परमेश्वर द्वारा प्रेम किए गए
हमारे पतित संसार में जिस प्रकार के प्रेम को अपनाया जाता है, वह स्वयं परमेश्वर के द्वारा, जो कि स्वयं प्रेम है, परिभाषित प्रेम की मात्र छाया और उसका जानबूझकर बिगाड़ा गया सबसे बुरा स्वरूप है। परमेश्वर का प्रेम क्या है और उसके द्वारा प्रेम किए जाने का क्या अर्थ है? इस श्रृंखला में, डॉ. आर. सी. स्प्रोल ईश्वरीय प्रेम की बाइबलीय शिक्षा की और हमें परमेश्वर और एक-दूसरे से कैसे प्रेम करना चाहिए इसके निहितार्थों की खोजबीन करेंगे।