
हमारे विभाजित ह्रदयों के लिए उपचार
2 अक्टूबर 2025
ख्रीष्ट जन्मोत्सव की कहानी के इतिहास को समझना
9 अक्टूबर 2025प्रेम का बन्ध
– किथ मैथिसन
हम प्रभु-भोज की विधि से बहुत अधिक लाभान्वित होंगे यदि यह विचार हमारे मस्तिष्क पर अंकित हो जाए: कि जब भी कोई भाई हमारे द्वारा आहत, घृणित, तिरस्कृत, अपमानित, या किसी रीति से दुःखी किया जाता है, हम अपने द्वारा किए गए कार्यों से ख्रीष्ट को चोट पहुँचाते हैं, तिरस्कार करते हैं और उसका दुरुपयोग करते हैं; कि जब भी हम अपने भाइयों से असहमत होते हैं, तो हम ख्रीष्ट से असहमत होते हैं; कि हम भाइयों में होकर ख्रीष्ट से बिना प्रेम किए ख्रीष्ट से प्रेम नहीं कर सकते; कि हमें अपने भाइयों के शरीर की उतनी ही देखभाल करनी चाहिए जितनी हम अपनी करते हैं; क्योंकि वे हमारे शरीर के अंग हैं; और कि जैसे हमारे शरीर का कोई भी अंग पीड़ा की ऐसी भावना से प्रभावित नहीं होता जो शेष सभी में न फैले, वैसे ही हमें अपने भाई को किसी भी बुराई से प्रभावित नहीं होने देना चाहिए, बिना उसके प्रति करुणा के। तदनुसार, ऑगस्टीन अच्छे कारण से प्रायः इस विधि को “प्रेम का बन्धन’ कहते हैं।”1
जॉन कैल्विन के लिए, प्रभु-भोज से प्राथमिक लाभ यह है कि यह हमारे विश्वास और ख्रीष्ट के साथ हमारे मिलन को दृढ़ करता है। परन्तु ख्रीष्ट के साथ संगती को सन्तों के साथ संगती से अलग नहीं किया जा सकता है। ऑगस्टीन का अनुसरण करते हुए, कैल्विन प्रभु-भोज के इस “क्षैतिज” आयाम को “प्रेम का बन्ध” कहा। प्रभु-भोज एक ऐसी विधि है जो विश्वासियों को जोड़ती है और उन्हें एक दूसरे से प्रेम करने के लिए उत्साहित करती है। पौलुस हम से कहता है कि ख्रीष्ट के पास एक ही देह है जिसका वह हम सब को सहभागी बनाता है; इसलिए, हम सब एक देह हैं (1 कुरिन्थियों 10:17)। कैल्विन के अनुसार, प्रभु-भोज में रोटी एकता का एक चित्रण प्रावधान कराती है जो हममें पाया जाना चाहिए। हमें बिना किसी विभाजन के एक साथ जुड़े रहना है, ठीक वैसे ही जैसे रोटी में कई दाने एक साथ जुड़कर एक रोटी बनाते हैं।
परन्तु इसका अर्थ क्या है? कैल्विन हमें स्मरण दिलाता है कि जब हम मसीही विश्वासियों के रूप में प्रभु-भोज में सहभागी होने के लिए एकत्रित होते हैं, तो न केवल हमें ख्रीष्ट की मृत्यु को स्मरण करना चाहिए, परन्तु हमें उन्हें भी स्मरण करना चाहिए जिनके लिए ख्रीष्ट मरा, अर्थात् ख्रीष्ट में हमारे भाइयों और बहनों को। क्या यीशु हम से प्रेम करता है? वह उनसे भी प्रेम करता है। क्या वह हमारे लिए मरा? वह उनके लिए भी मरा। क्या हम ख्रीष्ट के एक देह के भाग हैं? वे भी हैं। तो फिर हम उनसे प्रेम करने में और उनकी देखभाल करने में कैसे चूक सकते हैं जो ख्रीष्ट की देह के भाग हैं? प्रभु भोज इस सत्य को हमारे हृदयों और मनों पर अंकित करता है।
कैल्विन का प्रोत्साहन उस संस्कृति में विशेष रूप से आवश्यक है जिसका आदर्श वाक्य है “प्रथम स्थान के लिए ही प्रयास करो।” हमारी ऐसी संस्कृति है जिसमें सामूहिक सीढ़ी की मानसिकता सर्वथा व्याप्त हो गई है। हमारी संस्कृति में पुरुष और महिलाएँ शीर्ष पर पहुँचने की तीव्र इच्छा में दूसरों को दबाने से नहीं हिचकिचाते हैं। यद्यपि पौलुस हमें “दूसरों को अपने से उत्तम समझने” के लिए कहता है, फिर भी आत्म-सम्मान और स्वयं का प्रचार मसीहीयों में भी सामान्य है (फिलिप्पियों 2:3)। जब तक हम आगे बढ़ते हैं, तब तक इससे कोई अन्तर नहीं पड़ता कि हम किसे चोट पहुँचाते हैं या किसे किनारे कर देते हैं। मसीहीयों के बीच ऐसा नहीं होना चाहिए।
सम्भवतः, इससे भी बुरा हमारे मध्य दुःखी लोगों के प्रति व्यापक उदासीनता है। जब हम आराधना करने के लिए एकत्रित होते हैं, हम पीड़ित लोगों के साथ आराधना करते हैं। कुछ बीमार हैं। कुछ अस्वस्थ हैं। कुछ अपने परिवारों की सहायता करने के लिए संघर्ष कर हैं। परन्तु अधिकाँशतः, हम इन बातों पर ध्यान नहीं देते हैं। हम अपनी समस्याओं के विषय में इतने चिन्तित रहते हैं कि दूसरों की समस्याओं की चिन्ता ही नहीं करते। परन्तु कैल्विन हमें स्मरण दिलाता है कि जब देह का एक अंग पीड़ा में होता है, तो यह पूरी देह को प्रभावित करती है। जब हम प्रभु-भोज के लिए एकत्रित होते हैं, इससे हमें स्मरण दिलाया जाना चाहिए देह की एकता को और हमें दया के कार्यों के लिए उत्साहित करना चाहिए कि हम ख्रीष्ट में अपने भाइयों और बहनों के बोझ को बाँटने के लिए जो कर सकते हैं वह करें।
यह लेख मूलतः लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ ब्लॉग में प्रकाशित किया गया।

