अनुग्रह के साधन को अपना बनाना - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़
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अनुग्रह के साधन को अपना बनाना

सम्पादक की टिप्पणी: यह टेबलटॉक पत्रिका श्रंखला का वा अध्याय है: अनुग्रह के साधारण साधन

अनुग्रह के साधन ख्रीष्टीय जीवन में कलीसिया की आवश्यकता को उजागर करते हैं। प्रभु ने हमें ख्रीष्टीय जीवन को अकेले जीने के लिए नहीं बनाया है। यह कहा गया है कि विश्वासी जलते हुए कोयले के जैसे हैं। वे अकेले बुझ जाते हैं, परन्तु एक साथ वे जलते रहते हैं। सार्वजनिक आराधना वह स्थान है जहाँ हम सर्वोपस्थित परमेश्वर की विशेष उपस्थिति में प्रवेश करते हैं (भजन 113:4; 139:7)। जब पिता अपने परिवार को एक साथ एकत्रित करता है, ख्रीष्ट उनसे वचन के प्रचार के माध्यम से बात करता है (रोमियों 10:11; इफिसियों 2:17) जब हम आत्मा के द्वारा प्रार्थना करते हैं और कलीसियाई विधियों में परमेश्वर की उपस्थिति का आनन्द लेते हैं। एक साथ इकट्ठा होना न छोड़ने (इब्रानियों 10:25) का अर्थ है सामान्य रूप से दूसरे ख्रीष्टियों के साथ होने से अधिक है। अगुवों के अधीन कलीसिया की सार्वजनिक सभाओं में हम उद्धार में बनाए रखने के साधन प्राप्त करते हैं। हमें विश्वास के द्वारा अनुग्रह के साधनों को अपना बनाना और उपयोग करना चाहिए, उन्हें प्राप्त करने के लिए स्वयं के तैयार करने के द्वारा और पवित्रशास्त्र से उनकी प्रकृति और उपयोग का अध्ययन करने के द्वारा।

विश्वास के बिना अनुग्रह के साधन अनुपयोगी हैं। विश्वास के बिना परमेश्वर को प्रसन्न करना असम्भव है (इब्रानियों 11:6)। विश्वास में ख्रीष्ट में परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं पर भरोसा करना और आत्मा के द्वारा उसकी आशीषों की अपेक्षा करना सम्मिलित होते हैं। अनुग्रह के साधन स्वतः कार्य नहीं करते हैं; वे ऐसे उपकरण हैं जिनके माध्यम से हम अनुग्रह प्राप्त करते हैं, न कि मशीनें जो अनुग्रह को उत्पन्न करती हैं। उद्धार में बनाए रखने के लिए अनुग्रह के साधनों का उपयोग हमें त्रिएक परमेश्वर पर निर्भर बनाता है। हम उस पिता पर भरोसा करते हैं जिसने हमें उद्धार के लिए चुना, उस पुत्र पर जिसने हमारे उद्धार को क्रय किया है, और उस आत्मा पर जो उद्धार को लागू करता है और हमें महिमा में लाता है। हमें बचा लिया गया है (इफिसियों 2:8), हम बचाए जा रहे हैं (1 कुरिन्थियों 1:18), और हम बचाए जाएंगे (1 पतरस 1:5)। आत्मा अजेय रूप से उस अनन्त जीवन को सुरक्षित रखता है जो हमारे पास ख्रीष्ट में है (यूहन्ना 14:16; फिलिप्पियों 1:6)। फिर भी, “जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा, उसी का उद्धार होगा” (मत्ती 24:13; प्रकाशितवाक्य 3:21)। विश्वास वह विजय है जिसके द्वारा हम संसार पर जय प्राप्त करते हैं (1 यूहन्ना 5:4) क्योंकि विश्वास के द्वारा हम ख्रीष्ट को प्राप्त करते हैं (कुलुस्सियों 2:6), जो हमारे लिए परमेश्वर की ओर से बुद्धि, धार्मिकता, पवित्रता और छुटकारा है (1 कुरिन्थियों 1:30)। जो कोई ख्रीष्ट पर विश्वास करता है बचाया जाएगा (योएल 2:32; प्रेरितों के काम 2:21), परन्तु यदि हम विश्वास नहीं करेंगे तो हम स्थिर नहीं किए जाएंगे (यशायाह 7:9)। अनुग्रह के साधन मूल्यवान हैं, क्योंकि उनके माध्यम से परमेश्वर के साथ सहभागिता रखते है। यदि हम धार्मिक या भक्तियुक्त, अनुभव करने लिए कलीसिया में आते हैं, परन्तु हमने त्रिएक परमेश्वर से भेंट नहीं की है, तो हमें सब कुछ हानि समझना चाहिए। विश्वास वह साधन है जिसके द्वारा हम उस परमेश्वर तक आते हैं जो अनुग्रह के साधनों में हमारे पास आता है। क्या हम पिता को अच्छे से जानना चाहते हैं जब हम आत्मा की सामर्थ्य में ख्रीष्ट के माध्यम से उसके साथ सहभागिता का आनन्द लेते हैं? परमेश्वर ने स्वर्ग और पृथ्वी के मध्य द्वी-मार्ग का यातायात बनाने के लिए अनुग्रह के साधन नियुक्त किए हैं। परमेश्वर हमारे पास साधनों के माध्यम से आता है और हम विश्वास के माध्यम से उसके पास आते हैं।

फिर भी, विश्वास का अभ्यास करने के लिए तैयारी और मनन आवश्यक हैं। विश्वास में हमारे मस्तिष्क, हृदय, इच्छा-शक्ति सहित सम्पूर्ण व्यक्ति सम्मिलित होता है। हमें यह जानने की आवश्यकता है कि हमें क्या विश्वास करना चाहिए और क्या करना चाहिए। हमें ऐसा हृदय चाहिए जो उस पिता से प्रेम करे, जिसने हम से प्रेम किया और अपना पुत्र दे दिया (1 यूहन्ना 3:16-18)। हमें परमेश्वर के लिए आत्मा-निर्मित स्नेह की आवश्यकता है, और हमें अपनी इच्छा-शक्ति को उसके अधीन करने की आवश्यकता है। अनुग्रह के साधनों से सर्वाधिक लाभ उठाने हेतु, हमें सार्वजनिक आराधना में उनके माध्यम से परमेश्वर से भेंट करने के लिए अपने हृदयों को तैयार करने चाहिए। बाइबल मानकर चलती है कि ख्रीष्टीय लोग मनन करते हैं (भजन 1:2,119)। इसका तात्पर्य है परमेश्वर की महिमा के विषय में बाइबलीय रूप से, स्पष्ट रूप से, सावधानीपूर्वक और भक्तिपूर्वक सोचना है जैसा कि वह स्वयं को अपने वचन और कार्यों में प्रकट करता है। मनन करना ख्रीष्टिय जीवन में एक भिन्नता को ले आता है। क्या हम आराधना करने लिए परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं को जानते हुए आते हैं कि वह हम से वहाँ भेंट करेगा? क्या हम जानते हैं कि उसको क्या भाता है, और क्या हम सोचते हैं कि वह क्या कर रहा है और हम क्या कर रहे हैं जब हम आराधना करने आते हैं? क्या हम वचन के प्रचार में ख्रीष्ट की आवाज़ सुनने की अपेक्षा करते हैं? क्या हम उस पिता के प्रेम में आनन्दित होते हैं, जिसने अपने पुत्र को मृतकों में से जिला उठाया और जो हमें इस सत्य को सप्ताह के पहले दिन मनाने के लिए अगुवाई करता है? यद्यपि आत्मा सम्प्रभु है, और विभिन्न समयों में विभिन्न प्रकार से कार्य करता है, क्या हम अपेक्षा करते हैं कि वह विश्वासयोग्य रहेगा और हमें अनुग्रह के साधन के माध्यम से हमें यीशु के पास लाएगा? संक्षेप में, तैयारी और मनन के माध्यम से, हम अपने ध्यान को स्वयं से हटाते हैं जब हम अनुग्रह के साधनों का उपयोग करते हैं और इसे त्रिएक परमेश्वर पर पुनर्निर्देशित करते हैं। हमारे प्राणों के लिए इससे अधिक लाभदायक क्या हो सकता है? अनुग्रह के साधनों को प्राप्त करने की तैयारी करना हमें उस प्रकार से जीना सिखाता है जैसे परमेश्वर चाहता है कि हम जिएं: उसकी महिमा के लिए, अन्य लोगों के साथ, हमारे प्राणों के उद्धार के लिए।

विश्वास और तैयारी दोनों के लिए अध्ययन की आवश्यकता होती है। प्रायः, विश्वासी अध्ययन करना चाहते हैं कि बाइबल को अच्छे से कैसे समझा जाए। यह अच्छा है, जब तक हम केवल अपनी जिज्ञासा और ज्ञान की प्यास को सन्तुष्ट करने के लिए नहीं, परन्तु परमेश्वर के लिए बाइबल का अध्ययन करते हैं। ख्रीष्टीयता सरलता से केवल मेरे धर्मी ठहराए जाने, मेरे लेपालकपन, मेरे पवित्रीकरण और मेरी परीक्षाओं और आनन्द पर ध्यान केन्द्रित करने में परिवर्तित हो सकता है। ख्रीष्टीयता केवल लाभों की सूची को प्राप्त करना नहीं है, परन्तु सही परमेश्वर को सही माध्यम से जानना है (यूहन्ना 17:3)। अनुग्रह के साधन हमें स्मरण दिलाते हैं कि जीवन में जो कुछ महत्व रखता है वह यीशु ख्रीष्ट के चेहरे में परमेश्वर की महिमा को देखने में सारांशित होता है (2 कुरिन्थियों 4:6)। जब हम प्रचार और कलीसियाई विधियों के विषय में सोचते हैं, तो यह सोचना सरल है कि ये प्रचारक की “नौकरी” हैं और कि वे हमें व्यक्तिगत रूप से नहीं छूते हैं। यदि प्रचार, कलीसियाई विधियों, और सार्वजनिक प्रार्थना साधन है जिन्हें त्रिएक परमेश्वर ने हमें दिया है, तो क्या अनुग्रह के साधनों का और ख्रीष्टियी जीवन में उनकी भूमिकाओं का अध्ययन नहीं करना चाहिए, और पास्टरों  प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए सार्वजनिक सभाओं में उन्हें बढ़ावा देने के लिए? अन्य संस्थान हमें इस जीवन में बाहरी लाभ प्रदान करते हैं। केवल कलीसिया हमें परमेश्वर प्रदान करती है, और परमेश्वर अनुग्रह के साधन के माध्यम से स्वयं को हम पर प्रकट करता है। संसार स्वास्थ्य, धन, और समृद्धि प्रदान करता है; परमेश्वर कलीसिया में और कलीसिया की सेवकाई के माध्यम से स्वयं को प्रदान करता है। अनुग्रह के साधन ऐसे माध्यम हैं, जिनके द्वारा हमें उसे खोजना और पाना चाहिए। अन्तिम बार कब आपने वचन के प्रचार के विषय में एक पुस्तक पढ़ी थी? क्या आप कलीसियाई विधियों का अध्ययन करते हैं? क्या आप प्रार्थना को विकसित करते हैं, गुप्त, पारिवारिक और सार्वजनिक आराधना में?

अनुग्रह के साधन ख्रीष्टियी विश्वास और जीवन को बढ़ावा देते हैं, और वे ख्रीष्टियी आशा को प्रेरित करते हैं। अन्तिम परिणाम परमेश्वर और अपने पड़ोसी से प्रेम करना है। जैसे हम भोजन और जल के बिना नाश होते हैं, वैसे ही हम अपने आत्मिक भोजन और पेय के रूप में ख्रीष्ट को बिना स्वीकार किए नाश होते हैं (यूहन्ना 6:53)। यद्यपि अनुग्रह के साधन सरल हैं और कई बार अति साधारण प्रतीत होते हैं, परमेश्वर उनके माध्यम से महान कार्य करता है। अपने पवित्रीकरण में, हमें धीमी और स्थिर प्रगति की अपेक्षा करनी चाहिए (अधिकांश समय)। पाप के लिए दुर्लभ ही त्वरित सुधार होते हैं, और पवित्रता में बड़ी छलांगें असामान्य हैं। परमेश्वर कुछ लोगों को उन पापों से शीघ्र ही छुड़ा लेता है जो उनके जीवन में गहराई से पाए जाते हैं परन्तु अधिकांश समय हमें आत्मा द्वारा शरीर के कामों को मारने के लिए संषर्ष करने की आवश्यकता होती है (रोमियों 8:13)। त्रिएक परमेश्वर अनुग्रह के साधनों का उपयोग करता है हमारे भीतर पाप को मारने के लिए और हमें उसके नाम के लिए धार्मिकता के मार्ग में ले जाने के लिए (भजन 23:3)। कलीसिया में न भोजन को छोड़ने के जैसा है। प्रत्येक भोज सम्भवतः भव्य न हो,  परन्तु वे सभी मिलकर हमें जीवित रखते हैं। प्रायः हम नहीं सीखते हैं कि हम अनुग्रह के साधनों से कितना बढ़ते हैं जब तक कि हम उनकी उपेक्षा न करें या उन्हें खो न दें।

ख्रीष्ट में आत्मिक जीवन को पोषित करने के लिए प्रभु अनुग्रह के साधनों का उपयोग करता है। हमें विश्वास के द्वारा अपेक्षा करना चाहिए कि आत्मा पिता द्वारा चुने हुए साधनों को आशीषित करेगा। हमें अध्ययन और मनन के द्वारा अनुग्रह के साधन को प्राप्त करने की तैयारी करनी चाहिए। हमें उद्धारकर्ता के स्थान पर साधनों पर भरोसा न करके, परमेश्वर पर भरोसा करना चाहिए कि उद्धारकर्ता के पास हमें लाने के लिए वह साधनों को उपयोग करेगा। आइए हम विश्वास के कार्य, प्रेम के श्रम और आशा के धैर्य को बढ़ावा देने के लिए अनुग्रह के साधनों में प्रभु की खोज करें (1 थिस्सलुनीकियों 1:3) जब हम बड़े साहस से धीरज के साथ अपने दौड़ के अन्त तक लगे रहते हैं (इब्रानियों 12:1)। यीशु हमारे विश्वास का मार्गदर्शक और अन्त है, वह हमारे पांवों को चौड़े स्थानों में खड़ा करेगा (भजन 31:8) जब हम उन साधनों का उपयोग करते हैं जिनको उसने अपने साथ चलने लिए नियुक्त किए हैं।

यह लेख मूलतः टेबलटॉक पत्रिका में प्रकाशित किया गया।
रायन एम. मैकग्रॉ
रायन एम. मैकग्रॉ
डॉ. रायन एम. मैकग्रॉ ग्रीनविल प्रेस्बिटेरियन थियोलॉजिकल सेमिनरी में मोर्टन एच. स्मिथ प्रोफेसर ऑफ सिस्टेमैटिक थियोलॉजी और शैक्षिक अध्यक्ष हैं। वे कई पुस्तकों के लेखक हैं, जिनमें द डे ऑफ वर्शिप सम्मिलित है।