
शोकितों के सदृश्य परन्तु सदैव आनन्द मनाते हैं
10 अगस्त 2021
केवल विश्वास के द्वारा धर्मी ठहराया जाना
16 अगस्त 2021हम धर्म-सुधारवादी हैं

सम्पादक की टिप्पणी: यह टेबलटॉक पत्रिका श्रंखला का पहला अध्याय है: हम धर्मिसुधारवादी हैं

यह महीना टेबलटॉक के प्रकाशन के चालीसवें वर्ष को चिन्हित करता है। 1977 में, डॉ. आर.सी. स्प्रोल ने एक मासिक समाचार पत्र के रूप में टेबलटॉक की स्थापना की, जिसमें विशेष रूप से लिग्निएर, पेनसिल्वेनिया में लिग्निएर वैली स्टडी सेंटर के विषय में समाचार सम्मिलित हैं, जिसे 1971 में स्थापित किया गया था। समाचार पत्रिका में लिग्निएर छात्रों और सहायकों के लिए विभिन्न विषयों को सम्बोधिक करने वाले लेख भी थे। डॉ. स्प्रोल और अध्ययन केंद्र तथा अन्य देशों से शिक्षकों के समूह ने बाइबलीय, ईश्वरविज्ञानीय, सांस्कृतिक, और दर्शनशास्त्र सम्बन्धित विषयों पर लेखों का योगदान दिया। 1989 में, टेबलटॉक का प्रारूप बदल दिया गया, और एक मासिक विषय, पाठ में लंबवत विभाजन, और दैनिक बाइबल अध्ययन आरम्भ किया गया। 1977 से, टेबलटॉक ने पाठकों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि देखी है, और अभी टेबलटॉक की एक लाख से अधिक प्रतियां प्रति महीने बाहर जा रही हैं और पचास से अधिक देशों में अनुमानित दर्शकों के 250,000 पाठक हैं। हम इन बीते चालीस वर्षों में अपने प्रभु के निरन्तर आशीष के लिए आभारी हैं, और, यदि प्रभु आने में विलम्ब करता है, तो हम आशा करते हैं कि वह अगले चालीस वर्षों के लिए सेवकाई और टेबलटॉक के पाठकों को आशीषित करता रहेगा जैसा कि हम अगले चालीस वर्षों के लिए परमेश्वर की महिमा के लिए सभी राष्ट्रों से शिष्य बनाने का प्रयास करते हैं, न कि अपनी महिमा के लिए।
टेबलटॉक धर्म-सुधारवादी है, और हम इसको गम्भीरता से लेते है। हम जो कुछ भी करते हैं उसमें प्रथक रूप से धर्म-सुधारवादी होने में हमें लज्जा नहीं आती है। हम धर्म-सुधारवादी हैं क्योंकि हम विश्वास करते हैं कि धर्म-सुधारवादी होना बाइबलीय होना है। धर्म-सुधारवादी होने का अर्थ केवल उसी सिद्धान्त पर दृढ़ता से स्थिर होना नहीं है जिन पर हमारे विश्वासयोग्य धर्म-सुधारवादी पूर्वज दृढ़ता से स्थिर थे, परन्तु यह परमेश्वर के वचन पर दृढ़ता से स्थिर होना है। धर्म-सुधारवादी होने का अर्थ केवल यह विश्वास करना नहीं है कि उद्धार पर परमेश्वर का प्रभुत्व है, परन्तु यह भी विश्वास करना है कि वह प्रत्येक बातों पर प्रभुता करता है। धर्म-सुधारवादी होने का अर्थ केवल अनुग्रह के सिद्धान्तों को स्वीकार करना नहीं है, परन्तु उनमें आश्वासन प्राप्त करना, उन्हें शालीनता से सिखाना और साहसपूर्वक उनकी रक्षा करना है। धर्म-सुधारवादी होने का अर्थ यह विश्वास करना है कि परमेश्वर के पास छुटकारे लिए एक महिमामय योजना है, और कि वह उस योजना को पूरा कर रहा है। धर्म-सुधारवादी होना ऐतिहासिक धर्म-सुधारवादी अंगीकार मापकों को केवल बाहरी रूप से कहना ही नहीं, परन्तु उन्हें हृदय से पुष्टि करना और उनका परिश्रमपूर्वक अध्ययन करना है। धर्म-सुधारवादी होने का अर्थ न केवल यह है कि हम एक धर्म-सुधारवादी स्थानीय कलीसिया के सदस्य हैं, परन्तु यह है कि हम नियमित, सक्रिय उपासक और अपने स्थानीय कलीसियाओं के जीवन, परिवारों, और कार्य में भागीदार हैं जब हम सुसमाचार को पृथ्वी के छोर-छोर तक ले जाना चाहते हैं। धर्म-सुधारवादी होने का अर्थ आत्मसन्तुष्ट, अपने में प्रसन्न होने वाला, अभिमानी, या निठुर व्यक्ति के समान होना नहीं है परन्तु एक दयालु, निर्भर रहने वाला, नम्र, प्रार्थनापूर्ण, सुसमाचार प्रचार करने वाला, आनन्दपूर्ण, प्रेम करना करने वाला है जो यह विश्वास करते हैं कि परमेश्वर न केवल सभी बातों का अन्त निर्धारित करता है परन्तु यह कि वह केवल अपनी महिमा के लिए पवित्र आत्मा की सामर्थी सेवा द्वारा हम में और हमारे द्वारा सभी बातों का अन्त निर्धारित करता है।