परमेश्वर के प्रावधान में - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़
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परमेश्वर के प्रावधान में

सम्पादक की टिप्पणी: यह टेबलटॉक पत्रिका श्रंखला का पहला अध्याय है: प्रावधान

मैंने पिछले कुछ वर्षों में अनेक मसीहियों से बात की जिन्होंने मुझे बताया कि जब वे अन्ततः उद्धार में परमेश्वर की सम्प्रभुता को समझ पाए, तो उन्हें यह आभास हुआ कि जैसे कि वे दूसरी बार ख्रीष्ट में परिवर्तित हो गए हैं। वास्तविकता यह है कि बहुत से लोग जिन्हें ऐसा आभास होता है, वास्तव में ख्रीष्ट में यह उनका पहला हृदय परिवर्तन है। क्योंकि जब हम यह समझ पाते हैं कि परमेश्वर सच में कौन है, तब ही हम स्वयं को समझ पाते हैं—कि हम पाप में मरे हुए थे और परमेश्वर ने अपनी सम्प्रभु इच्छा से पवित्र आत्मा के द्वारा ख्रीष्ट में हमें जीवित किया। जब हम यह जान जाते हैं कि हमारा उद्धार परमेश्वर के अद्भुत अनुग्रह के कारण ही हुआ है, हमारी आँखें खुल जाती हैं। हम मात्र यह नहीं देखते कि परमेश्वर ने हमें बचाया है परन्तु यह भी देखते हैं कि उसने कैसे हमें बचाया है जब कि आत्मा हमारी हर उस बात पर विचार करने में सहायता करता है जिसकी परमेश्वर ने हमारे जीवन में हमारा उद्धार लाने के लिए योजना बनायी थी।

मसीहीयों के रूप में, हम जानते हैं कि वास्तव में भाग्य, संयोग,या नियति जैसा कुछ नहीं होता। हम समझते हैं कि ईश्वरीय प्रावधान शब्द संयोग शब्द का मसीही पर्यायवाची नहीं है। हम जानते हैं कि सब कुछ किसी कारण से होता है, और अविश्वासियों के विपरीत जो प्रायः यही बात कहते हैं, हम वास्तव में उस परमेश्वर को जानते हैं जो सब बातों पर नियन्त्रण में हैं। हम सब कुछ जो होता है उसके अन्तिम कारण को जानते हैं: परमेश्वर की महिमा और हमारी अन्तिम और अनन्त भलाई। मसीहियों के रूप में, हम विश्वास करने के लिए बाध्य हैं कि परमेश्वर सम्प्रभु है,  क्योंकि यदि हम उसकी सम्प्रभुता पर विश्वास नहीं करते, तो वास्तव में हम यह विश्वास नहीं करते कि परमेश्वर ही परमेश्वर है। और यदि हम परमेश्वर की सम्प्रभुता पर विश्वास करते हैं, तो हमें परमेश्वर के प्रावधान पर भी विश्वास करना चाहिए। यद्यपि सम्प्रभुता और प्रावधान अविभाज्य रूप से सम्बन्धित हैं, तब भी वे एक नहीं हैं। सरल रूप से, परमेश्वर का प्रावधान सब बातों में परमेश्वर की सम्प्रभुता का सक्रिय लागूकरण है। इसलिए, अच्छे प्रावधान या बुरे प्रावधान, सुखद या कठिन प्रावधान जैसा कुछ नहीं हैं, परन्तु मात्र प्रावधान है।

समस्या यह है कि अनेक मसीही ठीक रूप से यह नहीं समझते कि परमेश्वर अपने प्रावधान में वह सब कैसे करता है जो वह करता है। कितनी ही बार मसीही विशेष बातों के सम्बन्ध में परमेश्वर के प्रावधान के विषय में बात करते हैं जब कि जीवन में समस्त छोटी-छोटी बातों में परमेश्वर के प्रावधान को पहचानने में असफल रहते हैं? हम यह स्वीकार करना चाहिए कि सारी सृष्टि में जो कुछ भी होता है किसी न किसी प्रकार से परमेश्वर के प्रावधान का परिणाम है, और हमें यह भी स्वीकार करना चाहिए कि उसके सारे प्राणियों और सारी सृष्टि के लिए त्रिएक परमेश्वर का प्रावधानीय शासन उसे पाप का स्रोत या समर्थक नहीं बनाता है। इसमें महिमावान भेद है, तथापि यह वही है जिसे परमेश्वर ने अपने विषय में प्रकट किया है। हमें परमेश्वर को दोष देने का कारण बनाने के स्थान पर, यह हमें पूर्ण रूप से उस पर निर्भर बनाचा है जब हम परमेश्वर की उपस्थिति में, अभी और सदा काल के लिए, उसकी और केवल उसकी महिमा के लिए जीते हैं।

यह लेख मूलतः टेबलटॉक पत्रिका में प्रकाशित किया गया।
बर्क पार्सन्स
बर्क पार्सन्स
डॉ. बर्क पार्सन्स टेबलटॉक पत्रिका के सम्पादक हैं और सैनफोर्ड फ्ला. में सेंट ऐंड्रूज़ चैपल के वरिष्ठ पास्टर के रूप में सेवा करते हैं। वे अश्योर्ड बाई गॉड : लिविंग इन द फुलनेस ऑफ गॉड्स ग्रेस के सम्पादक हैं। वे ट्विटर पर हैं @BurkParsons.