7 अप्रैल 2021
प्रेरित यूहन्ना 1 यूहन्ना 1:8-9 में वर्णन करता है हमारे स्वयं के पापों को देखने के दो तरीकों का, और उनके परिणामों का। पहला है स्वयं के पापी होने को स्वीकार करने की अनिच्छा (पद 8)। दूसरा है अनुभूति के एक नम्र एवं सच्चा मनोभाव (पद 9)। इस लेख में हम इस अन्तिम मनोभाव पर ध्यान केन्द्रित करेंगे।