6 मई 2025
सपन्याह असाधारण रूप से एक जटिल पुस्तक है, जो जटिल परिवर्तनों, अद्भुत कविताओं, गहन प्रतिज्ञाओं, और कठोर चेतावनियों से भरी हुई है। दक्षिणी राज्य के अन्त की ओर नबुवत करते हुए, सपन्याह का सन्देश मुख्यतः न्याय का है जिसे प्रभु पहले निर्वासन में भेजने के द्वारा यहूदा पर (सपन्याह 1:4-6) परन्तु अन्तिम दिन में विश्वव्यापी रूप से सम्पूर्ण मानवजाति के विरुद्ध में करेगा (सपन्याह 1:2-3), पुस्तक का अधिकाँश भाग इसी न्याय के विषय में है (सपन्याह 1:2-3:8)।