29 जून 2023
जब आप पहली बार हृदय और मस्तिष्क शब्द सुनते हैं, सम्भवतः आप महान् आज्ञा के विषय में सोचने लगते हैं कि “तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे हृदय और अपने सारे प्राण और [अपने सारे मस्तिष्क] से प्रेम कर” (मत्ती 22:37)। यीशु अपने श्रोताओं को स्मरण दिला रहा है कि उन्हें अपने सम्पूर्ण अस्तित्व से प्रभु से प्रेम करना चाहिए।