हम धर्मिसुधारवादी हैं
टेबलटॉक का मई 2017 प्रकाशन एक पत्रिका की चालीसवीं वर्षगाँठ को चिन्हित करेगा ऐसे अनेक प्रमुख ईश्वरविज्ञानीय दृढ़ विश्वासों पर प्रकाश डालते हुए जो इस पत्रिका तथा लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ के मिशन के लिए ईंधन प्रदान करते हैं। चालीस वर्षों के लिए, टेबलटॉक ने प्रयास किया है कि धर्मसुधारवादी ईश्वरविज्ञान के प्रमुख सत्यों की उद्घोषणा करे, क्योंकि, चार्ल्स एच. स्पर्जन के साथ, हम विश्वास करते हैं कि धर्मसुधारवादी ईश्वरविज्ञान पवित्र शास्त्र की शिक्षा के लिए केवल एक और नाम है। पाठकों को धर्मसुधारवादी ईश्वरविज्ञान को उत्तम रीति से समझने में सहायता करने के लिए, और प्रकाशन के चार दशकों को स्मरण करने के लिए।यह प्रकाशन धर्मसुधारवादी ईश्वरविज्ञान के बड़े पहलुओं का उल्लेख करेगा और समझाएगा कि टेबलटॉक इस कारण के उन्हें थामें हुए है क्योंकि इनकी शिक्षा परमेश्वर के वचन में दी गई है।
12 अगस्त 2021
यह महीना टेबलटॉक के प्रकाशन के चालीसवें वर्ष को चिन्हित करता है। 1977 में, डॉ. आर.सी. स्प्रोल ने एक मासिक समाचार पत्र के रूप में टेबलटॉक की स्थापना की, जिसमें विशेष रूप से लिग्निएर, पेनसिल्वेनिया में लिग्निएर वैली स्टडी सेंटर के विषय में समाचार सम्मिलित हैं, जिसे 1971 में स्थापित किया गया था।
16 अगस्त 2021
2017 में धर्मसुधार की पांच सौवीं वर्षगांठ का उत्सव बार-बार वापस आएगा केवल विश्वास द्वारा धर्मी ठहराए जाने के विषय पर, जो धर्मसुधार की सबसे महत्वपूर्ण पुनर्खोजों में से एक है।
19 अगस्त 2021
जब हम धर्मसुधारवादी ईश्वरविज्ञान (Reformed Theology) को समझने लगते हैं, तो न केवल हमारे उद्धार की समझ में परिवर्तन होता है, परन्तु प्रत्येक बात की समझ में। इसी कारण से जब लोग धर्मसुधारवादी ईश्वरविज्ञान के प्रारम्भिक सिद्धान्तों से संघर्ष करते हैं और जब वे उसे समझने लगते हैं, तो वे प्राय: अनुभव करते हैं कि उनका दोबारा हृदय परिवर्तित हो रहा है।