क्रूस का ईश्वरविज्ञान - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़
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क्रूस का ईश्वरविज्ञान

सम्पादक की टिप्पणी: यह टेबलटॉक पत्रिका श्रंखला का पहला अध्याय है: ख्रीष्ट वरन क्रूस पर चढ़ाए गए ख्रीष्ट

आज कलीसिया के लिए मेरा सबसे बड़ा भय यह है कि हम ख्रीष्ट के क्रूस से कहीं ऊब न जाएं। मुझे चिन्ता है कि ख्रीष्ट और उसके क्रूस पर चढ़ाए गए ख्रीष्ट का कोई भी उल्लेख के कारण ख्रीष्टीय कहने वाले लोग स्वयं से कहते हैं: “हाँ, मेरे पापों के लिए क्रूस पर यीशु के मरने के विषय में जानता हूँ—चलिए किसी और विषय पर बात करते हैं। आइए गम मूलभूत बातों से निकल कर, और भी बड़े ईश्वरविज्ञानीय विषयों के बारे में बात करते हैं।” मेरा दृढ़ विश्वास है कि शैतान हमें नाश करने का प्रयास में लगा हुआ है, परन्तु वह ख्रीष्ट और उसे क्रूस पर चढ़ाए गए ख्रीष्ट के विषय में हमारे विस्मय को घटाकर भी संतुष्ट होगा। इस प्रकार के विस्मिय का खोया जाना प्रायः उपदेश मंच से आरम्भ होता है, और यह शीघ्र से उपदेश सुन रहे लोगों के हृदयों और घरों में प्रवेश कर जाता है। जब पास्टर क्रूस के विषय में प्रचार करना बन्द कर देते हैं या इसका वर्णन तब ही करते हैं जब इसकी आवश्यकता होती है, परमेश्वर के लोग सरलता से क्रूस को एक ऐसे महत्वहीन विषय के रूप में देखना आरम्भ कर सकते हैं जिस पर कभी-कभी विचार करने की आवश्यकता होती है।

सब स्वयं को ख्रीष्टीय कहने वाले लोग जानते हैं कि क्रूस महत्वपूर्ण है, परन्तु हम प्रायः  इसके सर्वव्यापी अर्थ को समझने में विफल हो जाते हैं—कि क्रूस न केवल हमारे विश्वास का केन्द्र बिन्दु है, परन्तु यह हमारे विश्वास, हमारे जीवन और हमारी आराधना के सम्पूर्ण अस्तित्व को सम्मिलित करता है। हमें क्रूस का एक उचित ईश्वरविज्ञान को रखने के लिए, ख्रीष्ट और उसके क्रूस पर चढ़ाए जाने की सत्यता को हमें प्रभावित करना चाहिए उन सब बातों में जिन पर हम विश्वास करते हैं और जिन्हें हम करते हैं। क्रूस को केवल हमारी ईश्वरविज्ञानीय प्राथमिकता सूची के शीर्ष पर नहीं होना चाहिए; इसे हमारी सब ईश्वरविज्ञानीय प्राथमिकताओं का केन्द्र होना चाहिए। यदि हम ख्रीष्ट के क्रूस से ऊब जाते हैं, और यदि हम ख्रीष्ट और उसके क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिए अपने आश्चर्य को खो देते हैं, तो हम शीघ्रता से ख्रिष्टीय सिद्धान्त और व्यवहार की सम्पूर्णता को खो देंगे।

फिर प्रश्न यह है कि बहुत सारे ख्रीष्टीय ख्रीष्ट के क्रूस के विषय में अधिक क्यों नहीं सुनते हैं? ऐसा क्यों है कि कुछ प्रचारक क्रूस ईश्वरविज्ञान के गहराई में नहीं जाते हैं? कुछ प्रचारक क्रूस के विषय में प्रचार करने में अधिक समय व्यतीत नहीं करते हैं क्योंकि यदि वे करें, तो उन्हें पाप के विषय में, परमेश्वर के प्रकोप विषय में, परमेश्वर की पवित्रता के विषय में, और परमेश्वर के द्वारा नरक में इन लोगों को अनन्तकाल के लिए दोषी ठहराए जाने के विषय में बात करना पड़ेगा जो क्रूस के नीचे आकर पश्चात्ताप नहीं करते हैं। उचित रीति से, हम परमेश्वर के उस प्रेम पर ध्यान देकर अच्छा करते हैं जिसे उसने क्रूस पर प्रदर्शित किया, परन्तु यदि हम परमेश्वर के प्रकोप को नहीं समझते हैं, न केवल पाप के प्रति परन्तु पापियों के प्रति, तब हम पापियों के लिए परमेश्वर के प्रेम को नहीं समझ सकते। यदि हम इस बात को समझने में विफल होते हैं कि परमेश्वर हमें किस से बचाता है—अर्थात, प्रकोप, न्याय, और नरक से—तो हम कभी भी उसकी दया को नहीं समझेंगे। यदि हम अपने पाप के घिनौनेपन का सामना नहीं करते हैं, तो हम उसके अद्भुत अनुग्रह में विश्राम नहीं कर पाएंगे। क्योंकि केवल जब हम समझेंगे कि हमारे पाप ने यीशु को क्रूस पर चढ़ाया तो हम यह देखना आरम्भ करेंगे कि परमेश्वर ने क्रूस पर हमारे लिए क्या किया।

यह लेख मूलतः टेबलटॉक पत्रिका में प्रकाशित किया गया।
बर्क पार्सन्स
बर्क पार्सन्स
डॉ. बर्क पार्सन्स टेबलटॉक पत्रिका के सम्पादक हैं और सैनफोर्ड फ्ला. में सेंट ऐंड्रूज़ चैपल के वरिष्ठ पास्टर के रूप में सेवा करते हैं। वे अश्योर्ड बाई गॉड : लिविंग इन द फुलनेस ऑफ गॉड्स ग्रेस के सम्पादक हैं। वे ट्विटर पर हैं @BurkParsons.