक होगा। परन्तु इसहाक मर गया।

यह कहानी पीढ़ी-दर-पीढ़ी दोहराई जाती रही, और उस आने वाले की आशा जगाती रही जो सब कुछ सही कर देगा और शान्ति लाएगा। नाओमी नाम की एक विधवा और उसकी विधवा बहू रूत भी इस कहानी में सम्मिलित हुईं। वे अत्यधिक निराशाजनक परिस्थिति में थे। प्राचीन-काल में ऐसी परिस्थिति में पड़े लोगों को सहारा देने के लिए कोई सामाजिक साधन नहीं थे।

पति और बेटों के बिना, अधिकारों और साधनों के बिना, विधवाएँ भोजन लिए तरसती रहती थीं। उनके पास बहुत ही कम आशा थी। फिर बोअज़ आया और लड़का का लड़की से मिलने की कहानी हुई। बोअज़ रूत से मिला और उनका विवाह हुआ। कुछ ही समय बाद, जैसे ही रूत की बाइबलीय कहानी समाप्त हिई, रूत के घर एक पुत्र, एक वंश, का जन्म हुआ। यह पुत्र जीवन का पुनर्स्थापना करने वाला, एक छुटकरा देने वाला होगा। परन्तु वह आने वाले वंश का केवल एक छाया मात्र था। वह भी मर गया।

रूत और बोअज़ के पुत्र का नाम ओबेद रखा गया। ओबेद का पुत्र हुआ, जिसका नाम यिशै था। यिशै के कई पुत्र थे, और उनमें से एक चरवाहा था। एक बार इस चरवाहे ने मुट्ठी भर पत्थर उठाकर एक दानव को गिरा दिया। उसने शेरों का सामना किया। वह एक अच्छा संगीतकार भी था। सबको, यहाँ तक कि उसके पिता को भी, आश्चर्य हुआ जब यिशै के इस पुत्र, रूत और बोअज़ के परपोते, को इस्राएल का राजा अभिषिक्त किया गया।

जब दाऊद सिंहासन पर विराजमान था, तब परमेश्वर ने उससे सीधे एक और प्रतिज्ञा की। यह एक और पुत्र की प्रतिज्ञा थी। परमेश्वर ने कहा कि दाऊद का पुत्र सदा-सर्वदा राजा रहेगा और उसके राज्य का कभी अन्त नहीं होगा। यही परमेश्वर की प्रतिज्ञा थी।    

 यह लेख मूलतः लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ ब्लॉग में प्रकाशित किया गया।