मनाने के लिए प्रचार करना - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ %
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मनाने के लिए प्रचार करना

पास्टरों को ईश्वरीय रूप से परमेश्वर के वचन का प्रचार करने के लिए बुलाया गया है। और उनको यह कार्य मनाते हुए करना चाहिए, जैसे कि पौलुस ने प्रेरितों के काम 18:4 में किया: “और वह प्रत्येक सब्त के दिन आराधनालय में तर्क-वितर्क करके यहूदियों और यूनानियों को समझाने (मनाने) का प्रयत्न करता था।” प्रचारकों का लक्ष्य होना चाहिए कि उनके श्रोता न केवल परमेश्वर के सत्य को सुनने के लिए और ग्रहण करने के लिए मान जाएँ, परन्तु उसे लागू करने के लिए भी। दुर्भाग्यवश, जैसा कि मायकल जे. क्रूगर ने कहा है, “अधिकाँश सन्देशों में एक महत्वपूर्ण कमी है कि लोगों को मनाया नहीं जाता है।” मनाने वाले प्रचार के विषय में तीन विचार प्रस्तुत करने के द्वारा मेरा लक्ष्य है कि मेरे जैसे पास्टर मनाते हुए प्रचार करने के लिए उत्साहित हों।

आत्मा की सामर्थ्य
मनाने वाला प्रचार पापी के हृदय को परिवर्तित करने हेतु पवित्र आत्मा की सामर्थ्य पर भरोसा रखने पर आधारित होता है। जब आप प्रति रविवार उपदेश मंच के पीछे खड़े होते हैं, स्मरण करें कि आप एक ऐसी मण्डली को प्रचार कर रहे हैं जिसमें भेड़ और बकरियां दोनों हैं। किसी भी स्थानीय कलीसिया में विश्वासी और अविश्वासी दोनों होंगे। कलीसियाएँ सिद्ध रीति से शुद्ध नहीं होती हैं। अविश्वासियों को और विश्वासियों दोनों को सुसमाचार की आवश्यकता है: अविश्वासियों को उद्धार के लिए, और विश्वासियों को पवित्रीकरण के लिए।

अविश्वासियों को प्रचार करना मृतकों से बात करने के समान है। हम इस चित्रण को यहेजकेल 37 में देखते हैं जब परमेश्वर ने अपने नबी को कार्य दिया कि वह सूखी हड्डियों को प्रचार करे, जो कि “इस्राएल के सम्पूर्ण घराने” (11 पद) की आत्मिक स्थिति का चित्रण है। इन सूखी हड्डियों के समान इस्राएल के बच्चे आत्मिक रीति से मृतक थे। परमेश्वर ने यहेजकेल को आज्ञा दी कि उनसे कहे, “हे सूखी हड्डियो, यहोवा का वचन सुनो” (4 पद)। आप सूखी हड्डियों को परमेश्वर के वचन को सुनने के लिए कैसे मना सकते हैं जब कि वे वास्तव में मरी हुई हैं? इसी स्थिति में आपको पूर्णतः आश्वस्त होना चाहिए कि आत्मा के पास अलौकिक सामर्थ्य है जिससे वह आत्मिक रूप से मृतक पापियों को ख्रीष्ट के साथ जिला सकता है (इफिसियों 2:5)।

इसलिए, परमेश्वर की क्षमता पर पूर्ण कायलता के साथ प्रचार करें कि वह उन लोगों को भी बचा सकता है जिनका बचाया जाना आपके अनुसार असम्भव है। इस कायलता के साथ अपनी कलीसिया के विश्वासी सदस्यों को मनाएँ कि वे अपने अविश्वासी प्रियजन और मित्रों के हृदय-परिवर्तन के लिए सुसमाचार बाँटना और प्रार्थना करना न छोड़ें।

ईश्वरीय सम्प्रभुता और मानवीय उत्तरदायित्व
मनाने वाला प्रचार ईश्वरीय सम्प्रभुता और मानवीय उत्तरदायित्व दोनों को अपनाता है। अविश्वासियों को पापों से पश्चात्ताप करने और ख्रीष्ट पर विश्वास करने के लिए बुलाना तर्कहीन प्रतीत हो सकता है। आखिरकार, जब तक परमेश्वर मृतक प्राणों को न जिलाए, वे पश्चात्ताप नहीं कर सकते हैं और विश्वास नहीं कर सकते हैं, इसलिए यह अधिक तर्कसंगत होता यदि परमेश्वर सुसमाचार के प्रति उनके हृदयों को पहले ही खोल दे, इस से पहले कि हम उन्हें पश्चात्ताप करने और विश्वास करने के लिए बुलाएँ। भले ही यह हमें अधिक तर्कसंगत प्रतीत होता हो, किन्तु यह बाइबलीय पद्धति नहीं है। उदाहरण के लिए, इससे पहले कि वह उन्हें पुनरुज्जावित करे, परमेश्वर ने यहेजकेल को आज्ञा दी कि वह इस्राएल के लोगों को प्रचार करे। “अतः उसकी इस आज्ञा के अनुसार मैंने नबूवत की और उनमें श्वास आ गया और वे जीवित हो गए” (37:10)। यहाँ हम सीखते हैं कि परमेश्वर सामान्य रीति से पापियों को पुनरुज्जीवित करने के लिए अपने वचन की उद्घोषणा का उपयोग करता है। और यद्यपि अविश्वासी आत्मिक रीति से मृतक—और इस कारण स्वयं में विश्वास करने में अक्षम—हैं, फिर भी उनका उत्तरदायित्व है कि वे अपने उद्धार के लिए विश्वास करें। सुसमाचार का सन्देश स्पष्ट है: प्रभु यीशु ख्रीष्ट पर विश्वास करो, और तुम बचाए जाओगे (प्रेरितों के काम 16:31)। बिना विश्वास किए कोई भी अपेक्षा नहीं कर सकता है कि वह बचाया जाए। वास्तव में, जिस प्रकार से पास्टरों को सुसमाचार प्रचार करने की आज्ञा मिली है, उसी प्रकार अविश्वासियों को सुसमाचार पर विश्वास करने की आज्ञा मिली है।

इसलिए, मनाने वाला प्रचार उदारता से सुसमाचार को प्रस्तुत करने से और अविश्वासी को पश्चात्ताप करने और विश्वास करने के लिए आग्रह करने से नहीं हिचकिचाता है। दूसरी ओर, अति-कैल्विनवादी (Hyper-Calvinistic) प्रचार तर्क करता है कि उद्धार के लिए यीशु पर विश्वास करना अविश्वासियों के लिए अनिवार्य कर्तव्य नहीं है क्योंकि पापों में मरे हुए होने के कारण उनमें विश्वास करने की क्षमता नहीं है। इसलिए, अति-कैल्विनवादी कहते हैं कि विश्वास के द्वारा ख्रीष्ट के पास आने की माँग करना, न केवल तर्कहीन है वरन् पवित्रशास्त्र के विरुद्ध भी।

इसके विपरीत, मनाने वाला प्रचार ईश्वरीय सम्प्रभुता और मानव उत्तरदायित्व दोनों को अपनाता है—अर्थात्, जब तक परमेश्वर हमें विश्वास प्रदान न करे, हम विश्वास नहीं कर सकते हैं; फिर भी हम विश्वास करने के लिए उत्तरदायी हैं। आत्मा हमारा सर्वश्रेष्ठ मनाने वाला है, फिर भी प्रचारकों को बुलाया गया है कि वे लोगों को मनाएँ। परन्तु आप पूछ सकते हैं कि मनाने वाला प्रचार दोनों को एक साथ कैसे रखता है? चार्ल्स स्पर्जन ने इस बात को सम्बोधित किया:

आप मुझे दोनों को एक करने के लिए कहते हैं। मेरा उत्तर है, कि उनको मिलाए जाने की आवश्यकता नहीं है। मैंने कभी भी स्वयं उनको मिलाने का प्रयास नहीं किया, क्योंकि मुझे दोनों में कोई विसंगति नहीं दिखी। . . . दोनों बातें सत्य हैं; दो सत्य बातें एक दूसरे से असंगत नहीं हो सकती हैं; और आपको उन दोनों पर विश्वास करना होगा।

मस्तिष्क और हृदय
मनाने वाला प्रचार मस्तिष्क और हृदय दोनों को सम्बोधित करता है, और इसका लक्ष्य है कि हाथ कार्य पर लग जाएँ। जब आप प्रचार करते हैं, ऐसे सन्देश प्रस्तुत करने का प्रयास करें जो न केवल श्रोताओं के मस्तिष्कों को जानकारी उपलब्ध कराए, परन्तु हृदयों से भी व्यवहार करें और उनके हाथों को प्रचार की गई बातों को लागू करने के लिए उत्साहित करें।

दुर्भाग्यवश, कुछ पास्टर ऐसे प्रचार करते हैं मानो वे समाचार पढ़ने वाले या व्याख्याता हैं, और वे केवल जानकारी देने में रुचि रखते हैं। मैंने एक सेवक को यह कहते हुए सुना, “एक प्रचारक के रूप में मेरी बुलाहट केवल परमेश्वर के सत्य की शिक्षा देना है। इस सत्य को लागू करना मेरा नहीं वरन् पवित्र आत्मा का कार्य है।” परन्तु जैसा कि डेरेक डब्ल्यू. एच. थॉमस ने तर्क किया है: “प्रचार करना में शिक्षा देने के साथ लागूकरण करना है। यह कहना कि प्रचार करना लागूकरण है, सम्भवतः अत्यधिक दृढ़ कथन है, परन्तु जब तक इसमें ‘तो हम क्या करें?’ तत्व न हो, तो यह प्रचार से कम ही है।” यदि पास्टर मनाते हुए प्रचार करना चाहे, तो उसे अपने सदस्यों को पर्याप्त रीति से जानना होगा कि वह उनकी आत्मिक आवश्यकताओं और संघर्षों को प्रभावशाली रीति से सम्बोधित कर सके।

यह लेख मूलतः लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ ब्लॉग में प्रकाशित किया गया।

ब्रायन जी. नजप्फॉर
ब्रायन जी. नजप्फॉर
डॉ. ब्रायन जी. नजप्फॉर जॉर्डन, ओन्टारियो में हेरिटेज रिफॉर्म्ड कॉन्ग्रिगेशन के पास्टर हैं। उन्होंने पच्चीस वर्षों से अधिक फिलीपींस और संयुक्त राज्य अमरीका में पास्टर के रूप में सेवा की है। वे कई पुस्तकों के लेखक हैं, जिनमें द गॉस्पेल-ड्रिवन टंग और अ हीअरर ऑफ गॉड्स वर्ड पुस्तकें सम्मिलित हैं।